हरियाणा प्लाट आवंटन घोटाला: 2 IAS व 1 HCS अफसर समेत छह पर केस दर्ज करने की सिफारिश
हरियाणा में प्लाट आवंटन में फर्जीवाड़े के मामले में विजिलेंस ने दो आइएएस अफसरों और एक एचसीएस अफसर समेत छह लोगों पर केस दर्ज करने की सिफारिश की है। विजिलेंस ब्यूरो के आइजी ने डीजीपी विजिलेंस को जांच रिपोर्ट भेजी है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसपीवी) के प्लाट आवंटन में फर्जीवाड़ा कर सरकार को 88.64 लाख रुपये का चूना लगाने के आरोपों पर विजिलेंस ने दो आइएएस अफसरों और एक एचसीएस अफसर समेत छह लोगों पर केस दर्ज करने की सिफारिश की है। विजिलेंस ब्यूरो के जांच अधिकारी एवं पुलिस महानिरीक्षक सुभाष यादव ने पुलिस महानिदेशक को भेजी अपनी रिपोर्ट में एचएसवीपी के तत्कालीन मुख्य प्रशासक, प्रशासक, जिला न्यायवादी, एस्टेट आफिसर गुरुग्राम सहित दो अन्य दोषी पाए गए लोगों पर एफआइआर दर्ज करने की अनुशंसा की है।
आरटीआइ कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि गुरुग्राम में जून 1985 को निकले ड्रा में शकुंतला देवी पत्नी ईश्वर चंद मनचंदा का सेक्टर-21 में 14 मरले का प्लाट निकला था। जिस पर कानूनी अड़चन होने पर इसके बदले अलाटी को सेक्टर-5 में दूसरा प्लाट अलाट कर दिसंबर 2000 में कब्जा भी दे दिया गया। अलाटी शकुंतला देवी ने इस प्लाट को आगे सुरेंद्र सैनी को बेच दिया।
आरोप है कि बाद में सुरेंद्र सैनी ने शकुंतला देवी के फर्जी हस्ताक्षर कर इस प्लाट को अशुभ बताकर हुडा प्रशासक से दूसरी जगह प्लाट देने की मांग की और उपभोक्ता कोर्ट में भी केस दायर करवा दिया। उपभोक्ता कोर्ट ने 10 मई 2002 को अंतरिम आदेश पारित करते हुए हुडा को सेक्टर-43 में 14 मरले का एक प्लाट आरक्षित रखने के निर्देश दिए। इस फैसले को हुडा ने राज्य उपभोक्ता कोर्ट में चुनौती दी तो जिला उपभोक्ता कोर्ट के फैसले को रद कर दिया गया।
हाई कोर्ट के आदेश पर 24 सितंबर 2018 को तत्कालीन मुख्य प्रशासक ने शकुंतला देवी की ओर से पेश अपील को रद कर दिया। इसके बाद अलाटी शकुंतला देवी के नाम से फर्जी पुनर्विचार याचिका हुडा प्रशासक और नगर योजना विभाग के प्रधान सचिव के पास लगाई गई। आरोप है कि उच्च स्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी ने 20 जून 2019 को तमाम नियमों का उल्लंघन कर अलाटी के पक्ष में फैसला दे दिया। तत्कालीन संपदा अधिकारी ने भी कानून को दरकिनार कर दूसरा प्लाट दिलाते हुए सरकार को कुल 88 लाख 64 हजार रुपये का चूना लगा दिया।
राज्य चौकसी ब्यूरो गुरुग्राम के पुलिस महानिरीक्षक सुभाष यादव ने डीजीपी विजिलेंस को गत 20 अप्रैल को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्य प्रशासक, प्रशासक, जिला न्यायवादी और संपदा अधिकारी के साथ ही प्लाट लेने वाले सुरेंद्र कुमार व बलवंत राय डोगरा के खिलाफ आपराधिक धाराओं तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत केस दर्ज करने की सिफारिश की है।