ड्रैगन पर हरियाणा का वार, बिजली निगम ने रद किए चीनी कंपनियों के टेंडर
हरियाणा ने चीन को झटका दिया है। हरियाणा बिजली निगम ने चीनी कंपनियों के टेंडर को रद कर दिया है। चीन से जुडी कपंनियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। चीन से सीमा पर चल रहे विवाद और कोरोना संक्रमण में पड़ोसी देश की संदिग्ध भूमिका के चलते हरियाणा की बिजली कंपनियों ने चीन की कंपनियों को मिले करोड़ों रुपये के ठेके रद कर दिए हैं। यमुनानगर और हिसार थर्मल प्लांट के लिए बोली में सफल रही चीनी कंपनियों को अब टेंडर नहीं दिया जाएगा। प्रदेश सरकार ने दोबारा से बोली लगवाने के निर्देश दिए हैं जिनमें नेशनल थर्मल पावर कारपोरशन (एनटीपीसी) की तर्ज पर भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
यमुनानगर व हिसार थर्मल प्लांट के लिए करोड़ों की बोली में सफल तीन चीनी कंपनियों को नहीं मिलेगा टेंडर
पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 7 दिसंबर 2015 को प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों की स्थापना के लिए थर्मल पावर प्लांट्स के लिए नए पर्यावरण मानदंड जारी किए थे। इसके बाद प्रदेश सरकार ने हिसार और यमुनानगर स्थित बिजली संयंत्रों में फ्ल्यू गैस डिसल्फराइजेशन सिस्टम स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके लिए राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम को सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया है।
नए सिरे से लगेगी बोली, चीन से जुड़ी कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
हरियाणा विद्युत उत्पादन निगम ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक आधार पर निविदाएं मांगी थी। दीन बंधु छोटू राम थर्मल पावर स्टेशन यमुनानगर के लिए पांच कंपनियों ने बाली लगाई जिनमें तीन चीन की हैं, जबकि दो भारत की। भारतीय बोलीदाताओं में भी एक कंपनी मैसर्स ईपीआइएल चीनी फर्म से जुड़ी है, जबकि मैसर्स भेल एक अन्य विदेशी फर्म से जुड़ी है।
इसी तरह हिसार के खेदड़ में स्थित बिजली संयंत्रों के लिए निविदा में तीन फर्मों ने भाग लिया जिसमें दो चीनी फर्म हैं और तीसरी मैसर्स भेल (विदेशी सहयोग के साथ) है। उक्त दोनों निविदाओं में एल -1 बोलीदाता (सर्वोच्च बोली लगाने वाली) चीनी कंपनियां हैं। हालांकि खुली प्रतिस्पर्धा के तहत यह बोलियां छूटी थी, लेकिन मौजूदा परिवेश में प्रदेश सरकार ने इन निविदाओं को रद करने और एनटीपीसी की तर्ज पर डोमेस्टिक बिडिंग के आधार पर नए सिरे से निविदाएं जारी करने के आदेश जारी कर दिए। नई बोली में केवल भारतीय कंपनियों को ही शामिल किया जाएगा।
सरकारी बोलियों में शामिल नहीं हो सकेंगी चीन से जुड़ी कंपनियां
मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य ने बताया कि चीन ने जिस तरह सीमा पर हिमाकत की है, उसके बाद प्रदेश सरकार ने चीनी कंपनियों की बोली रद करने का निर्णय लिया है। दूसरे महकमों से जुड़ी सरकारी बोलियों में भी चीन से संबंध रखने वाली कंपनियों से परहेज किया जाएगा। महामारी के बाद चीन से बाहर निकलने की इच्छुक कंपनियों को प्रदेश सरकार हरियाणा में निवेश के लिए विशेष रियायतें देगी।
लोकल फॉर वोकल को करेंगे प्रमोट : सीएम
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के लोकल फॉर वोकल के मंत्र पर चल रही है। चीन ने सीमा पर जो दुस्साहस किया है, उसका आर्थिक रूप से भी जवाब देने की तैयारी हमने कर ली है। चीनी कंपनियों को बोलियों में शामिल न कर दूसरी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को मौका दिया जाएगा।
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