रोडवेज हड़ताल पर सरकार व कर्मचारियों में 'हठ' की लड़ाई, अगले दो दिन होंगे मुसीबत भरे
हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियाें की हड़ताल जिद में फंस गई है। हडताल को लेकी न तो कर्मचारी कदम पीछे करने को तैयार हैं और न ही सरकार झुकने को राजी है। ऐसे में आफत जनता की हो रही है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल हठ का विषय बनती दिख रही है। न कर्मचारी झुकने को तैयार हैं और न ही सरकार पीछे हटने को राजी है। इससे प्रदेश के लाेगों के लिए मुसीबत पैदा हो गई है। यह हड़ताल साेमवार को 14वें दिन भी जारी है। इसके साथ ही सरकार ने अपना रुख कड़ा कर दिया है और काफी संख्या में हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।इसके साथ ही रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में करीब 140 कर्मचारी संगठनों 30 व 31 अक्टूबर को हड़लात करने का ऐलान किया है। इससे सरकारी कार्यालयाें में काम नहीं होने से लोगों की मुसीबतें बढ़ेंगी।
30 व 31 अक्टूबर को 140 संगठनों के कर्मचारी सामूहिक हड़ताल पर
सरकार का दावा है कि रोडवेज की कुल 4083 बसें में से अब 2503 बसें चल रही हैं। लेकिन, हकीकत इससे काफी अलग दिखती है और यात्री भटकने को मजबूर हैं। हरियाणा सरकार ने रविवार को ड्यूटी से गैरहाजिर 284 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया और 72 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के आदेश जारी किए हैं। सरकार ने कर्मचारियों से अपील की है कि त्योहार के सीजन को देखते हुए वे जनहित में काम पर लौट आएं। सरकार उनकी सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार-विमर्श करने के लिए सहमत है।
अधिकारियों ने दावा किया कि काफी संख्या में कर्मचारी हड़ताल छोड़कर काम पर लौट रहे हैं। रविवार को 350 कर्मचारियों के ड्यूटी पर लौट आए। दूसरी तरफ, गिरफ्तारी के क्रम को देखते हुए कर्मचारी नेता भूमिगत हो गए हैं। अब तक 17 नेताओं को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें पांच बड़े नेता हैं।
परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने दावा किया कि रविवार को 2503 बसें सड़कों पर चलीं। यह संख्या एक दिन पहले से 100 ज्यादा है। उन्होंने कहा कि यदि कर्मचारियों का रवैया नहीं बदला तो कार्रवाई बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि त्योहारों के मद्देनजर कर्मचारी काम पर लौट आएं। सरकार सभी यूनियनों और तालमेल कमेटी के प्रतिनिधियों से उनकी जायज मांगों पर विचार विमर्श करने के लिए सहमत है।
लंबी खिंच रही हड़ताल के सोमवार को 14 दिन पूरे हो गए। रोडवेज यूनियनों के रुख में नरमी का कोई संकेत नहीं है। यूनियन नेता आज गोपनीय मीटिंग कर अगली रणनीति की घोषणा करेंगे। संभव है, हड़ताल को दो दिन और बढ़ा दें। इतना ही नहीं, हड़ताल के समर्थन में विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 30 व 31 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान कर दिया है। इसमें करीब 140 संगठन शामिल होंगे।
रोडवेज कर्मचारी यूनियनों की तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य हरिनारायण शर्मा, वीरेंद्र धनखड़, दलबीर किरमारा व अन्य ने संयुक्त बयान जारी कर रहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों से हम घबराने वाले नहीं हैं। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा के अनुसार 30 व 31 अक्टूबर की दो दिवसीय हड़ताल में सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों, नगर निगमों, पालिकाओं, परिषदों, सहकारी समितियों, पंचायत समितियों, पंचायती राज संस्थाओं, केंद्र एवं राज्य द्वारा संचालित परियोजनाओं में कार्यरत लाखों कर्मचारी शामिल होंगे।
वोल्वो बस भी चला रहे अनुभवहीन चालक
तालमेल कमेटी के वरिष्ठ सदस्य बलवान सिंह दोदवा ने कहा कि अनुभवहीन चालकों से बसें चलवाने के कारण हर रोज एक्सीडेंट हो रहे हैं। रविवार को चंडीगढ़ डिपो की वोल्वो बस (संख्या एचआर-68ए-9962) करनाल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। वोल्वो बस 300 रुपये की दिहाड़ी वाला अनुभवहीन सुरेंद्र चला रहा था। पहले ही इस बस की मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इन संगठनों ने कहा कि अगर सरकार के पास 720 बस खरीदने के लिए धन का अभाव है तो एक-एक कर्मचारी अपना वेतन देने को तैयार है।