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SYL मुद्दे पर पंजाब से बातचीत करने को हरियाणा तैयार, केंद्र सरकार को दी सूचना

हरियाणा सरकार सतलुज यमुना संपर्क नहर के मुद्दे पर पंजाब से बताचीत करने को तैयार है। इस संबंध मेंं हरियाणा ने केंद्र सरकार को भी सूचित कर दिया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 10:27 AM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 10:59 AM (IST)
SYL मुद्दे पर पंजाब से बातचीत करने को हरियाणा तैयार, केंद्र सरकार को दी सूचना
SYL मुद्दे पर पंजाब से बातचीत करने को हरियाणा तैयार, केंद्र सरकार को दी सूचना

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार ने सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाईएल) मामले को लेकर बड़ी पहल की है और कहा है कि वह पंजाब सरकार से इस मुद्दे पर बातचीत करने को तैयार है। हरियाणा सरकार ने इस संबंध में केंद्र सरकार को भी सूचना दे दी है। हरियाणा सरकार नहर का निर्माण पूरा कर पंजाब से अपने हिस्से का पानी लेने के लिए प्रयास कर रही है। हरियाणा सरकार का कहना है कि पंजाब ने बातचीत की पहल पर कोई रिस्‍पांस नहीं दिया है।

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह हरियाणा और पंजाब को आपस में बैठाकर इस मसले पर सहमति बनाए। हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार को अवगत करा दिया है कि वह पंजाब के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है, लेकिन अपने हिस्से के पानी से कम पर मानने को तैयार नहीं होगा। पंजाब ने अभी तक हरियाणा के साथ बैठकर बातचीत करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है।

पंजाब ने अभी तक नहीं दिखाई कोई रुचि, सीएम ने कहा केंद्र को देंगे जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल नहर निर्माण को लेकर हरियाणा के हक में डिक्री कर रखी है। अब इसे लागू कराने की बात है। पंजाब ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उसके पास हरियाणा को देने के लिए फालतू पानी नहीं है, लेकिन हरियाणा की दलील है कि वह फालतू या कम नहीं बल्कि अपने हिस्से का पानी मांग रहा है।

हरियाणा और पंजाब के बीच बरसों से चले आ रहे इस विवाद को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा है कि वह दोनों राज्यों को आपस में बैठाकर सर्वसम्मति बना ले और जो भी फैसला हो, उसके बारे में सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दे।

बातचीत में सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू कराने तथा पूरा पानी देने पर ही होगी बातचीत

सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बाद अब हरियाणा ने बातचीत की पहल की है। एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन के मुताबिक हमने केंद्र को बता दिया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल बातचीत करने को तैयार हैं। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री मनोहर लाल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को बातचीत करने के लिए कहा है और हम इसके लिए तैयार भी हैं। लेकिन, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हरियाणा अपने हक में आए फैसले तथा अपने हिस्से के पानी से कम पर मान जाएगा।

मुख्यमंत्री मनोहरलाल के अनुसार यदि पंजाब बातचीत के लिए आता है तो उसका स्वागत है। यदि नहीं आता है तब भी उसकी मर्जी है। जैसी भी स्थिति होगी, हम केंद्र सरकार को जानकारी दे देंगे। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट अपना हरियाणा के हक में दिया गया फैसला लागू कराने के लिए कोई दिशा निर्देश जारी कर सकता है। बता दें कि इस मामले में 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।

एसवाईएल संघर्ष समिति कल गोहाना में धरना शुरू करेगी

दूसरी ओर, एसवाईएल संघर्ष समिति के संयोजक सत्यवीर सिंह हुड्डा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हरियाणा के हक में लागू कराने के लिए प्रदेश सरकार गंभीरता से प्रयास नहीं कर रही है। इसके लिए दबाव बनाने को संघर्ष समिति की ओर से 17 अगस्त से गोहाना में धरना आरंभ किया जाएगा। सत्यवीर हुड्डा ने बताया कि दो बार दिल्ली में आंदोलन किया जा चुका है। उन्होंने एसवाईएल के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी अलग से याचिका दायर कर रखी है।

उधर, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई तथा इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने अलग-अलग बयान जारी कर कहा है कि एसवाईएल के लिए प्रदेश सरकार को गंभीरता से प्रयास करने चाहिएं। बता दें कि इसके लिए अभय चौटाला ने लंबा आंदोलन भी चलाया था।


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