हरियाणा रोडवेज की बसों के नहीं बढ़ पा रहे फेरे, लगातार बढ़ रहा घाटा अब चरम पर पहुंचा
हरियाणा रोडवेज अपनी बस सेवाएं नहीं बढ़ा पा रहा है। इस कारण उसका घाटा लगातार बढ़ रहा है और यह अब चरम पर पहंच गया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा रोडवेज अपनी बसों के फेरे नहीं बढ़ा पार रहा है। कोरोना काल में जहां अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू नहीं हो पा रही, वहीं लोकल रूटों पर भी यात्रियों की भारी कमी से रोडवेज का घाटा चरम पर पहुंच गया है। रोडवेज बेड़े में शामिल 3853 बसों में से अभी तक सिर्फ 762 बसें ही सड़कों पर उतर पाई हैं, जबकि लक्ष्य एक हजार बसों को संचालित करने का था।
अभी तक शुरू नहीं हुई अंतरराज्यीय बस सेवा, 3853 में से सिर्फ 762 बसें सड़कों पर
परिवहन विभाग में करीब 17 हजार कर्मचारी हैं। बस सेवा पटरी पर लाने की कोशिश में शुरुआती दौर में सभी कर्मचारियों को ड्यूटी पर बुलाने के निर्देश जारी कर दिए गए थे। बसों की मांग नहीं बढऩे के कारण अब परिवहन निदेशालय ने हिदायत जारी की है कि सभी चालक-परिचालकों को ड्यूटी पर बुलाने की जरूरत नहीं। ऑपरेशनल स्टाफ में केवल 20 फीसद अतिरिक्त कर्मचारियों को बुलाकर बाकी को विश्राम दिया जाए। मिनिस्ट्रियल और वर्कशॉप स्टाफ के 75 फीसद कर्मचारियों को बुलाया जाएगा।
जरूरत के मुताबिक बुलाए जाएंगे चालक-परिचालक, मिनिस्ट्रियल और वर्कशॉप स्टाफ के 75 फीसद कर्मी रहेंगे
लॉकडाउन से पहले रोडवेज की 3600 बसें रोजाना करीब साढ़े दस लाख किलोमीटर की दूरी तय कर साढ़े नौ लाख यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचा रहीं थी। इससे औसतन साढ़े तीन करोड़ रुपये रोडवेज को मिल रहे थे। 24 मार्च से तीन जून तक बस सेवा पूरी तरह बंद रही। अनलॉक-वन शुरू होने के बाद 3 जून को प्रदेश में ऑन लाइन व ऑफ लाइन बुकिंग के माध्यम से 398 बसों को सड़कों पर उतारा गया।
अब तक ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से 42 हजार 459 तथा ऑफलाइन बुकिंग से पांच लाख 86 हजार 553 यात्रियों ने सफर किया है। लॉकडाउन से पहले रोडवेज को जहां रोजाना औसतन करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की कमाई होती थी, वहीं पिछले 22 दिनों में सिर्फ चार करोड़ 14 लाख रुपये मिले हैं। इस दौरान रोडवेज बसों ने कुल 25 लाख 47 हजार 673 किलोमीटर सफर तय किया।
परिवहन मंत्री ने मांगा पैकेज
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि घाटे को पूरा करने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार से विभाग के लिए पैकेज भी मांगा है। यात्रियों की संख्या के आधार पर ही बसों का संचालन किया जा रहा है। आने वाले दिनों में अगर यात्री बढ़ते हैं तो बसों को भी बढ़ा दिया जाएगा।
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