Haryana school fees Issue@ शिक्षा मंत्री बोले- रिव्यू पटीशन डाल सकती है सरकार
Private school fees news in haryana शिक्षा मंत्री गुर्जर का कहना है कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पटीशन डाल सकती है।
जेएनएन, चंडीगढ़। Private school fees news in haryana: निजी स्कूलों की फीस मामले पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले के बाद यदि कोई स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा अतिरिक्त खर्च ले रहे हैं तो फिर कानूनी सलाह लेकर हरियाणा सरकार हाई कोर्ट के फैसले के विरुद्ध रिव्यू के लिए जाएगी। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने यह बात कही। वहीं, इनेलो नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला का कहना है कि हर जिले में निजी स्कूल संचालकों से मोटी धनराशि इकट्ठा की गई है। वह जल्द दस्तावेजों के साथ इसका खुलासा करेंगे। बताएंगे कि निजी स्कूलों को अभिभावकों को लूटने की छूट कैसे मिल पाई है।
चौटाला ने कहा कि उन्होंने पहले ही कहा था कि हर जिले में निजी स्कूल संचालकों से मोटी धनराशि इकट्ठा की गई है। प्रत्येक जिले से प्राइवेट स्कूल संचालकों से दो से पांच करोड़ रुपये वसूले गए हैं। इस बारे में उनके पास तमाम दस्तावेज आने वाले हैं। इन दस्तावेज के आने के बाद वह कई खुलासे करेंगे। इन दस्तावेज के आधार पर वह बताएंगे कि निजी स्कूलों को अभिभावकों को लूटने की छूट कैसे मिल पाई है।
बता दें, पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि निजी स्कूल ट्यूशन फीस के साथ-साथ वार्षिक शुल्क व अन्य खर्च भी ले सकते हैं। यही नहीं, जिन स्कूलों ने आनलाइन पढ़ाई नहीं भी करवाई है वह भी छात्रों से फीस व अन्य शुल्क वसूल सकते हैं। इससे पहले ठीक इसी प्रकार का फैसला पंजाब राज्य के लिए भी हाईकोर्ट की तरफ से दिया गया था, जिसके बाद पंजाब सरकार ने इस फैसले के विरोध में रिव्यू पीटिशन में जाने की बात कही थी। अब हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने भी कहा है कि सरकार निजी स्कूलों के द्वारा केवल ट्यूशन फीस लेने के पक्ष में है, लेकिन यदि इसके अलावा भी कोई चार्ज लिए जा रहे हैं तो फिर कानूनी सलाह करते हुए फैसले के रिव्यू के लिए भी सरकार जा सकती है।
स्कूल खोलने के मुद्दे पर गुर्जर ने कहा कि बडी कक्षाओं के छात्रों के लिए बड़ी कक्षाओं के लिए स्कूल पहले खोले जा सकते हैं। हालांकि स्कूल खोलने से पहले विशेषज्ञों की राय व MHA की गाइडलाइन का इंतजार करना होगा। मंत्री ने कहा कि सुझाव यह भी है कि जब भी स्कूल खुलेंगे अभिभावकों के पास ऑप्शन होगा कि वे छात्रों को स्कूल भेजें या न भेजें।