हरियाणा सरकार ने सिंचाई क्षमता में विस्तार कर पानी की बर्बादी को किया 90% तक कम, जल संरक्षण में योगदान के लिए जीता अवॉर्ड
हरियाणा सरकार ने सिंचाई क्षमता में विस्तार करते हुए पानी की बर्बादी को 90% तक कम किया है। जेएलएन फीडर नहर के पुनरुद्धार से 50 हजार हेक्टेयर तक सिंचाई क्षमता बढ़ी है। राज्य को जल संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार में तृतीय स्थान मिला है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने राज्य स्तरीय महिला पुरस्कारों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं।

राज्य की सिंचाई क्षमता में 50 हजार हेक्टेयर तक विस्तार किया गया (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि जेएलएन फीडर नहर के पुनरुद्धार जैसी परियोजनाओं के माध्यम से हरियाणा ने सिंचाई क्षमता में 50 हजार हेक्टेयर तक विस्तार किया है।
रिसाव हानि यानी पानी की बर्बादी को 90 प्रतिशत तक कम किया गया तथा सिंचाई तीव्रता को 40 प्रतिशत से 85 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है, जिससे कृषि जल सुरक्षा मजबूत हुई है।
श्रुति चौधरी बुधवार को चंडीगढ़ में मीडिया से बात कर रही थी। केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा घोषित प्रतिष्ठित छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 में हरियाणा को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य (तृतीय स्थान)‘ के रूप में मान्यता दी गई है, जो एकीकृत और सतत जल प्रबंधन में राज्य की अनुकरणीय उपलब्धियों को रेखांकित करता है।
श्रुति चौधरी ने बताया कि छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 का नामांकन सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा फरवरी 2025 में प्रस्तुत किया गया था, जिसकी जल शक्ति मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग और केंद्रीय भूजल बोर्ड के अधिकारियों वाली ग्राउंड ट्रुथिंग टीम द्वारा जून 2025 में जांच की गई थी।
राज्य द्वारा प्रस्तुत ग्राउंड ट्रुथिंग रिपोर्ट और पुरस्कार आवेदन के आधार पर पुरस्कार को अंतिम रूप देने वाली समिति ने हरियाणा को तीसरे सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में नामित किया।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि हरियाणा की सफलता इसके एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन दृष्टिकोण और उसके बाद एकीकृत जल संसाधन कार्य योजना 2023-25 के कार्यान्वयन से प्रेरित है, जिसने वैज्ञानिक, डेटा-संचालित और भागीदारी दृष्टिकोण के माध्यम से लगभग 5.80 बीसीएम पानी का संरक्षण करते हुए अपने जल-बचत लक्ष्य का लगभग 84 प्रतिशत हासिल किया। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा 18 नवंबर को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा।
हरियाणा के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कारों हेतु 15 दिसंबर तक आवदेन आमंत्रित किए गए हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रतिवर्ष विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाली महिलाओं को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है और यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च को प्रदान किए जाते हैं।
इन पुरस्कारों में सुषमा स्वराज अवार्ड के तहत पांच लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र, इंदिरा गांधी अवार्ड के तहत एक लाख 50 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र, कल्पना चावला अवार्ड के तहत एक लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र, बहन शन्नो देवी पंचायती राज पुरस्कार के तहत एक लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र, वूमेन अचीवर्स पुरस्कार के तहत 51 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र, एएनएम/नर्स/महिला एमपीएचडब्ल्यू, महिला खिलाड़ी पुरस्कार, सरकारी कर्मचारी पुरस्कार, सामाजिक कार्यकर्ता पुरस्कार, महिला उधमी पुरस्कार, स्त्री शक्ति पुरस्कार, आंगनबाड़ी वर्कर पुरस्कार के तहत 21 हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र दिए जाएंगे।

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