एमबीबीएस व बीडीएस में पढ़ाई बीच में छोड़ी तो देने पड़ेंगे पांच लाख
यदि कोई छात्र एमबीबीएस व बीडीएस की पढ़ाई बीच मे छोड़ेगा तो उसे पांच लाख रुपये की राशि जमा करानी होगी। हरियाणा चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान विभाग ने यह अादेश जारी किया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। प्रदेश के सभी राजकीय, राजकीय सहायता प्राप्त, निजी मेडिकल और डेंटल चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के शुरू होने के बाद यदि कोई उम्मीदवार बीच में ही पढ़ाई छोड़ता है तो उसे प्रवेश के समय भरे गए पांच लाख रुपये का बांड सरकार को देना होगा।
मेडिकल और डेंटल चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में दाखिला प्रक्रिया शुरू
हरियाणा चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के समय छात्रों को दो श्योरिटीज के साथ एक बांड देना होगा जो प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा सत्यापित होना चाहिए। इसमें लिखा होगा कि वह पाठ्यक्रम को पूर्ण होने से पहले नहीं छोड़ेगा। संस्थान को अधिकार होगा कि वह डिफाल्टर उम्मीदवार से ऐसी राशि की रिकवर कर सकता है।
उम्मीदवार को वार्षिक आधार पर फीस का भुगतान करना होगा और संस्थान पूरे पाठ्यक्रम की फीस एडवांस में भुगतान करने के लिए उम्मीदवार पर दबाव नहीं बनाएगा। सफल उम्मीदवारों द्वारा प्रथम वर्ष की फीस डिमांड ड्राफ्ट के जरिये रजिस्ट्रार पंडित भगवत दयाल शर्मा आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक को जमा कराई जाएगी। प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रवेश समिति के चेयरमैन द्वारा संबंधित संस्थान को यह फीस हस्तांतरित की जाएगी।
लगातार काउंसलिंग में एक संस्थान से दूसरे संस्थान में आवेदक को शिफ्ट करने की स्थिति में फीस रिफंड या एडजेस्ट की जाएगी। यदि उम्मीदवार की मृत्यु हो जाती है या उस गम्भीर मानसिक बीमारी या गंभीर शारीरिक चोट पहुंचती है तो उस स्थिति में फीस रिफंड की जा सकती है। उम्मीदवार को निजी कालेजों में प्रवेश के लिए केवल काउंसलिंग के समय 50 फीसद फीस जमा करानी होगी। फीस का शेष भाग प्रवेश की अंतिम तिथि से पहले संस्थान में जमा कराना होगा।
बीटेक के लिए काउंसलिंग 25 से
तकनीकी विश्वविद्यालयों और राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में बीटेक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली ऑनलाइन काउंसलिंग 25 से जून 28 तक होगी। दूसरी ऑनलाइन काउंसलिंग 10 से 13 जुलाई तक आयोजित की जाएगी। बीई या बीटेक चार साल के पाठ्यक्रम के लिए नान-मेडिकल विषय में 12 वीं कक्षा में न्यूनतम 45 फीसद और जेईई (मेन) 2018 में रैंक का आधार रहेगा।