मोरनी के नौतोड़ जमीन मामले में सरकार से जवाब तलब
कोर्ट ने सेटलमेंट ऑफिसर की नियुक्ति पर भी यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रविशंकर झा एवं जस्टिस अरुण पल्ली की बेंच ने मोरनी के नौतोड़ जमीन के मालिकाना हक मामले की जल्द सुनवाई की मांग पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। कोर्ट ने सेटलमेंट ऑफिसर की नियुक्ति पर भी यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं।
मामले में याचिकाकर्ता विजय बंसल ने हाई कोर्ट को बताया कि हरियाणा के पहाड़ी क्षेत्र मोरनी में 40 हजार किसान आजादी के बाद से अपनी नौतोड़ जमीन के मालिकाना हक से आज भी वंचित हैं। इससे पूर्व दायर जनहित याचिका में हरियाणा सरकार ने इस समस्या के समाधान के संबंध में शपथपत्र दायर किया था। लेकिन रिव्यू याचिका में कहा गया है कि शपथ पत्र झूठा था और सरकार ने मोरनी के नौतोड़ जमीन के संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाया।
याचिका में कहा गया है कि भू माफिया वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। किसानों को नोतौड़ का मालिकाना हक नहीं मिल रहा है। झूठा शपथ पत्र दाखिल करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग
याचिका में कहा गया है कि वन विभाग ने हाई कोर्ट में 2018 में झूठा शपथपत्र देकर बयान दिया था कि नौतोड़ की समस्या के समाधान के लिए वन विभाग ने एमपी शर्मा रिटायर्ड आइएफएस को दो वर्ष की अवधि के लिए फॉरेस्ट सेटलमेंट अफसर नियुक्त किया है, जिनकी नियुक्ति एक अगस्त 2018 से मानी जाएगी तथा दफ्तर समेत सारा संबंधित समान उपलब्ध करवा दिया है। साथ ही एफएसओ ने कार्य को भी शुरू कर दिया है। जबकि वनविभाग ने अभी तक वन बंदोबस्त अधिकारी को न तो पर्याप्त समान उपलब्ध कराया, न ही अनुदान दिया और न ही इस समस्या को हल करने के लिए कोई कार्य किया। मांग की है कि झूठा शपथ पत्र दायर करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध उच्च स्तरीय जांच करवाकर कार्रवाई की जाए व मोरनी के किसानों की नौतोड़ समस्या को हल करवाने के सख्त आदेश दिए जाए।