उन्नत फिंगरप्रिंट तकनीक से हरियाणा पुलिस को बड़ी सफलता, NAFIS का उपयोग कर सुलझाए ये दो बड़े मामले
हरियाणा पुलिस ने फिंगरप्रिंट तकनीक और NAFIS के इस्तेमाल से दो आपराधिक मामलों को सुलझाया है। रोहतक में हत्या के मामले में घटनास्थल से मिले फिंगरप्रिंट से आरोपी की पहचान हुई। वहीं, पानीपत में चोरी के मामले में भी फिंगरप्रिंट की मदद से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। NAFIS प्रणाली अपराध जांच में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।

उन्नत फिंगरप्रिंट तकनीक से हरियाणा पुलिस को बड़ी सफलता (प्रतीकात्मक फोटो)
जागरण संवाददाता, पंचकूला। राज्य अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (SCRB), हरियाणा ने फिंगरप्रिंट विज्ञान और नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) का प्रभावी उपयोग करते हुए सितंबर और अक्टूबर 2025 के महीनों में दो अहम आपराधिक मामलों को सुलझाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। यह उपलब्धि हरियाणा पुलिस की तकनीक-आधारित जांच प्रणाली और आधुनिक पुलिसिंग की दिशा में बड़े कदम को दर्शाती है।
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने रोहतक के सदर थाना में दर्ज मुकदमें की गुत्थी सुलझाने में निर्णायक भूमिका निभाई। घटनास्थल पर मिली शराब की बोतल के कांच के टुकड़ों से प्राप्त चांस प्रिंट (फिंगरप्रिंट नमूने) को विशेषज्ञों ने सावधानीपूर्वक विकसित किया।
15 जून को दयानन्द पुत्र प्रह्लाद द्वारा थाना सदर रोहतक में एक दरखास्त दी गई, जिसमें उल्लेख किया गया कि उनका पुत्र सतीश, जो चार बहनों का एकलौता भाई था, बीती रात घर नहीं लौटा।
इसके बाद दयानन्द अपने भतीजे के साथ उसकी तलाश में निकले, तो सतीश बेहोशी की अवस्था में गांव के ही सरकारी अस्पताल में पड़ा पाया । उसे तुरंत वहां से उठा कर PGI, रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
थाना में दरखास्त प्राप्त होते ही अनुसंधान अधिकारी एवं फिंगरप्रिंट लिफ्टर टीम मौके पर पहुंचे। जहां फिंगरप्रिंट लिफ्टर द्वारा घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण करने पर वहां टूटी हुई शराब की बोतल के टुकड़े पाए गए, इन टुकड़ों पर चांस प्रिंट मिलने की संभावना को ध्यान में रखते हुए, फिंगरप्रिंट लिफ्टर द्वारा उचित पाउडर की सहायता से चांस प्रिंट विकसित किए गए।
इस मामले में प्राप्त चांस प्रिंटो की बडी कुशलता से फोटोग्राफी कर NAFIS पर अपलोड किया गया । NAFIS से प्राप्त सभी परिणामों को फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ द्वारा गहन एवं तुलनात्मक विश्लेषण के परिणामस्वरुप यह एक सर्च स्लिप (नरेश पुत्र राजरूप) से मेल खा गया, जो पहले से आपराधिक रिकॉर्ड वाला व्यक्ति था तकनीकी साक्ष्य की पुष्टि के बाद आरोपी को ट्रेस किया गया और संबंधित थाना प्रभारी को सूचित किया गया।
इसी श्रृंखला में, एससीआरबी ने पानीपत के चांदनी बाग थाना में दर्ज मुकदमा संख्या 571, दिनांक 21.08.2025 (धारा 305, 331(4) BNS) से जुड़े मामले में भी आरोपी की पहचान कर मामले को सुलझाने में अहम भुमिका निभाई ।
दिनांक 21.08.2025 को सोनू पुत्र हुक्म चन्द, निवासी सेक्टर-12, पानीपत, जब रात लगभग 12:55 बजे दुकान से अपने घर लौटा, तो उसने देखा कि घर का ताला टूटा हुआ है और घर का सामान अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है। सोनू ने तत्काल थाना में जाकर सूचना दी कि उसके घर में चोरी हो गई है, जिसमें की सोने एक जोड़ी बालियाँ, एक सोने की अंगूठी व लगभग 60,000 रुपये नकदी गायब है ।
सूचना प्राप्त होने के तुरंत बाद थाना से अनुसंधान अधिकारी तथा फिंगरप्रिंट लिफ्टर घटनास्थल पर पहुंचे। फिंगरप्रिंट लिफ्टर द्वारा घटनास्थल का सावधानीपूर्वक निरीक्षण किया गया, जिसके दौरान लोहे की अलमारी और लॉकर पर चांस प्रिंट मिलने की संभावना को देखते हुए, उचित पाउडर की सहायता से वहां चांस प्रिंट विकसित किए।
इस मामले में प्राप्त चांस प्रिंटों की फोटोग्राफी कर NAFIS पर अपलोड किया गया। NAFIS से प्राप्त सभी परिणामों को फिंगरप्रिंट विशेषज्ञ द्वारा गहन एवं तुलनात्मक विश्लेषण किया गया, जिसके परिणामस्वरुप यह एक सर्च स्लिप (सन्नी पुत्र विनोद लोढा) से मिलता हुआ (identical) पाया गया। । इस आधार पर आरोपी को ट्रेस किया गया और संबंधित थाना प्रभारी, चांदनी बाग, पानीपत को तत्काल सूचित किया गया ।
दोनों मामलों ने यह सिद्ध कर दिया कि उन्नत फिंगरप्रिंट तकनीक और NAFIS प्रणाली हरियाणा पुलिस के लिए अपराध जांच में गेम-चेंजर साबित हो रही है। NAFIS के माध्यम से संदिग्धों की त्वरित पहचान संभव हो पाई है, जिससे जांच प्रक्रिया अधिक वैज्ञानिक और परिणाममुखी बनी है। इस तकनीकी दक्षता के कारण अपराधियों को शीघ्रता से पकड़कर कानून के दायरे में लाया जा रहा है।
हरियाणा पुलिस का तकनीक-आधारित कार्यसंस्कृति ही उसकी पहचान बन चुकी है। पुलिस बल न केवल संगठित अपराधों और नशा तस्करी पर नकेल कस रहा है, बल्कि नागरिक-केंद्रित सेवाओं के क्षेत्र में भी देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा जारी मासिक रैंकिंग में हरियाणा पुलिस ने ‘अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम’ (CCTNS) की प्रगति में लगातार शीर्ष स्थान प्राप्त किया है, जो इसकी डिजिटल दक्षता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
डीजीपी श्री ओ.पी. सिंह ने न केवल तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता दी है, बल्कि पुलिसिंग के मानवीय पहलू पर भी विशेष बल दिया है। उनके निर्देश पर चलाया जा रहा ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ जैसे अभियान अपराधियों की त्वरित गिरफ्तारी में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हो रहे हैं। इन प्रयासों से न केवल कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और सुरक्षा की भावना भी सुदृढ़ हुई है।

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