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हाई कोर्ट ने कहा, तबादला केवल सुविधा के अनुसार नहीं तो ऐसे में इसे चुनौती देना आधारहीन

महिला क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर के तबादला आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि नियमों के तहत तबादला किया गया है तो इसे चुनौती नहीं दी जा सकती।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 02:23 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 02:23 PM (IST)
हाई कोर्ट ने कहा, तबादला केवल सुविधा के अनुसार नहीं तो ऐसे में इसे चुनौती देना आधारहीन
हाई कोर्ट ने कहा, तबादला केवल सुविधा के अनुसार नहीं तो ऐसे में इसे चुनौती देना आधारहीन

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी कर्मचारी का तबादला उसकी सर्विस का एक हिस्‍सा होता है और तबादले को कोर्ट में केवल तभी चुनौती दी जा सकती है जब तबादला नियमों के खिलाफ किया जा रहा हो। हाई कोर्ट के जस्टिस तेजिंदर सिंह ढींडसा ने यह टिप्‍पणी एक महिला कर्मचारी की अपने तबादले को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज करते हुए की।

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याचिकाकर्ता, रोहतक निवासी सुनीता हरियाणा औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग में रोहतक में ही क्राफ्ट इंस्ट्रक्टर के रूप में कार्यरत थीं। विभाग ने उसका तबादला रोहतक से हांसी कर दिया था। वह अपने तबादले से दुखी थी। विभाग द्वारा जारी तबादला आदेश को उसने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अपनी याचिका में उसने कहा था कि उसके पति सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जम्‍मूू-कश्‍मीर में तैनात हैंं। उसके बच्‍चे रोहतक में पढ़ रहेे हैं। इसके अलावा उसको सास-ससुर की भी उसको देखभाल करनी पड़ती है। रोहतक से हांसी 70 किलोमीटर दूर है जिस कारण उसका परिवार उसके तबादले से प्रभावित होगा।

मामले की सुनवाई के दौरान यह बात भी सामने आई कि याचिकाकर्ता रोहतक में पांच साल से अधिक समय से कार्यरत है, जबकि नियम के अनुसार सामान्‍य तौर पर तीन साल एक स्‍टेशन पर काम किया जा सकता है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए साफ किया कि किसी भी कर्मचारी का तबादला उसकी नौकरी के नियम व शर्त का हिस्‍सा है। नौकरी कार्यकाल में तबादला एक नियमित घटना है। तबादले को केवल उस दौरान हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है जब वह नियमोंं के खिलाफ की गया है न कि कर्मचारी की इच्‍छा के खिलाफ। इस मामले में विभाग ने नियमों के खिलाफ तबादला नहीं किया है, यह तबादला केवल याचिकाकर्ता की सुविधा के अनुसार नहीं है ऐसे में इसे चुनौती देना आधारहीन है।

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