ठंड में चढ़ेगा हरियाणा की राजनीति का पारा, विधानसभा कई मुद्दों पर हाेगी गरमागरमी
हरियाणा विधानसभा का एक दिन का शीतकालीन सत्र आज से हैं। इस सत्र के मद्देनजर कड़ाके की ठंड में भी हरियाणा की राजनीति गर्मा गई है।
चंडीगढ़, जेएनएन। कड़ाके की ठंड के बीच हरियाणा की राजनीति गर्मा गई है। हरियाणा विधानसभा का एक दिन का शीतकालीन सत्र थोड़ी देर में शुरू हाेगा और इसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान की पूरी संभावना है। विपक्ष ने इसमें सरकार को घेरने की पूरी तैयारी में है तो सत्ता पक्ष भी पलटवार के लिए तत्पर दिख रहा है।
विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज, विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब देने को तैयार सरकार
हरियाणा विधानसभा के एक दिन के सत्र में प्रश्नकाल को जगह नहीं मिली है, लेकिन कांग्रेस और इनेलो ने कई ज्वलंत मुद्दों पर सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है। सरकार ने भी पूरा होमवर्क कर रखा है और विपक्षी खेमे के हर संभावित तीर की काट तैयार कर की है।
सत्र से एक दिन पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस व इनेलो नेताओं ने दिनभर बैठकें कर अपनी रणनीति को अंतिम रूप दिया था। मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि एक दिन के शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा कुछ अहम बिल पारित करने के साथ ही तात्कालिक विषयों पर ही चर्चा की जाएगी। प्रयास रहेगा कि डबल सीटिंग कर ली जाए।
अभय चौटाला की अध्यक्षता में हुई इनेलो विधायकों की बैठक में नैना चौटाला, अनूप धानक व राजदीप फौगाट शामिल नहीं हुए। चौटाला ने बैठक में एसवाईएल के मुद्दे पर काम रोको प्रस्ताव लाने संबंधी चर्चा की। हालांकि यह प्रस्ताव अस्वीकार होना तय है लेकिन वे हंगामा करके सदन से वाकआउट कर सकते हैं।
दूसरी ओर दुष्यंत चौटाला की नवगठित पार्टी के साथ गए इनेलो के तीनों विधायकों नैना चौटाला, अनूप धानक व राजदीप फौगाट प सभी की नजरें टिकी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ पहुंचकर अपने खेमे के विधायकों के साथ बैठक की।
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सत्र के दौरान भले ही कोई विधायक प्रश्न नहीं उठा सकेगा लेकिन हुड्डा व उनके समर्थक विधायक सरकार को कानून व्यवस्था, किसानों व कर्मचारियों के मुद्दे पर घेरने का प्रयास करेंगे। विधानसभा सत्र में भाग लेने पहुंचीं कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कई विधायकों के साथ ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि समाप्त होने जा रहा वर्ष 2018 दुष्कर्म, हमलों, अशांति, किसान संकट, अराजकता के लिए पहचाना जाएगा।
भाजपा की सरकार में सर्वाधिक चला सदन : सीएम
शीतकालीन सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर कांग्रेस-इनेलो के दबाव बढ़ाने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वास्तविकता में विपक्ष इस सत्र को आयोजित करने के पक्ष में ही नहीं था। कई नेता साल के अंतिम दिनों में सत्र में शामिल होना नहीं चाहते हैं। हरियाणा में शीतकालीन सत्र की परंपरा बहुत कम रही है। वर्ष 2005 से लेकर 2009 तक विधानसभा के कुल 12 सत्रों में 70 बैठकें हुई।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 से 14 तक 11 सत्रों में केवल 56 बैठकें हुईं, जबकि भाजपा सरकार में वर्ष 2014 से अभी तक 12 सत्रों में 71 बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो आज विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है क्योंकि विपक्षी राजनीतिक दल अपनी गुटबाजी की लड़ाई में उलझे हुए हैं। फिर भी अगर कोई विषय सदन में उठाया जाता है तो सरकार उसका जवाब देने के लिए तैयार है।