Move to Jagran APP

रोडवेज ने कच्चे कर्मियों को नौकरी से निकाला, कर्मचारी 27 को करेंगे विरोध प्रदर्शन

हरियाणा परिवहन विभाग ने अनुबंध के आधार पर काम कर रहे 365 चालकों को नौकरी से हटाने के पत्र थमा दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 08:33 PM (IST)Updated: Sun, 26 May 2019 05:17 PM (IST)
रोडवेज ने कच्चे कर्मियों को नौकरी से निकाला, कर्मचारी 27 को करेंगे विरोध प्रदर्शन
रोडवेज ने कच्चे कर्मियों को नौकरी से निकाला, कर्मचारी 27 को करेंगे विरोध प्रदर्शन

जेएनएन, चंडीगढ़/रोहतक। हरियाणा रोडवेज में वर्ष 2016 से अनुबंध आधार पर काम कर रहे 365 चालकों की छुट्टी होगी। परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के आदेश पर शुक्रवार को रोडवेज महाप्रबंधकों ने कई जिलों में आनन-फानन में इन कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के पत्र थमा दिए। सोनीपत में 36 और नारनौल में 11 कर्मचारी निकाले गए हैं।

loksabha election banner

वहीं, हरियाणा रोडवेज तालमेल कमेटी ने शनिवार को रोहतक में बैठक कर सरकार के इस फैसले का विरोध किया। बैठक में फैसला लिया गया कि 27 मई को हरियाणा के सभी डिपो में सुबह 9 से 11 बजे तक 2 घंटे का विरोध प्रदर्शन का किया जाएगा। अगर फिर भी निकाले गए कर्मचारियों को वापस ड्यूटी पर नहीं लिया गया तो ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक बुलाकर निर्णायक आंदोलन की घोषणा की जाएगी। 

शनिवार को ऑल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन की केंद्रीय कमेटी की बैठक में पूरे मामले को लेकर रणनीति तैयार की गई। यूनियन के राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा व बलवान सिंह दोदवा की अगुवाई में केंद्रीय कमेटी ने 18 दिन चली हड़ताल के बाद के हालातों की समीक्षा करते हुए कहा कि किलोमीटर स्कीम घोटाले में चल रही विजिलेंस जांच से हताश होकर परिवहन अफसरों ने कच्चे कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने का तुगलकी फरमान जारी किया है। 

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि रोडवेज कर्मचारियों पर हड़ताल के दौरान एस्मा के तहत की गई सभी तरह की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। इसके बावजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कोर्ट की अवमानना और आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए करते हुए कच्चे कर्मचारियों को निकालने का आदेश जारी कर दिया। यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो आर-पार की लड़ाई से भी पीछे नहीं हटेंगे। 

पिछले साल मई में भी परिवहन विभाग ने आउटसोर्सिंग पॉलिसी-2 के तहत लगे कर्मचारियों को निकालने का आदेश दिया था, लेकिन कर्मचारी संगठनों के विरोध के बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके बाद दिसंबर में फिर से इन्हें निकालने के पत्र जारी किए गए, लेकिन 54 कर्मचारी हाई कोर्ट में चले गए।

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के आदेश पर तब परिवहन सचिव ने इन कर्मचारियों को हटाने की प्रक्रिया रोक दी थी। अब एक बार फिर सभी डिपुओं में स्टाफ पूरा बताते हुए सभी कच्चे कर्मचारियों को बाहर निकालने का आदेश दिया गया। हालांकि हाई कोर्ट में केस लड़ रहे कर्मचारियों को अभी नहीं छेड़ा जाएगा।

आंदोलन के लिए उकसा रहे अफसर : किरमारा

कच्चे कर्मचारियों को निकालने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने आक्रामक रवैया अपनाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि परिवहन अधिकारी उन्हें फिर से आंदोलन के लिए उकसा रहे हैं।

हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद कर्मचारियों को निकालने का आदेश किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विभाग के अफसर हर दिन नए तुगलकी फरमान जारी कर रहे हैं। आमजन को परेशान करने वाले फैसलों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 

हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.