अलग-अलग वार्डो में आया पति-पत्नी नाम
पंजाब में पंचायती चुनावों का ढंका गांवों में पूरे जोर-शोर से बज रहा है। वार्ड बंदी ने इन चुनावों को आसान जरूर बना दिया है।
सतीश शर्मा, काठगढ़ : पंजाब में पंचायती चुनावों का ढंका गांवों में पूरे जोर-शोर से बज रहा है। वार्ड बंदी ने इन चुनावों को आसान जरूर बना दिया है। पंच का चुनाव केवल वार्ड तक ही सीमित रह गया है, पहले पंचों में से ही सरपंच चुना जाता था। अब सरपंच का चुनाव सीधा हो गया है, वार्ड बंदी में पिछले चुनावों की अपेक्षा काफी छेड़छाड़ की गई है। गठबंधन सरकार के कई दिग्गज नेता व उम्मीदवार कस्बा काठगढ़ में वार्ड बंदी की छेड़छाड़ से काफी नाराज भी हैं। काठगढ़ में इस छेड़छाड़ ने पति-पत्नी को अलग-अलग वार्ड में कर दिया है। काठगढ़ का एक परिवार दीपक वर्मा व उसकी पत्नी दोनों पहले पांच नंबर वार्ड में थे, अब उसकी पत्नी को छह नंबर वार्ड में कर दिया गया है, जिससे वह काफी खफा भी हैं। उन्होंने दैनिक जागरण को बताया कि इस संबंध में ब्लॉक बलाचौर में भी बताया गया, लेकिन उसे आश्वासन दिया गया, सब कुछ ठीक कर दिया जाएगा। जब ब्लाक समिति के चुनाव आए तो वह ठीक नहीं हुआ है, पति दीपक कुमार का वार्ड नं. पांच है और पत्नी का वार्ड नं. अब छह किया गया है। इसे शरारत ही बताया गया है। वह भी गठबंधन पार्टी से संबंध रखते हैं।
लोगों के साथ किया गया है मजाक: सुभाष शर्मा
भाजपा नेता और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राज्य सदस्य सुभाष शर्मा ने बताया कि वह भी इस शरारत का शिकार हुए है। वह पहले पांच नंबर वार्ड में थे, अब उनको सात नंबर वार्ड में कर दिया है। इस संबंध में बीडीपीओ बलाचौर ने स्वयं आकर सब देखा और हमें इसको ठीक करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन ठीक नहीं किया गया। इस प्रकार वार्ड बंदी के बिना जानकारी दिए लोगों के साथ मजाक किया गया है। इस शरारत भी बताया है।
राजनीतिक दबाव भी कहा जा सकता है: प्रेम प्रकाश
भाजपा सर्किल परधान ¨प्रसीपल प्रेम प्रकाश शर्मा ने बताया कि बीडीपीओ ने मौका देखा और सही करार देते हुए हमसे लिखवा कर लिया गया, लेकिन फिर भी ठीक नहीं किया गया। यह एक राजनीतिक दबाव भी कहा जा सकता है।