Move to Jagran APP

हरियाणा में सवा साल बाद पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने दी सरकार को मंजूरी

Haryana Panchayat Elections हरियाणा में सवा साव बाद पंचायत चुनाव का रास्‍ता साफ हो गया है और राज्‍य में अब ये चुनाव जल्‍द होने की उम्‍मीद है। हाई कोर्ट ने पंचायत चुनाव कराने के लिए हरियाणा सरकार को मंजूरी दे दी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 04 May 2022 08:11 PM (IST)Updated: Thu, 05 May 2022 08:50 AM (IST)
हरियाणा में सवा साल बाद पंचायत चुनाव का रास्ता साफ, हाईकोर्ट ने दी सरकार को मंजूरी
हरियाणा में पंचायत चुनाव का रास्‍ता साफ हो गया है। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Haryana Panchayat Elections: हरियाणा में सवा साल से लंबित पंचायत चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को पंचायत चुनाव कराने की अनुमति दे दी है। प्रदेश सरकार नई आरक्षण व्यवस्था से ही चुनाव करा सकेगी। इसके लिए सरकार अपनी सुविधा अनुसार और तैयारी के हिसाब से पंचायत चुनाव की तारीख घोषित कर सकती है।

loksabha election banner

अब हरियाणा सरकार को तय करना है, कब कराए जाएंगे पंचायत चुनाव

वैसे, पंचायतों में आरक्षण के हरियाणा सरकार के फैसले के खिलाफ कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई चलती रहेगी। शहरी निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट में फैसला 10 मई को संभव है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला यदि पंचायतों में आरक्षण के सरकार के फैसले के विरुद्ध आया तो सरकार को नए सिरे से चुनाव कराने पड़ सकते हैं। यदि हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को उचित माना तो हाल-फिलहाल होने वाले पंचायत चुनाव के नतीजे मान्य होंगे।

महिलाओं व बीसीए-ए को दिए गए आरक्षण के तहत ही होंगे चुनाव

हरियाणा में पंचायत चुनाव पिछले सवा साल से लंबित हैं, जिस कारण गांवों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। हरियाणा सरकार ने पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत और बीसीए-ए को आठ प्रतिशत आरक्षण दिया है, जिसका कुछ लोग याचिकाओं के जरिये विरोध कर रहे हैं। सरकार इस आरक्षण व्यवस्था के तहत ही चुनाव कराने के पक्ष में थी। सरकार ने पंचायत चुनाव करवाने की अनुमति के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया है।

हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल करते हुए हरियाणा सरकार ने कहा था कि प्रदेश में पंचायतों का कार्यकाल 23 फरवरी 2021 को समाप्त हो चुका है। पंचायती राज एक्ट के दूसरे संशोधन के कुछ नए प्रविधान किए गए हैं। कोरोना के चलते पहले चुनाव कराना संभव नहीं था, लेकिन अब स्थिति सुधर चुकी है।

गुरुग्राम के प्रवीण चौहान ने दायर की थी याचिका

गुरुग्राम के प्रवीण चौहान व अन्य ने 15 अप्रैल 2021 को हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 2020 में किए गए संशोधन को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती दी थी। कोर्ट को बताया गया कि अधिनियम में संशोधन कर अब पंचायत चुनाव में आठ प्रतिशत बीसी-ए श्रेणी के लिए आरक्षित कर दिया गया है और न्यूनतम 2 सीटों का आरक्षण अनिवार्य है।

यह भी पढ़ें: हरियाणा में सरकारी नौकरियों के लिए उम्रसीमा बढ़ाई गई , छह मई से समान सेवा नियम होंगे लागू

याचिका में कहा गया कि हरियाणा में 8 प्रतिशत के अनुसार केवल छह जिले हैं, जहां दो सीटें आरक्षण के लिए बचती हैं। 18 जिलों में केवल एक सीट आरक्षित की जानी है, जबकि सरकार नए प्रविधानों के अनुसार न्यूनतम दो सीटें अनिवार्य करना चाहती है।

--------

' भाजपा चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार'

'' माननीय हाई कोर्ट द्वारा पंचायत चुनाव से स्टे हटाना बहुत खुशी की बात है। राज्य में अब पंचायत चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। सरकार जल्दी ही चुनाव करवाएगी। भाजपा पंचायत चुनावों के लिए पूरी तरह से तैयार है।

                                                                             - ओमप्रकाश धनखड़, अध्यक्ष, हरियाणा भाजपा। 

-------

' गांव व शहरों में खुलेगा विकास का रास्ता'

'' हरियाणा में पंचायत चुनाव का इंतजार खत्म हो गया है। राज्य सरकार और चुनाव आयोग की पूरी तैयारी है। शहरी निकाय चुनाव पर भी जल्दी ही फैसला आने की उम्मीद है। अब गांव व शहर के लोगों को अपनी मनपसंद सरकार बनाने का मौका मिलेगा। गांवों व शहरों में विकास का रास्ता खुलेगा।

                                                  - सुभाष बराला, चेयरमैन, राज्य सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो, हरियाणा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.