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हर जिले में लगेंगे बायोगैस प्लांट, हरियाणा सरकार ने केंद्र से मांगी अतिरिक्त वित्तीय मदद

हरियाणा में हर जिले में बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे। हिसार के नयागांव के बायोगैस प्लांट से करीब डेढ़ सौ घरों में पाइप लाइन के जरिये खाना बनाने वाली गैस की आपूर्ति की जा रही है। इसकी सफलता के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 03:40 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 03:40 PM (IST)
हर जिले में लगेंगे बायोगैस प्लांट, हरियाणा सरकार ने केंद्र से मांगी अतिरिक्त वित्तीय मदद
हरियाणा में हर जिले में लगेंगे बायोगैस प्लांट। सांकेतिक फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के हर जिले में बायोगैस प्लांट स्थापित किए जाएंगे। हिसार के नयागांव में बायोगैस प्लांट की सफलता के बाद हरियाणा सरकार ने यह निर्णय लिया है। नयागांव के बायोगैस प्लांट से करीब डेढ़ सौ घरों में पाइप लाइन के जरिये खाना बनाने वाली गैस की आपूर्ति की जा रही है। हरियाणा सरकार ने बायोगैस प्लांट लगाने के लिए निजी वित्त संस्थानों (प्राइवेट बैंकों) से कर्ज मुहैया कराने के साथ ही केंद्र सरकार से अतिरिक्त वित्तीय सहायता राशि प्रदान करने का आग्रह किया है।

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हरियाणा के मुख्य सचिव विजयवर्धन ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव यूपी सिंह से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बातचीत में यह जानकारी दी। केंद्र व राज्य सरकारों ने गोबरधन योजना की प्रगति की समीक्षा की है। इस वीडियो कान्फ्रेंस में कई राज्यों के अधिकारी शामिल हुए। विजय वर्धन ने केंद्रीय सचिव को बताया कि हिसार जिले के नयागांव में बायोगैस प्लांट संचालित किए जाने से यह सामने आया कि कंंपप्रेेस्ड गैस के मुकाबले पाइप लाइन के माध्यम से गैस की आपूर्ति ज्यादा बेहतर है और इसकी लागत एलपीजी गैस सिलेंडर की तुलना में एक तिहाई है।

बता दें, हिसार के नयागांव में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बायोगैस प्लांट की शुरुआत की थी। मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक बायोगैस प्लांट स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना पर काम शुरू किया जा चुका है। सामुदायिक बायोगैस प्लांट माडल निजी प्लांट की तुलना में अधिक सफल हैं, इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि वह सामुदायिक बायोगैस प्लांट के लिए निजी वित्त संस्थानों से ऋण मुहैया करवाने में मदद करे तथा केंद्र की ओर से अधिक से अधिक वित्तीय सहायता प्रदान कराए। योजना के तहत गोबर और खेतों के बेकार या इस्तेमाल में न आने वाले उत्पादों को कंपोस्ट, बायोगैस और बायो सीएनजी में बदल दिया जाता है।

इस गोबरधन योजना का उद्देश्य गांवों को स्वच्छ बनाना और पशुओं के गोबर और खेतों के ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कंपोस्ट व बायो-गैस में परिवर्तित कर उससे धन और ऊर्जा का उत्पादन करना है। इस योजना से एक ओर जहां सफाई सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी। बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव सुधीर राजपाल, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीसी गुप्ता, पशुपालन और डेयरी विभाग के प्रधान सचिव राजा शेखर वुंडरू सहित कई अधिकारी शामिल हुए।


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