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गुरमीत की गोद ली हनीप्रीत को अब आ रही है इनकी याद, बात करने को काेर्ट में दी अर्जी

गुरमीत राम रहीम की गोद ली बेटी हनीप्रीत को अब अपने परिवार की याद आ रही है अौर वह अपने परिजनों से राेज बात करना चाहती है। उसने इसके लिए अदालत में याचिका दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 09:25 AM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 08:54 PM (IST)
गुरमीत की गोद ली हनीप्रीत को अब आ रही है इनकी याद, बात करने को काेर्ट में दी अर्जी
गुरमीत की गोद ली हनीप्रीत को अब आ रही है इनकी याद, बात करने को काेर्ट में दी अर्जी

पंचकूला,[राजेश मलकानियां]। डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की गोद ली बेटी हनीप्रीत को अब अपने परिवार की याद आ रही है। वह राज अपने परिवार के सदस्‍यों से बात करना चाहती है। हनीप्रीत ने इसके लिए पंचकूला की अदालत में याचिका दायर की है। वह 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में हुई हिंसा और आगजनी के मामले में देशद्रोह के आरोप में अंबाला जेल में बंद है। पिछले लगभग 270 दिन से अंबाला जेल में बंद हनीप्रीत परेशान है और वह अन्य कैदियों की तरह अपने परिवार से बात करना चाहती है।

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देशद्रोह एवं हिंसा मामले में अंबाला जेल में है बंद

हनीप्रीत की ओर से वकील ने पंचकूला की एक कोर्ट में याचिका लगाकर अपील की है कि जिस तरह से अन्य आरोपित अपने परिवार के लोगों से रोजाना आधा घंटा बात करते हैं, उसी तरह उसे भी इजाजत मिले। हनीप्रीत ने याचिका में कहा है, 'जेल नियमों में भी लिखा हुआ है कि आप परिवार से बात कर सकते हैं, तो हमें भी मौका दिया जाए, हमसे भेदभाव क्यों किया जा रहा है? बचाव पक्ष के वकील ने याचिका में कहा कि यह मेरा संवैधानिक हक है। मैं अपराधी हूं, तो कल यूं नहीं कह सकते कि मैं खाना नहीं खाउंगी।'

अदालत में याचिका लगाकर आधा घंटा बातचीत के लिए मांगी इजाजत

हरियाणा सरकार की ओर से इस याचिका का विरोध किया गया है और सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए याचिका को खारिज करने के लिए की मांग की गई है। अदालत ने इस पर फैसला सुरक्षित रखा है। इससे पूर्व हनीप्रीत ने जेल स्तर पर भी अपने परिवार से बात करने के लिए खत लिखा था, लेकिन इजाजत नहीं मिली थी।

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कहा- हिंसा से मेरा कोई लेना-देना नहीं

बता दें कि इससे पहले हनीप्रीत ने जमानत याचिका लगाकर कहा था, ' मैं एक महिला हूं और 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में जब हिंसा हो रही थी, तब डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ थी। डेरा प्रमुख को सजा होने के बाद मैं राम रहीम के साथ पंचकूला से सीधा सुनारिया जेल रोहतक चली गई। हिंसा में मेरा कहीं कोई रोल नहीं है। मेरा नाम भी बाद में एफआइआर में डाला गया। मुझे पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि मैं खुद 3 अक्टूबर 2017 को आत्मसमर्पण करने के लिए आ गई थी। जब इस एफआइआर नंबर 345 के अन्य 15 आरोपितों को जमानत मिल चुकी है, तो मुझे भी जमानत मिलनी चाहिए।' लेकिन, अदालत ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

गुरमीत की सबसे करीबी मानी जाती है हनीप्रीत

हनीप्रीत ही ऐसी शख्स है, जोकि डेरा प्रमुख के सबसे करीब है। वह डेरा प्रमुख के हर राज को भी जानती है, इसलिए पुलिस किसी भी हालत में हनीप्रीत की जमानत नहीं होने देना चाहती। साथ ही पुलिस को डर है कि यदि हनीप्रीत को उसके परिवार से बात करने की इजाजत मिल गई, तो इसकी आड़ में अन्य किसी से भी बातचीत शुरू हो सकती है, इसलिए उसने इसका विरोध किया है।

आरोप तय की सुनवाई 7 अगस्त के लिए टली

इसके साथ, हनीप्रीत सहित अन्य आरोपितों पर आरोप तय करने के लिए सुनवाई 7 अगस्त के लिए टल गई। बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा कि कुछ आरोपितों के खिलाफ पुलिस द्वारा निचली अदालत में चार्जशीट दायर की गई है। उनके ऊपरी अदालत में आने के बाद ही आरोपों पर बहस शुरू की जाए, जिसके बाद 7 अगस्त को बहस के लिए तिथि निर्धारित कर दी गई। इस मामले में बलराज, गोपाल, राम सिंह, खैराती लाल, गुरमीत सिंह, दलजीत, वेदप्रकाश, भीमसेन, रणधीर सिंह, गुरमीत सिंह को जमानत मिल चुकी है।

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