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अभय चौटाला बोले- मजबूरी में सक्रिय राजनीति में आया, हमेशा बड़े भाई के पीछे चला

चौटाला परिवार में विवाद के टूट की नौबत के बीच अभय चौटाला ने अपने दिल की बात रखी है। अभय चाैटाला ने कहा, वह मजबूरी में सक्रिय राजनीति में आए। वह सीएम पद के दावेदार नहीं हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 05:15 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 07:13 PM (IST)
अभय चौटाला बोले- मजबूरी में सक्रिय राजनीति में आया, हमेशा बड़े भाई के पीछे चला
अभय चौटाला बोले- मजबूरी में सक्रिय राजनीति में आया, हमेशा बड़े भाई के पीछे चला

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। चौटाला परिवार में कलह के अंतिम मोड़ पर पहुंचने के के परिवार में चल रही कलह के बीच विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने अपनी बात रखी है। अभय का कहना है कि वह मुख्‍यमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के सीएम बनने में यदि कोई कानूनी अड़चन आई तो जिसे वह चाहेंगे, वही सीएम बनेगा। सीएम पद का उम्मीदवार चौटाला परिवार से भी हो सकता है और इनेलो का कोई आम कार्यकर्ता भी।

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अभय सिंह चौटाला से विशेष बातचीत में खोले दिल के राज

एक खास बातचीत में अभय चौटाला ने कहा कि वह मजबूरी में सक्रिय राजनीति में आए। वह राजनीति में हमेशा बड़े भाई अजय चौटाला के पीछे चले। परिवार में चल रही कलह पर दैनिक जागरण ने उनसे विशेष बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश-

0 चौटाला परिवार में बिखराव का कारण क्या मानते हैैं। कहीं सीएम पद की लड़ाई तो नहीं?

- मैैं कभी भी सीएम पद की रेस में नहीं रहा। न ही ऐसी मेरी कोई इच्छा है। चौटाला साहब जिसे चाहेंगे, वह सीएम होगा। चुनाव घोषित होते ही हमारी पार्टी सीएम पद के उम्मीदवार का नाम घोषित कर देंगे। मैं तो हमेशा दूसरी पंक्ति का नेता रहा। जितने समय अजय सिंह चौटाला जी सक्रिय रहे मैं कभी सामने नहीं आए। पार्टी की बैठकों व कार्यक्रमों में हमेशा खुद पीछे रहकर अजय जी को आगे रखा। ओमप्रकाश चौटाला व अजय चौटाला के जेल जाने के बाद उसी दिन शाम को पार्टी के सभी नेताओं व रिश्तेदारों ने बैठक में सक्रिय राजनीति करने के लिए कहा था। तब सक्रिय राजनीति में आना मेरी मजबूरी थी।

0 आप पिछले दिनों बसपा सुप्रीमो मायावती से मिले थे। परिवार की लड़ाई पर उनका क्या रुख है?

- ओमप्रकाश चौटाला ने बहन मायावती को देश का प्रधानमंत्री बनाने का बीड़ा उठाया है। बहन मायावती हमारी पार्टी के साथ हैैं और उन्होंने जन विरोधी ताकतों के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने को कहा है। इनेलो व बसपा का गठबंधन पूरी तरह से मजबूत है।

0 परिवार में झगड़े की वजह क्या है। बात इतनी कैसे आगे बढ़ गई कि अब संभल नहीं रही?

- मुझे तो झगड़े का कारण ही नहीं पता। सुलह तो तभी करें, जब कोई वजह पता हो। चार साल बनाम 40 साल की बात करने वाले पहले यह तो बता दें कि उनका मिशन क्या है और किस टारगेट को लेकर वह लड़ाई लड़ रहे हैैं।

0 चार साल बनाम 40 साल की बात करने वाले आप पर उन्हें दबाने का आरोप लगा रहे हैैं?

