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दिल्‍ली से फिर गर्माया जल विवाद, अतिरिक्त पानी के आदेश के खिलाफ आवाज उठाएगा हरियाणा

हरियाणा और दिल्‍ली के बीच जल विवाद एक बार फिर गर्मा गया है। दिल्‍ली को अतिरिक्‍त पानी देने के यमुना नदी निरीक्षण कमेटी के आदेश के खिलाफ हरियाणा हर मंच पर आवाज उठाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 08:05 AM (IST)
दिल्‍ली से फिर गर्माया जल विवाद, अतिरिक्त पानी के आदेश के खिलाफ आवाज उठाएगा हरियाणा
दिल्‍ली से फिर गर्माया जल विवाद, अतिरिक्त पानी के आदेश के खिलाफ आवाज उठाएगा हरियाणा

नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा और दिल्‍ली के बीच एक बार फिर जल विवाद गर्मा गया है। दिल्ली में बेहतर जलापूर्ति के लिए यमुना नदी निरीक्षण कमेटी ने हरियाणा को 770 क्यूसेक पानी प्रतिदिन देने का आदेश दिया है। हरियाणा इस आदेश से कतई सहमत नहीं है और इसका विरोध कर रहा है। इस आदेश के खिलाफ हरियाणा ने पहले केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में गुहार लगाई है। अब हरियाणा इस आदेश के खिलाफ अब हर उचित मंच पर आवाज उठाएगा।

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हरियाणा सरकार ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय में गुहार लगाई

मनोहरलाल सरकार ने अब इस आदेश के खिलाफ तथ्यात्मक रिपोर्ट तैयार करने के लिए दक्षिण हरियाणा के 15 विधायकों की एक कमेटी परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की अध्यक्षता में बनाई है। यह कमेटी अपनी बात रखने के लिए दिल्ली और हरियाणा के बीच हुए जल समझौतों को आधार बनाएगी। इस कमेटी के गठन के साथ ही हरियाणा ने यह भी साफ कर दिया है कि दक्षिण हरियाणा के हिस्से के पानी को किसी भी कीमत पर दिल्ली को नहीं दिया जाएगा।

यमुना नदी निरीक्षण कमेटी ने हरियाणा को दिया है 770 क्यूसेक पानी प्रतिदिन देने का आदेश

हरियाणा का कहना है कि दिल्ली को पानी देने के मामले में यमुना नदी निरीक्षण कमेटी के ताजा आदेश से दक्षिण हरियाणा के छह जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात,रेवाड़ी और नारनौल में सूखा पड़ जाएगा। दिल्ली को पानी देने के लिए हरियाणा के साथ जो जल समझौता 1994 में हुआ, उसमें यह साफ था कि हथिनीकुंड बांध से हरियाणा यमुना में 140 क्यूसिक पानी प्रतिदिन अतिरिक्त छोड़ेगा ताकि दिल्ली इस पानी को इस्तेमाल कर सके।

कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा की अध्यक्षता में दक्षिण हरियाणा के 15 विधायकों की बनाई कमेटी

यह क्रम 2015 तक चलता रहा मगर दिल्ली में पानी की बढ़ती किल्लत के मद्देनजर राष्ट्रीय हरित अधिकरण 2015 में यह आदेश दिया कि दिल्ली की जरूरत के अनुसार अब हरियाणा प्रदेश दिल्ली को 350 क्यूसेक पानी प्रतिदिन यमुना में छोड़े। यह क्रम भी पिछले पांच साल से चल रहा है मगर अब यमुना नदी निरीक्षण कमेटी ने 770 क्यूसेक पानी प्रतिदिन छोडऩे का आदेश दिया है। हरियाणा का कहना है कि दिसंबर, जनवरी, फरवरी और मार्च माह में तो हरियाणा को हथीनीकुंड बैराज से केवल 1750 क्यूसिक पानी ही मिलता है। ऐसे में यदि हरियाणा 1750 क्यूसेक पानी में से यमुना में 770 क्यूसेक पानी दिल्ली को देगा तो दक्षिण हरियाणा का 70 फीसद हिस्सा मरुस्थल बन जाएगा।

जल संरक्षण के लिए बनाई कमेटी में हैं कुल 20 सदस्य

परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की अध्यक्षता में बनी 20 सदस्यीय कमेटी में अधिकारियों के अलावा विधायक नरेंद्र गुप्ता,सुधीर सिंगला, संजय सिंह, सत्यप्रकाश, राकेश दौलताबाद, आफताब अहमद, मामन खान, मोहम्मद इलियास, सीमा त्रिखा, राजेश नागर, नीरज शर्मा, नयनपाल रावत,प्रवीण डागर, जगदीश नायर, दीपक मंगला को शामिल किया गया है। शर्मा के अनुसार गुरुग्राम और आगरा कैनाल को यमुना से मिल रहे पानी से ही दक्षिण हरियाणा में सिंचाई होती है। यह कमेटी दक्षिण हरियाणा के हितों को प्रमुखता से उठाएगी।

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