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उपद्रवियों के दिल में खौफ पैदा करेगा हरियाणा का नुकसान की भरपाई का कानून, जानें खास बातें

आंदोलन की आड़ में तोड़फोड़ और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों पर नकेल के लिए हरियाणा विधानसभा में पेश विधेयक पारित हो गया है। इस कानून के बनने से आंदोलनाें के दौरान उपद्रव करने वालों में खाौफ पैदा होगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 08:48 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 08:48 AM (IST)
उपद्रवियों के दिल में खौफ पैदा करेगा हरियाणा का नुकसान की भरपाई का कानून, जानें खास बातें
हरियाणा में आंदोलनों के दौरान कई बार ऐसे दृश्‍य दिखाई दिए हैं। (फाइल फोटो)

चंडीगढ, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में किसी आंदोलन या विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए संपति के नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से ही किए जाने का कानून सरकार का अभूतपूर्व फैसला है। आंदोलन के नाम पर उपद्रव मचाने, दंगा करने और सरकारी व निजी संपति को आग के हवाले कर भाग जाने की घटनाओं का यहां लंबा इतिहास है। आंदोलनकारियों के बीच छिपे ऐसे आततायी लोगों के लिए हरियाणा सरकार का यह कानून किसी भूत से कम साबित नहीं होगा। यह कानून उपद्रवियों को न केवल सरकारी या निजी संपत्ति का नुकसान करने से रोकेगा, बल्कि अपनी मांगों के लिए वास्तविक रूप से शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वालों के लिए सरकार के साथ बातचीत के रास्ते भी खोलेगा।

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 हरियाणा सरकार छह साल पहले ले आती यह कानून तो नहीं होता कई हजार करोड़ का नुकसान

उत्तर प्रदेश के बाद हरियाणा देश का ऐसा दूसरा राज्य है, जिसने 'हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपति क्षति वसूली विधेयक' बनाया है। विधानसभा में कांग्रेस ने इसे राज्य में अभी तक हुए विभिन्न आंदोलनों तथा मौजूदा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन से जोड़ते हुए कानून का विरोध किया है, लेकिन सरकार ने सदन के भीतर और बाहर साफ कर दिया है कि राजनीतिक चश्मे पर चढ़ी वोटों की परत को साफ कर जनहित में इस कानून के फायदे देखे जाने चाहिएं।

 उपद्रव और आगजनी में प्रभावित लोगों को आज तक नहीं मिल पाया निजी संपति के नुकसान का मुआवजा

हरियाणा में कोई सरकार ऐसी नहीं रही, जिसके कार्यकाल में बड़े आंदोलन नहीं हुए। इन आंदोलनों में अरबों रुपये की सरकारी व निजी संपति का नुकसान हुआ। भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में तीन बड़े आंदोलन हुए। जाट आरक्षण आंदोलन में औद्योगिक संगठनों ने करीब 20 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का आकलन किया था, लेकिन प्रदेश सरकार की नजर में लगभग 900 करोड़ रुपये का नुकसान तो हुआ ही।

इसी तरह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हुई सजा के बाद कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। करौंथा आश्रम के संचालक रामपाल की गिरफ्तारी के विरोध में भी राज्य में बड़ा आंदोलन हुआ। हरियाणा सरकार छह साल पहले यह कानून ले आती तो कई हजार करोड़ का नुकसान नहीं हो पाता।

हरियाणा में फिलहाल तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन चल रहा है, लेकिन सुखद बात यह है कि इस आंदोलन में रत्ती भर भी कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सरकार का मानना है कि उपद्रवी या दंगई का कोई चेहरा नहीं होता। इसलिए लोगों की संपति के नुकसान की भरपाई के लिए बरसों तक अदालतों के चक्कर न काटने पड़ें, इसलिए 'हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपति क्षति वसूली विधेयक' उनके लिए बड़ा मददगार साबित होगा।

राजनीति की आड़ में उपद्रव नहीं करने देंगे

'' हमारे द्वारा बनाया गया कानून किसी भी राजनीतिक विचारधारा की अभिव्यक्ति करने से रोकने को नहीं है। विभिन्न तरह के आंदोलन व प्रदर्शनों के दौरान लोगों की जो संपति का नुकसान होता है, उसकी रिकवरी के लिए यह कानून बनाया गया है। इस बिल का मौजूदा किसान आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 112 दिन से आंदोलन चल रहा है, लेकिन एक भी पत्ता नहीं हिला। इस बिल को लाने के लिए हम काफी समय से प्रयास कर रहे थे। कांग्रेस से हमने विधानसभा में यही पूछा कि आप शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हैं या ¨हसक आंदोलन के साथ हैं। आप आग लगाने वालों के साथ हैं या जिनके यहां आग लगी है, उनके साथ हैं। यह बिल हमने जनभावनाओं के अनुरूप पास किया है। बिल के तहत हम ट्रिब्यूनल बनाएंगे। बाद में इसमें हाईकोर्ट में भी अपील की छूट होगी।

                                                                                               - अनिल विज, गृह मंत्री, हरियाणा।

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'हमें सरकार की मंशा ठीक नजर नहीं आ रही'

 '' हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार जन विरोधी और किसान विरोधी है। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को डराने-धमकाने के लिए यह कानून लाया गया है। इसका भविष्य में सरकार अक्सर दुरुपयोग करती रहेगी। अब भी आंदोलन में इसके दुरुपयोग की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। ऐसी कौन सी जरूरत थी कि सरकार को यह बिल अचानक लाना पड़ा। हमें सरकार की मंशा पर शक है और जनता इसे समझ रही है।

                                                                                         - भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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'कानून तोड़ने वालों के दिल में डर तो होना ही चाहिए'

'' कानून तोड़ने वालों के मन में डर तो होना ही चाहिए। पुराने कानून में खामियों को ठीक करने के लिए हम नया बिल लाए हैं। पुरानी व्यवस्था में पीडि़तों को बरसों तक मुआवजा नहीं मिल पाता था। क्लेम का निपटारा जल्द हो, इसके लिए यह कानून लाया गया है। नुकसान होने की स्थिति में अब तीन महीने में क्लेम मिल सकेगा।

                                                                                                - मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।


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