ऑनलाइन डाटा अपडेट न होने से रुक गई हाउसिग बोर्ड की रजिस्ट्रियां
नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर द्वारा हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के मकानों ककी नहीं हो रही रजिस्ट्रियां।
जागरण संवाददाता, पंचकूला : नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (एनआइसी) द्वारा हरियाणा हाउसिग बोर्ड के मकानों का डाटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट न करने के कारण तहसीलों में हाउसिग बोर्ड मकानों की रजिस्ट्रियां बंद हो गई हैं। पिछले कई दिनों से लोग टोकन लेने के लिए धक्के खा रहे हैं। जब भी तहसील कार्यालय में लोग हाउसिग बोर्ड मकान की रजिस्ट्री के लिए आते हैं तो उन्हें टका सा जवाब देकर वापस भेज दिया जाता है। तहसील कार्यालय से स्पष्ट कहकर भेज दिया जाता है कि जब तक एनआइसी द्वारा डाटा ऑनलाइन पोर्टल पर नहीं चढ़ाया जाएगा, रजिस्ट्रियां नहीं होंगी। एनआइसी विभाग के पास भी लोग जाते हैं तो वहां पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। हाउसिग बोर्ड कॉलोनी सेक्टर-28 निवासी अशोक कुमार, संदीप सिंह ने बताया कि वह लगभग 15 दिन पहले तहसील में अपने मकान की रजिस्ट्री के लिए आए थे तो उन्हें कहा गया था कि कुछ दिनों में एनआइसी द्वारा डाटा अपडेट कर दिया जाएगा, जिसके बाद रजिस्ट्री हो जाएगी। पहले ऑनलाइन पोर्टल में पुरानी सिटी दिखाकर टोकन मिल जाता था, लेकिन अब वह भी बंद हो गया है। लोगों के मुताबिक रजिस्ट्री के लिए दोनों पार्टियों द्वारा दिन तय किए होते हैं, लेकिन रजिस्ट्री ना होने से काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। जसवीर सिंह ने बताया कि इस संबंध में तहसीलदार पुन्यादीप शर्मा से मिले थे तो उन्होंने बताया है कि एनआइसी को कुछ दिन पूर्व डाटा अपडेट करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया है। जिसके बाद एनआइसी के अधिकारियों से मिले तो उन्होंने कहा कि तहसीलदार अपने स्तर पर दस्तावेजों को चेक करके रजिस्ट्री कर सकते हैं, लेकिन जब तक डाटा ही अपडेट नहीं होगा तो रजिस्ट्री कैसे हो सकती है। जसवीर सिंह ने एनआइसी के एमडी से मांग की है कि हाउसिग बोर्ड के मकानों का डाटा तुरंत अपडेट किया जाए ताकि लोगों को परेशानी ना हो। वहीं मकानों की शेयरवाइज रजिस्ट्री भी बंद पड़ी है। ज्ञान सिंह ने बताया कि मकान और बड़ी कोठियों में लोगों ने शेयर डालकर खरीदारी की होती है। शेयर वाइज रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया है, जिसके चलते भी रजिस्ट्री शेयर वाइज न होने से लोग परेशान हैं। ज्ञान सिंह ने सरकार से सॉफ्टवेयर को सही ढंग से अपडेट कर के लोगों को परेशानी से निजात दिलाने की मांग की है। इसी तरह की समस्या ग्रुप हाउसिग सोसायटियों में भी आ रही है।