सामाजिक कार्यकर्ता कटारिया को हाई कोर्ट से मिली राहत
हाई कोर्ट ने कटारिया को राहत देते हुए सीजेएम की कोर्ट में याचिका का निपटारा न होने तक अंतरिम आदेशों के चलते जमानत का लाभ दे दिया है।
जेएनएन, चंडीगढ़। सामाजिक कार्यकर्ता ओपी कटारिया की पत्नी अनीता कटारिया द्वारा पति की रिहाई के लिए दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कटारिया को अंतरिम जमानत का लाभ दे दिया है। साथ ही सीजेएम गुड़गांव को कटारिया की जमानत याचिका का निपटारा करने के आदेश दिए हैं। सीजेएम की कोर्ट में इस याचिका का निपटारा होने तक हाई कोर्ट के अंतरिम आदेशों के चलते ओपी कटारिया को जमानत का लाभ मिलेगा।
अनीता कटारिया के वकील प्रदीप रापडिया ने याचिका दाखिल कर कहा था कि याची के पति सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वह चुनाव सुधार के लिए कार्यरत संस्था मतदाता जागरूकता मंच के महासचिव भी हैं। याची के पति ने हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री व अन्य आरोपियों द्वारा चुनाव विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़े पैमाने पर दस्तावेजों में हेराफेरी करके 32000 फर्जी वोट तैयार करने की धांधली का भंडाफोड़ किया था।
याची के पति की शिकायत पर ही पूर्व कैबिनेट मंत्री और अन्य आरोपियों के खिलाफ नकली वोट बनाने के मामले में 33 से अधिक एफआइआर दर्ज की गई थीं। इन एफआइआर के आधार पर विभिन्न संबंधित मजिस्ट्रेटों/ट्रायल कोर्टस ने 27 मामलों में पूर्व मंत्री और अन्य आरोपियों को समन किया था। याचिकाकर्ता का आरोप है कि 6 अक्तूबर, 2015 को उनके पति जो कि जन प्रतिनिधित्व कानून के विभिन्न प्रावधानों और आइपीसी की धारा के तहत दर्ज मामले के शिकायतकर्ता थे, केस की सुनवाई में गए थे।
याचिकाकर्ता का कहना है कि इस केस में एक एडवोकेट मीनाक्षी कटारिया, उनके भाई मोहित समेत पूरा परिवार और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुखबीर कटारिया आरोपी थे। याचिकाकर्ता का आरोप है कि गवाही देने के बाद उनके पति जैसे ही कोर्ट रूम से बाहर निकले, उक्त महिला एडवोकेट और उसके भाई ने उनके पति पर हमला कर दिया।
अपना बचाव करते हुए याचिकाकर्ता के पति भागकर कोर्ट रूम पहुंचे और उपस्थित जज से हमले की शिकायत की। इस पर जज ने पुलिस बुलाकर याचिकाकर्ता के पति को सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए। याचिका में आगे कहा गया है कि इसके बाद पुलिस याचिकाकर्ता के पति को शिकायत दर्ज कराने के लिए गुडग़ांव सिटी पुलिस थाने ले गई और वहां महिला वकील की शिकायत पर याचिकाकर्ता के पति के खिलाफ झूठी शिकायत लिखाने के लिए आइपीसी की धारा 323, 354ए, 506 का केस दर्ज कर लिया। तब से याचिकाकर्ता के पति पुलिस की हिरासत में हैं।
जस्टिस गुरमीत राम ने याचिका का निपटारा करते हुए सीजेएम गुड़गांव को ओपी कटारिया की जमानत याचिका का निपटारा करने के आदेश दिए हैं। साथ ही सीजेएम की कोर्ट में याचिका का निपटारा न होने तक अंतरिम आदेशों के चलते जमानत का लाभ भी दिया है।