Haryana Scholarship Scam 45 करोड़ के पार, अब तक पांच आरोपित गिरफ्तार
Haryana Post Matic Scholarship Scam 26 करोड़ से बढ़कर 45 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है।
जेएनएन, पंचकूला। प्रदेश में पोस्ट मैटिक छात्रवृत्ति घोटाला 26 करोड़ से बढ़कर 45 करोड़ रुपये से अधिक का हो गया है। घोटाले की जांच के लिए गठित स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने प्रदेश के 22 जिलों में से 10 में वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 में छात्रवृत्ति वितरण की जांच पूरी कर ली है। हरियाणा राज्य विजिलेंस ब्यूरो के पंचकूला, रोहतक और हिसार डिवीजनों के तहत अब तक चार FIR दर्ज की जा चुकी हैं। पंचकूला में दो FIR दर्ज की गई हैं, जहां 89.61 लाख रुपये का घोटाला पाया गया है। इसी तरह रोहतक में 23.06 करोड़ और हिसार में 21.35 करोड़ रुपये का घोटाला पाया गया है। बाकी 12 जिलों में जांच चल रही है।
SIT के प्रमुख विजिलेंस एसपी मनबीर सिंह ने शनिवार को प्रेसवार्ता में बताया कि अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के कल्याण विभाग के अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है। यदि किसी अधिकारी की भूमिका आती है, तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी। घोटाले में किसी नेता के शामिल होने के सवाल पर एसपी ने कहा कि अभी जांच चल रही है। वहीं इस मामले में अब तक पांच आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
शुक्रवार को यमुनानगर से मूलरूप से पंजाब की मोहाली निवासी गुरुदेव कौर व उसकी बेटी रितिक सिंह को गिरफ्तार किया गया, जो दो दिन के रिमांड पर हैं। वहीं रोहतक से आयकर विभाग में लेखाकार राहुल को गत 7 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के पूर्व उपनिदेशक आरएस सांगवान और सोनीपत के जिला कल्याण अधिकारी कार्यालय में लेखाकार कम लिपिक सुरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। ये दोनों फिलहाल जमानत पर हैं।
इसके अलावा विजिलेंस ब्यूरो ने ओपीजेएस विश्वविद्यालय चुरू राजस्थान के तत्कालीन वीसी जेएस दलाल और रजिस्ट्रार जितेंद्र यादव के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश का केस दर्ज किया है, जोकि अभी फरार हैं।
यमुनानगर की छात्राओं का दाखिला दिखा हड़पी राशि
रिमांड के दौरान पता चला है कि गुरुदेव कौर यमुनानगर में एक एनजीओ चलाती है। उसने गाजियाबाद के रहने वाले मयंक चौधरी और रोहतक के रहने वाले राहुल चौधरी के साथ चुरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में यमुनानगर की 41 एससी छात्राओं को दाखिला दिलाया। विभिन्न बैंकों में उनके खाते खोले गए। आरोपित मयंक छात्राओं के एटीएम कार्ड रखने, किताबों की जांच करने और किताबें पास करने का काम करता था।
रिमांड में एटीएम कार्ड, पासबुक और चेक बुक के संबंध में पूछताछ की जा रही है। मामले में अन्य व्यक्तियों के बारे पूछताछ की जा रही है। छात्रवृति राशि की बरामदगी की जानी है। अंबाला राज्य चौकसी ब्यूरो में नीलम विश्वविद्यालय कैथल में भी इसी तरह के घोटाला हुआ था। इस मामले में सात आरोपितों को गिरफतार किया जा चुका है।
हिसार निवासी मुख्य आरोपित अरविंद सांगवान की तलाश जारी
पोस्ट-मैटिक छात्रवृत्ति के 45 करोड़ रुपये के घोटाले में मुख्य सरगना अरविंद सांगवान निवासी हिसार की तलाश है। अरविंद सांगवान पहले एक कॉलेज चलाता था। कॉलेज बंद होने के बाद उसने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों मिलीभगत से करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया।
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