हरियाणा वक्फ बोर्ड पर हाईकोर्ट का 'टाइमर', सरकार को तीन महीने के भीतर करना होगा पुनर्गठन
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार को तीन महीने के भीतर वक्फ अधिनियम के अनुसार वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन करने का आदेश दिया है। यह मामला 2020 में शुरू हुआ था, जब सरकार ने बोर्ड का गठन किया था, जिसे अदालत में चुनौती दी गई थी। अदालत ने अब सभी याचिकाओं को निपटाते हुए सरकार को बोर्ड का गठन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, जिससे पांच साल से चल रही कानूनी लड़ाई का अंत हो गया है।
-1762958627544.webp)
पांच साल से चले रहे केस को निपटाते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने दिया आदेश (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लगभग पांच वर्षों से लंबित वक्फ बोर्ड के गठन से जुड़ा विवाद अब सुलझ गया है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह तीन माह के भीतर वक्फ अधिनियम के अनुसार हरियाणा वक्फ बोर्ड का पुनर्गठन करे।
इस मामले की शुरुआत मार्च 2020 में हुई थी, जब हरियाणा सरकार ने वक्फ बोर्ड का गठन किया था। उक्त अधिसूचना को एडवोकेट मोहम्मद अरशद ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी, जिसके पश्चात अदालत ने उस अधिसूचना पर स्थगन आदेश जारी किया था।
उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद राज्य सरकार ने वक्फ अधिनियम की धारा 99 के तहत एक प्रशासक नियुक्त कर दिया। बाद में सितंबर 2024 में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार ने एक नई अधिसूचना जारी कर पुनः वक्फ बोर्ड का गठन करते हुए छह सदस्यों को नामित किया।
इस अधिसूचना को भी एडवोकेट मोहम्मद अरशद ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिस पर पुनः स्थगन आदेश जारी किया गया। अब पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे से संबंधित सभी याचिकाओं को एक साथ निपटाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह वक्फ अधिनियम के प्रविधानों के अनुरूप तीन माह के भीतर हरियाणा वक्फ बोर्ड का गठन सुनिश्चित करे। इस आदेश के साथ ही हरियाणा वक्फ बोर्ड के गठन से जुड़ी पांच वर्ष लंबी कानूनी लड़ाई अपने निर्णायक मुकाम पर पहुंच गई है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।