हजारों कर्मचारियों काे तगड़ा झटका, हाई कोर्ट ने नियमित करने की नीति रद की
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा के कच्चा से पक्का बने हजारों कर्मचारियों काे तगड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने हुड्डा सरकार के समय बनी रेगुलराजेशन पॉलिसी काे रद कर दिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासनकाल में कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए बनाई गई रेगुलराजेशन पॉलिसी को रद कर दिया। यह नीति वर्ष 2014 में बनाई गई थी। हाई कोर्ट के इस आदेश से वे सभी कर्मचारी प्रभावित होंगे जो इस नीति के तहत पक्के किए गए थे। इससे राज्य के हजारों कर्मचारियों को झटका लगा है।
हुड्डा सरकार के समय 2014 में बनी रेगुलराजेशन पॉलिसी रद की, पक्के बने कर्मचारी फिर हो जाएंगे कच्चे
इसके साथ ही राज्य सरकार किसी भी कच्चे कर्मचारी को पक्का भी नहीं कर पाएगी। इसके साथ ही इस नीति के तहत जो कर्मचारी नियमित हुए थे वे दोबारा अस्थायी कर्मचारी बन जाएंगे या उनकी सेवा समाप्त हो जाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने छह महीने की भीतर नियमित भर्ती करने का आदेश दिया है। हुड्डा सरकार की रेगुलराजेशन पॉलिसी काे रद किए जाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पूर्व सरकार की गलत नीतियों की वजह से बहुत से लोगों की ज़िंदगी खराब हाे गई है।
सीएम मनोहर ने कहा, मैं इस मसले को हादसा कहूंगा। यह पिछली सरकार की गलत नीतियों का नतीजा है और निर्दोष लोग इसका खमियाजा भुगतेंगे। कोई भी नीति सोच-समझकर बनाई जानी चाहिए। हमने भी नीतियां बनाईं, लेकिन हर दृष्टिकोण को देख समझकर ऐसा किया।
मनोहरलाल ने कहा कि उनकी सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में पूरी मजबूती से पैरवी की, लेकिन नीति में ही खामी थी। इस स्थिति के लिए पूर्व की हुड्डा सरकार जिम्मेवार है। उसकी गलत नीतियों का ही यह परिणाम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने लोकलुभावन काम किया और इस चक्कर में नियम कायदे का ध्यान नहीं रखा।
मनोहर लाल ने कहा कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले के अध्ययन के बाद आगे का फैसला करेगी। इसके साथ ही उन्हाेंने पूर्व सीएम हुड्डा पर हमला भी किया। हुड्डा के इस बयान पर कि भाजपा के सांसद ही नाराज हैं पर मनोहरलाल ने कहा कि हम अपने घर के मामले खुद तय करेंगे। हुड्डा अपने घर को संभालें। आज हरियाणा में कांग्रेस की यह हालत है कि वहां एक झंडे के नीचे कई पार्टियां बनी हुई है।