भर्तियों में शिकायत है तो कर्मचारी चयन आयोग के पोर्टल पर दस्तक दें, जानें पूरी प्रक्रिया
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों को लेंकर कोई शिकायत है तो उसके पोर्टल पर जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में भॢतयों के लिए आवेदन करने वाले अथवा चयनित हो चुके युवाओं को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। प्रदेश सरकार ने पारदर्शिता बरतते हुए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की वेबसाइट पर समाधान पोर्टल की शुरुआत की है। इस पर क्लिक करते ही शिकायत दर्ज कराने का कालम दिखाई देगा, जिसमें दर्ज फार्म में कोई भी युवा किसी भी भर्ती से संबंधित अपनी आपत्ति अथवा शिकायत दर्ज करा सकेगा। इसके साथ ही सरकार ने आयोग के पांच सदस्याें का कार्यकाज नौ महीने बढ़ा दिया है।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पांच सदस्यों का कार्यकाल नौ माह बढ़ा
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के इस पोर्टल पर एक कालम शिकायतों की ट्रैकिंग का भी है, जहां शिकायत का नंबर दर्ज कर यह भी देखा जा सकेगा कि आयोग ने क्या कार्रवाई की अथवा की भी या नहीं। इस पोर्टल की शुरुआत से अब शिकायतों के लिए कागजी काम बंद हो सकेगा तथा युवाओं को घर बैठे ही उनकी समस्याओं का समाधान होगा। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती ने इस प्रयास के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सराहना करते हुए कहा कि जीरो टोलरेंस तथा पारदर्शी व्यवस्था के तहत युवाओं के हित में यह बड़ा फैसला लिया गया है।
जजपा को आयोग में हिस्सेदारी के लिए अभी करना पड़ेगा नौ माह का इंतजार
दूसरी तरफ हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पांच सदस्यों नीलम अवस्थी, अमर नाथ सौदा, भोपाल सिंह, विजय पाल सिंह और प्रदीप जैन का कार्यकाल नौ माह के लिए बढ़ा दिया गया है। इन पांचों सदस्यों का कार्यकाल 12 जुलाई 2019 को एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था, जो अब पूरा होने वाला था, लेकिन इससे पहले ही सरकार ने मार्च 2021 तक पांचों सदस्यों को आयोग में काम करने की अनुमति प्रदान की है।
आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती का वर्तमान दूसरा कार्यकाल भी अगले वर्ष मार्च 2021 तक ही है। अब अगले वर्ष मार्च में ही चेयरमैन और पांचों सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद आयोग का पुनर्गठन हो सकेगा, जिस कारण प्रदेश सरकार में भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) को अपने सदस्य लगवाने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।
सवा पांच वर्ष पूर्व मार्च 2015 में हरियाणा सरकार द्वारा भारत भूषण भारती को तीन वर्षों के लिए आयोग का चेयरमैन एवं नीलम अवस्थी, देवेंद्र सिंह, अमर नाथ सौदा, भोपाल सिंह एवं विजय पाल सिंह को तीन वर्षो के लिए सदस्य बनाया था। इसके सवा वर्ष बाद जुलाई 2016 में आयोग में पांच और सदस्यों डा. एचएम भारद्वाज, राजबाला सिंह, प्रदीप जैन, सुरेंद्र कुमार और डॉ. हंस राज यादव की नियुक्ति भी तीन वर्षों के लिए की गई। हालांकि इन बाद के पांच सदस्यों के नाम कभी आयोग की वेबसाइट पर नहीं दर्शाए गए।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार मौजूदा प्रावधानों के अनुसार आयोग में चेयरमैन के अलावा दस अन्य सदस्य नियुक्त किए जा सकते हैं। चेयरमैन 68 वर्ष की आयु तक और सदस्य 65 वर्ष आयु तक आयोग में रह सकते हैं। हेमंत ने बताया कि साढ़े 15 वर्ष पूर्व तत्कालीन ओम प्रकाश चौटाला सरकार ने दिसंबर 2004 में हरियाणा विधानसभा द्वारा हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग अधिनियम 2004 बनवाकर आयोग को वैधानिक मान्यता प्रदान कर दी थी।
इसके केवल तीन महीने बाद मार्च 2005 में जब विधानसभा के आम चुनावों के बाद भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने नई विधानसभा के पहले ही सत्र में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (निरसन) विधेयक 2005 सदन से पारित करवाकर आयोग को मिला कानूनी दर्जा समाप्त करवा दिया।
दोनों सरकारों ने तब यह अपने अपने राजनीतिक कारणों के फलस्वरूप ही करवाया था. हालांकि हुड्डा ने विधानसभा से कानून पारित करवा वर्ष 2011 में हरियाणा राज्य अध्यापक चयन बोर्ड और फिर वर्ष 2013 में हरियाणा पुलिस भर्ती बोर्ड का गठन भी करवाया था, जिन्हेंं भाजपा सरकार ने वर्ष 2014 में हरियाणा में सत्ता में आते ही कानूनन समाप्त करवा दिया था।