मध्यप्रदेश का हरियाणा में भी असर, यहां भी हो सकते हैं किसानों के कर्ज
मध्यप्रदेश की नई सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफ करने का कदम उठाने का असर हरियाणा में भी पड़ता दिख रहा है। हरियाणा सरकार यहां भी किसानों के कर्जमाफ करने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार की किसानों की कर्जमाफी के लिए कदम उठाए जाने का असर हरियाणा में भी पड़ता दिखता है। इससे दबाव में आई हरियाणा की भाजपा सरकार भी किसानों के कर्ज माफ कर सकती है। इसके लिए उसने योजना बनानी शुरू कर दी है। किसानों के कर्ज पर एकमुश्त ब्याज माफी की योजना बनाने के लिए अफसरों को निर्देश दे दिए गए हैं। नगर निगम चुनाव नतीजे आने के बाद कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मनोहर सरकार बना रही योजना, 19 दिसंबर को निगम चुनावों के परिणाम के बाद लेगी अंतिम निर्णय
मालूम हो कि कांग्रेस के किसानों के कर्ज माफ करने के फार्मूले से भाजपा पर पूरा दबाव बना हुआ है। लोकसभा चुनाव के साथ या इसके तुरंत बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसलिए प्रदेश सरकार इस योजना के बारे में अभी से विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने में जुटी हुई है।
कांग्रेस की कर्ज माफी योजना के बाद भाजपा पर भी दबाव बढ़ा
योजना का प्रारूप और आधार अभी तय नहीं है। सूत्रों के अनुसार, सरकार ने किसानों के कर्ज पर एकमुश्त ब्याज माफी योजना का प्रारूप तैयार करने के लिए अफसरशाही को आदेश दे दिए हैं। सहकारी बैंकों से लेकर कृषि बैंकों से सरकारी स्तर पर किसानों के कर्ज संबंधी आंकड़े एकत्र किए जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि किसानों के कर्ज पर करीब 850 करोड़ रुपये का ब्याज बकाया है, इसे माफ करने की योजना कभी भी सरकार ला सकती है।
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किसानों के कर्ज माफी योजना को भुनाएगी कांग्रेस
जानकार बताते हैं कि तीन राज्यों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री बनने के बाद पार्टी किसानों के कर्ज माफी योजना को भुनाएगी। यही कारण है कि भाजपा ने पहले से ही इस बाबत तैयारी शुरू कर दी है। बेशक वह अभी अधिकृत रूप से कुछ नहीं कह रही है, मगर आने वाले समय में किसानों के कर्ज माफी की योजना को राजनीतिक बल अवश्य मिलेगा। कांग्र्रेस हाईकमान को राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की समस्या के बाबत रिपोर्ट देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि किसानों के कर्ज माफ होने चाहिए।
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निगम के नतीजे आने के बाद तय होगी लोस व विस चुनाव की रूपरेखा
हरियाणा के पांच नगर निगमों के चुनाव नतीजे 19 दिसंबर को आएंगे। भाजपा यदि 4-1 से जीत जाती है तो पार्टी की तरफ से लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने की संस्तुति की जा सकती है। पार्टी सूत्र बताते हैं कि राज्य भाजपा के नेता लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव नहीं चाहते, अन्यथा हाईकमान की तरफ से हरी झंडी है। नगर निगम चुनावों के परिणाम के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।