हरियाणा को पावर ग्रिड से मिलने लगी सस्ती बिजली, दिन में चार और रात को छह रुपये प्रति यूनिट
खेती के लिए बिजली की अब ज्यादा डिमांड नहीं है। इसके कारण अब हरियाणा में बिजली की खपत में कमी आई है। फिलहाल राज्य के पास करीब नौ हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध है जो लोगों की समस्त जरूरत को पूरा कर रही है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में 48 डिग्री तापमान के बीच प्रदेश सरकार ने जिस तरह से बिजली प्रबंधन किया है, उससे केंद्र सरकार खुश है। हरियाणा के बिजली प्रबंधन की तारीफ करते हुए केंद्र सरकार ने बाकी राज्यों को हरियाणा का अनुसरण करने की सलाह दी है।
हरियाणा ने बिजली की किल्लत के बावजूद खुले बाजार से महंगी कीमत पर बिजली की खरीद की, लेकिन उपभोक्ताओं को अधिक परेशानी नहीं होने दी। फिलहाल राज्य के पास करीब नौ हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध है, जो लोगों की समस्त जरूरत को पूरा कर रही है।
हरियाणा सरकार ने पावर ग्रिड से खुले बाजार में 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदी, जबकि उसकी खुद की लागत साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट पड़ती है। खेती का काम काफी हद तक पूरा हो जाने के बाद बिजली की खपत में कमी आई है। इसका असर यह हुआ कि पावर ग्रिड में खुले बाजार में हरियाणा को चार से छह रुपये प्रति यूनिट बिजली उपलब्ध है।
सुबह के समय चार रुपये और रात के समय छह रुपये प्रति यूनिट की दर से हरियाणा बिजली खरीद सकता है। हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने बताया कि अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि किसी भी सेक्टर में पांच घंटे से अधिक बिजली कट नहीं लगना चाहिए।
घरेलू उपभोक्ताओं को फिलहाल 24 घंटे और गांवों को भी 24 घंटे बिजली दी जा रही है। कृषि क्षेत्र में बिजली सप्लाई औद्योगिक क्षेत्र से ज्यादा है, लेकिन अब सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र के बिजली कट भी काफी हद तक कम कर दिए हैं।
रणजीत चौटाला के अनुसार हरियाणा के पास फिलहाल नौ हजार मेगावाट बिजली की उपलब्धता है। चायना के वैज्ञानिकों के आने के बाद खेदड़ में रोटर ठीक होने पर 600 मेगावाट बिजली की उपलब्धता बढ़ जाएगी। 15 मई से 600 मेगावाट बिजली हाइड्रिल से मिलनी शुरू हो गई है।
अदाणी ग्रुप ने 500 मेगावाट बिजली देनी आरंभ कर दी, जबकि 550 मेगावाट बिजली जल्दी मिलने की संभावना है। बिजली मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया कि देश भर में 41 डिस्काम (बिजली कंपनियां) हैं। पहले हरियाणा 15वें नंबर पर था, जो अब पांचवें नंबर पर आ गया है। गुजरात की चार कंपनियां पहले चार नंबर पर हैं।
गुजरात के बाद हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां सरकार ने बेहतरीन तरीके से बिजली प्रबंधन किया है। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक वीडियो कान्फ्रेंसिंग में हरियाणा के बिजली प्रबंधन की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सराहना की है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने बाकी राज्यों को सलाह दी है कि वह हरियाणा आकर यहां बिजली प्रबंधन के तरीके की जानकारी हासिल करें। नीति आयोग भी हरियाणा के बिजली प्रबंधन से प्रभावित है। रणजीत चौटाला ने दावा किया कि राज्य में लाइन लास काफी हद तक कम हुआ है, जिसे 15 पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।