एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ हरियाणा भी पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
हरियाणा सरकार ने भी अनुसूचित जाति-जनजाति एक्टमें बदलाव के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका दायर की है।
जेएनएन, चंडीगढ़। अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी पुनर्विचार याचिका लगाई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से दायर इस याचिका में एक्ट में बदलाव से अनुसूचित जातियों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को आधार बनाया गया है।
सर्वाेच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल, स्पेशल स्टैंडिंग काउंसिल करेगी पैरवी
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने बताया कि एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ केंद्र के साथ हरियाणा के वरिष्ठ वकीलों का दल भी केस की पैरवी करेगा। इसके लिए स्पेशल स्टैंडिंग काउंसिल बीके सतीजा की ड्यूटी लगाई गई है। बेदी ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति के लोगों के हितों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है। उनके अधिकार संरक्षित रहें, इसीलिए सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई।
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बेदी ने 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हरियाणा और अन्य राज्यों में हुई हिंसा को विपक्षी दलों की साजिश करार देते हुए कहा कि विपक्ष ने सुनियोजित तरीके से उपद्रव कराया। उत्तर प्रदेश में बसपा व सपा ने हिंसा को भड़काया तो हरियाणा में यह काम इनेलो और कांग्रेस ने किया। कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर और इनेलो नेता अभय चौटाला ने तो खुलकर एेलान किया था कि वे भारत बंद को अपना पूरा समर्थन देंगे।
इनेलो और कांग्रेसियों ने हिंसा के लिए उकसाया
राज्य मंत्री बेदी ने कहा कि बंद के दौरान कांग्रेसियों और इनेलो के वर्करों ने प्रदर्शनकारियों को हिंसा के लिए उकसाया। इसी वजह से कैथल समेत अन्य जिलों में आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया। दिल्ली में राहुल गांधी की जन आक्रोश रैली पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि यहां जन आक्रोश तो कहीं नहीं दिखाई देता, बल्कि कांग्रेजनों में आपसी आक्रोश जरूर दिख रहा है। पार्टी में चौधराहट के लिए हरियाणा के दिग्गज कांग्रेसियों में ही आक्रोश व्याप्त है तो इसमें जन आक्रोश की बात कहां से आ गई।
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पिछड़ों के कल्याण को कई योजनाएं
बेदी के कहा कि हरियाणा में अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों व गरीब लोगों के कल्याण के लिए कई अनूठी स्कीमें शुरू की गई हैं। विमुक्त जातियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक उत्थान के लिए विमुक्त घुमंतू जाति विकास बोर्ड का गठन किया गया है। सफाई कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए आयोग का गठन किया जा चुका। प्रदेश में सात अंत्योदय भवन स्थापित किए गए हैं।
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