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Haryana Assembly में शिक्षा व नई आबकारी नीति पर भारी हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान साेमवार को शिक्षा और नई आबकारी नीति पर भारी हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 07:12 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 07:12 PM (IST)
Haryana Assembly में शिक्षा व नई आबकारी नीति पर भारी हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा
Haryana Assembly में शिक्षा व नई आबकारी नीति पर भारी हंगामा, विपक्ष ने सरकार को घेरा

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को सदन में शिक्षा और नई आबकारी नी‍ति पर भारी हंगामा हुआ। विपक्षी विधायकों ने शिक्षा की बदहाल स्थिति पर जमकर हंगामा हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण और प्रश्‍नोत्तर काल व शून्यकाल में विधायकों ने सरकार को शिक्षा की बदलाव स्थिति, स्कूलों में बच्चों की कम संख्या और शिक्षकों की भारी कमी के मुद्दे पर जमकर घेरा। इसी तरह नई आबकारी नीति को लेकर सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आमने सामने हो गए।

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नई आबकारी नी‍ति पर सत्‍ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक

हरियाणा सरकार द्वारा हाल में मंजूर की गई नई आबकारी नी‍ति पर कांग्रेस के विधायकों ने सरकार पर सवाल उठाए। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान महेंद्रगढ़ से कांग्रेस विधायक राव दान सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक हजार रुपये फीस लेकर आम आदमी को घर में शराब और बीयर की पेटियां रखने की अनुमति दी है। यह बेहद घातक है।

इस पर भाजपा के विधायक बिफर गए और हंगामा शुरू कर दिया। शोर-शराबा बढ़ता देख विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मैदान में उतर गए और चेतावनी दी कि जब सत्ता पक्ष के विधायकों की बारी आएगी तो हम भी बोलने नहीं देंगे। किसी विधायक की आवाज दबाने का यह तरीका गलत है।

इसके बाद गृह मंत्री अनिल विज उठे और उन्‍होंने कहा यदि कोई विधायक अपने संबोधन मेें किसी एमएलए का नाम लेता है तो उसे बोलने का अधिकार है। वहीं, राव दान सिंह ने सरकार के' एक हरियाणा, एक हरियाणवी' के नारे को गलत बताते हुए कहा कि सरकार 'एक भारतीय, एक भारत' के नारे को अपनाए। अपनी सोच बदले ताकि देश का विकास हो।

दो साल में सवा सौ स्कूल बंद, खुले 40, छह माह में शिक्षकों की भर्ती

शिक्षा के मुद्दे पर विपक्ष के विधायक आक्रामक अंदाज में नजर आए। हंगाम बढ़ा तो हरियाणा सरकार ने माना कि पिछले में दो वर्षों में केवल 40 नए स्कूल खोले गए हैं और सवा सौ स्कूलों को बंद किया गया है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने शिक्षकों की कमी से जुड़े मुद्दों पर जवाब देते हुए कहा कि अगले छह माह के भीतर राज्य के स्कूलों में शिक्षकों की कमी नहीं रहने दी जाएगी और भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी।

वरुण चौधरी, गीता भुक्कल, चिरंजीव राव और मामन चौधरी ने उठाए मुद्दे

प्रश्‍नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने सरकार से पूछा कि वर्ष 2013 से लेकर 2019 तक प्रदेश में कितने नए राजकीय प्राथमिक विद्यालय खोले गए हैं और कितने बंद किए गए हैं। शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर की तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया कि वर्ष 2013, 2014, 2015 और 2016 के दौरान कोई भी नया स्कूल नहीं खोला गया है। कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने भी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

सरकार ने दावा किया है कि वर्ष 2017 में तीन तथा 2018 में 37 नए स्कूलों की स्थापना की गई है। सरकार द्वारा 2013 से लेकर 2017 तक तो प्रदेश में कोई स्कूल बंद नहीं किया गया। अलबत्ता 2018 व 2019 में क्रमश 62-62 स्कूलों को बंद किया गया। शिक्षा मंत्री ने बताया कि विद्यार्थियों की संख्या कम होने के कारण इन स्कूलों को बंद किया गया है। उन्हीं स्कूलों को बंद किया गया है, जहां विद्यार्थियों की संख्या कम थी।

फिरोजपुर झिरका के विधायक मामन खान ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया तो कंवरपाल गुर्जर ने माना कि समस्या है, लेकिन विधानसभा के अगले सत्र तक शिक्षकों की कमी को पूरा कर लिया जाएगा। रेवाड़ी के कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने लड़कों के सरकारी कालेज के मुद्दे पर सरकार की खूब घेराबंदी की।

राव ने पूछा कि क्या लड़कों के किसी सरकारी कालेज के निर्माण का प्रस्ताव है। इसके जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि 5.32 एकड़ जमीन मिली है, लेकिन यह कालेज कहां बनेगा? इस बारे में वह नहीं बता सके। चिरंजीव राव ने कहा कि आबादी के लिहाज से कम से कम 10 एकड़ जगह की जरूरत है।

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