- अजय सिंह चौटाला मेरे बड़े भाई हैैं। मैैं उनसे उम्र में दो साल छोटा हूं। जितनी राजनीति अजय भाई की है, उतनी मेरी भी है। चार साल वाले लोग तो वे हैैं, जो एकदम सीएम बनना चाह रहे और पार्टी को दीमक की तरह खाने में लगे हैैं। देवीलाल के साथ काम करने वालों पर यदि आक्षेप लगाए जाएंगे तो मन दुखेगा ही। दुष्यंत जब पैदा भी नहीं हुए थे वह तब से इनेलो में जुड़े हुए हैं। चार साल के तो यह लोग हैैं, जो ऐसा मुद्दा उठा रहे हैैं।

0 अजय सिंह चौटाला ने जब आपको दुर्योधन कहा था, तब उन्होंने बाद में अपनी गलती मान ली थी?

- मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। उन्होंने इस बात पर दुख जताया था, लेकिन इसके बावजूद बात खत्म होने की बजाय मुझे जयचंद तक कहलवाया गया। हमने आज तक कांग्रेस के सारे षड्यंत्र फेल किए। अब यदि कांग्रेस षड्यंत्र में कामयाब हो जाए तो हम कैसे होने देंगे। सब कुछ कांग्रेस के इशारे पर चल रहा है।

0 तो क्या मान लिया जाए कि अब सुलह की कोई संभावना नहीं रही। आपकी अगली रणनीति क्या है?

- सुलह तो तब हो, जब कोई झगड़ा हो। बादल साहब हमारे परिवार के मुखिया जैसे हैैं। उन्होंने मुझे कहा था कि झगड़ा क्या है। मैैंने उनसे खुलकर बात कही। तब उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या तुम कोई कुरबानी दे सकते हो, मैैंने तुरंत हां कर दी। फिर भी कुछ लोग मानने को तैयार नहीं हैैं। अब हम फरवरी में बड़ी रैली करने जा रहे हैैं। जींद में ही यह रैली होगी।

0 अजय चौटाला और दुष्‍यंत चौटाला को कोई संदेश देना चाहेंगे? 

- यही कहूंगा कि वे विरोधी राजनीतिक दलों के हाथों में खेलना बंद करें। जो चार साल से इनेलो की राजनीति कर रहे हैैं, वह खुद को मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने लगे हैं। उन्हें रोकने की बजाए अजय चौटाला उनका साथ दे रहे हैं। दरअसल, कार्यकर्ताओं को किसी एक बस में चढ़ने के लिए उकसाने वाले पेड कांग्रेसी

0 आप पर पिछले कई दिनों से कई तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं?

-मैंने कभी भी इनेलो के कार्यकर्ताओं व नेताओं को पेड अथवा कांग्रेसी वर्कर नहीं कहा। आज दुष्यंत चौटाला कुछ ऐसे लोगों के चंगुल में हैं जो कांग्रेस के एजेंट हैं। ऐसे चेहरों की पहचान करने के बाद जब मैंने विरोध किया तो दुष्यंत भी खिलाफ हो गए। आज तक हुए किसी भी कार्यक्रम में मैंने कार्यकर्ताओं को अपने समर्थन में नारे नहीं लगाने दिए। नारे हमेशा ताऊ देवीलाल और चौधरी ओम प्रकाश चौटाला के लगाए जाते हैं। पेड कांग्रेसी तो वे हैैं, जो पार्टी में दो बसें होने का दावा कर कार्यकर्ताओं को किसी एक बस में चढ़ने को कह रहे हैैं।

0 दूसरे खेमे का कहना है कि आप की भाजपा से मिलीभगत है। इस पर आप क्‍या कहेंगे? 

-मैंने पार्टी विधायकों के साथ मिलकर पिछले चार साल के दौरान सड़क से लेकर सदन तक भाजपा के जनविरोधी चेहरे को बेनकाब किया। यह कहना विधायकों का अपमान है कि मैंने सदन में भाजपा की मदद की। इनेलो विधायक के तौर पर नैना चौटाला भी विधानसभा में मौजूद रहती हैं।


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