हाई कोर्ट के आदेशों के बाद रोडवेज कर्मियों की हड़ताल खत्म, बर्खास्तगी व निलंबन पर रोक
हाई कोर्ट ने 18 दिनों से हड़ताल पर चल रहे हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों को हड़ताल खत्म करने के आदेश दिए हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए पिछले 18 दिनों से जारी हरियाणा रोडवेज की हड़ताल को समाप्त करवा दिया। चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस अरुण पल्ली की अदालत में कर्मचारी नेताओं द्वारा हड़ताल समाप्त करने पर हामी भरने के चलते चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने अपने आदेशों में कहा है कि हड़ताल पर गए सभी कर्मचारी शनिवार को 10 बजे से पहले अपनी डयूटी पर वापस लौट आएं।
हाई कोर्ट के बुलाने पर शुक्रवार दोपहर बाद अदालत में पेश हुए कर्मचारी नेताओं ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों के खिलाफ सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का जिक्र किया। इस पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ जारी किए गए बर्खास्तगी, निलंबन या अनुशासनात्मक कार्रवाई के सभी आदेशों फिलहाल रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही कर्मचारियों के खिलाफ हरियाणा एस्मा के तहत आरंभ की गई कार्रवाई पर भी रोक लगा दी है।
हाईकोर्ट ने अपने आदेशों में यह भी स्पष्ट किया है कि अगर रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन करने के लिए किसी अन्य विभाग में कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई है तो उन पर भी हाईकोर्ट के यही आदेश लागू होंगे। इस मामले पर शुक्रवार को ऑल हरियाणा रोडवेज़ वर्कर्स यूनियन और अन्य कर्मचारी यूनियनों के नेताओं से सीधे तौर पर बात करते हुए चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने कहा कि हड़ताल पर जाने से किसी समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कर्मचारी नेताओं को मौखिक आश्वासन देते हुए कहा कि कर्मचारियों द्वारा हड़ताल समाप्त किए जाने पर अदालत इस बात को सुनिश्चित बनाएगी कि हड़ताल की परिस्थितियों तक पहुंचने वाले इस मुद्दे पर कर्मचारियों के हितों की अवहेलना ना हो। हाईकोर्ट ने कहा कि एक अभिभावक की तरह अदालत इस मामले को एक सर्वमान्य निष्कर्ष तक लाएगी।
सुनवाई के दौरान, अदालत को बताया गया कि हरियाणा सरकार ने इस हड़ताल के दौरान 78 कर्मचारियों को बर्खास्त और 400 कर्मचारियों को निलंबित किया है। सुनवाई के दौरान कर्मचारी नेता हरिनारायण शर्मा, बलवान सिंह व सुल्तान सिंह और नसीब जाखड़ ने कर्मचारियों की ओर से अपना पक्ष चीफ जस्टिस के सामने रखा। कर्मचारी नेताओं ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि वह शाम को अन्य कर्मचारी नेताओं के साथ बैठक करके सुबह से हड़ताल खत्म कर देंगे। रोहतक में हुई बैठक के बाद रात को कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने का एेलान कर दिया है।
चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी ने इस हड़ताल को जल्दी से जल्दी समाप्त किए जाने की जरुरत बताते हुए कर्मचारी नेताओं से कहा कि दीपावली के त्यौहार पर राज्य में लोग सामान्य परिवहन सुविधाओं का लाभ ले पाएं। उन्होंने हड़ताल के चलते बर्खास्त या निलंबित हुए कर्मचारियों के परिवारों द्वारा दीपावली मनाने का भी जिक्र किया।
हाईकोर्ट ने सुनवाई को 14 नवंबर तक स्थगित करते हुए हरियाणा के एडवोकेट जनरल बी आर महाजन को निर्देश दिए है कि अगली सुनवाई से पहले दोनों पक्ष बैठक करके हड़ताल के मुहे को सुलझाने का प्रयास करें।
उल्लेखनीय है कि वीरवार को हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के चलते लोगों को हो रही परेशानी के संबंध में हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में एडवोकेट अरविंद सेठ ने कहा था कि हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियनों द्वारा की जा रही इस हड़ताल के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। याचिका में कहा गया था कि इस हड़ताल से आगे परिस्थितियां और बिगड़ सकती हैं क्योंकि राज्य सरकार की कुछ और कर्मचारी यूनियनों के भी इस हड़ताल में शामिल होने की संभावना है।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत राज्य में 720 निजी बसें चलाए जाने की योजना के खिलाफ रोडवेज़ के कर्मचारियों ने 16 अक्तूबर से हड़ताल का आहवान किया था। हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में एस्मा लगाए जाने के बावजूद हरियाणा रोडवेज़ की कर्मचारी यूनियनों ने इस हड़ताल से पीछे हटने से इन्कार कर दिया था।
हड़ताल पर वापस लौटेंगे 21 हजार रोडवेज कर्मचारी, चलेंगी 4100 बसें
हड़ताल पर चल रहे रोडवेज के करीब 21 हजार कर्मचारी शनिवार को सुबह नौ व दस बजे तक काम पर लौट आएंगे। शुक्रवार को रोहतक में गोपनीय स्थान पर करीब चार घंटे चली हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने देर रात यह फैसला लिया है। तालमेल कमेटी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर हमारी पूरी आस्था है, इसलिए हड़ताल को वापस लिया है। दूसरी ओर, सरकार की ओर से 12 नवंबर को तालमेल कमेटी को वार्ता का न्योता मिला है। तालमेल कमेटी के 14 सदस्य वार्ता में शामिल होंगे।
रोहतक में हुई गोपनीय बैठक का हवाला देते हुए हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने बताया कि हड़ताल को हमने वापस लेने का सामूहिक फैसला लिया है। इनका यह भी कहना है कि प्रदेशभर में करीब 4100 रोडवेज की बस हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर वापस लौटने से रोडवेज की सभी बसों का संचालन हो सकेगा। हड़ताल वापस लेने को लेकर क्या सरकार के साथ कोई शर्त रखी है, इसे लेकर कहा कि सरकार के साथ वार्ता होगी।
रोडवेज कर्मचारियों और सरकार में 12 को फिर वार्ता
किलोमीटर स्कीम के विरोध में 16 अक्टूबर से चली आ रही हड़ताल को तुड़वाने के लिए हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने फिर से तालमेल कमेटी के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया है। सात प्रमुख यूनियनों के प्रदेश अध्यक्षों को बातचीत का न्योता देते हुए परिवहन निदेशक ने 12 नवंबर को चंडीगढ़ बुलाया है।
सरकार की ओर से शुक्रवार को तालमेल कमेटी के नेताओं हरिनारायण शर्मा, वीरेंद्र धनखड़, दलबीर किरमारा, अनूप सहरावत, जयभगवान कादियान, इंद्र सिंह बधाणा, बाबूलाल यादव को वार्ता के लिए लिखित अनुरोध भेजा गया। इससे पहले पिछले दिनों मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और फिर परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन किलोमीटर स्कीम के तहत 720 बसें चलाने पर बात नहीं बन पाई। अब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद बंधी है कि मामले में दोनों पक्ष कोई सर्वमान्य हल निकालेंगे।