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एमएसएमई सेक्टर के विस्तार की राष्ट्रीय स्तर पर हो रही रूपरेखा तैयार, सुझाव ले प्रारूप बना रहा हरियाणा

केंद्रीय स्तर पर एमएसएमई सेक्टर के विकास व विस्तार के लिए प्रारूप तैयार किया जा रहा है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी हरियाणा को सौंपी है। हरियाणा 18 राज्यों से एमएसएमई सेक्टर के विकास के लिए सुझाव लेकर प्रारूप बना रहा है।

By Bijender BansalEdited By: Kamlesh BhattPublished: Sun, 27 Nov 2022 05:30 PM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 05:30 PM (IST)
एमएसएमई सेक्टर के विस्तार की राष्ट्रीय स्तर पर हो रही रूपरेखा तैयार, सुझाव ले प्रारूप बना रहा हरियाणा
हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल की फाइल फोटो।

बिजेंद्र बंसल, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) सेक्टर के विकास और विस्तार का प्रारूप राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सभी राज्यों से सुझाव एकत्र किए जा रहे हैं। एमएसएमई सेक्टर चूंकि रोजगार देने वाला सबसे बड़ा उपक्रम है, इसलिए इसे और अधिक सुदृढ करने के लिए जनवरी माह के पहले सप्ताह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सभी राज्यों के मुख्य सचिवों की बैठक में एमएसएमई सेक्टर के नए प्रारूप को अंतिम रूप देंगे।

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इससे पहले विभिन्न राज्यों से एमएसएमई सेक्टर के विकास और विस्तार के लिए सुझाव लिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव ने एमएसएमई सेक्टर के लिए सभी राज्यों से सुझाव एकत्र करने का जिम्मा हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल को सौंपा है।

कौशल इसके लिए अब तक इस क्रम में दो बैठकें कर चुके हैं। नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में बीते सप्ताह हुई बैठक में विभिन्न राज्यों से आए 15 सचिवों ने एमएसएमई सेक्टर के लिए ऋण देने के गारंटी नियमों की नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने सहित इस सेक्टर बड़ा प्रारूप देने की जरूरत पर जोर दिया है।

जीडीपी विकास में सहायक बनेगा एमएसएमई सेक्टर

फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बीआर भाटिया का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यह पहल काफी सार्थक साबित होगी। सबसे बड़ा काम जो रहा है, वह यह है कि सरकार की तरफ से एक क्रम में यह फीडबैक नीचे से लिया जा रहा है कि एमएसएमई सेक्टर का प्रारूप बड़ी इंडस्ट्री में कैसे किया जाए।

प्रत्येक उद्यम पहले सूक्ष्म, फिर लघु, मध्यम और फिर बड़ा बनता है। लेकिन इसके लिए उद्यमी से लेकर उनकी निगरानी करने वाली एजेंसी का ध्यान विकास पर केंद्रित होना चाहिए। यह ऐसा सेक्टर है कि इसमें 10 फीसद भी प्रतिवर्ष विस्तार होता है तो न सिर्फ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ेगा बल्कि रोजगार के संसाधनाें का भी विस्तार होगा।

जिन अहम समस्याओं के समाधान के लिए जा रहे हैं सुझाव

  • सभी एमएसएमई का पंजीकरण क्यों नहीं हो पा रहा है
  • सरकार एमएसएमई को ऋण सुविधा दिलाने के लिए क्या प्रयास करती है
  • सरकार की तरफ से जो सुविधाएं दी जा रही हैं, उनकी निगरानी की जाए कि सुविधाएं सही समय पर संबंधित को पहुंच रही हैं या नहीं।
  • एमएसएमई नीति के अनुसार बिना गारंटी ऋण देने में आनाकानी करने वाले बैंकों से सरकार स्तर पर बातचीत हो

अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में एमएसएमई सेक्टर सहायक

हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल का कहना है कि कैबिनेट सेक्रेटरी की तरफ से हमें यह जिम्मा मिला है। हमने अब तक दो बैठकें की हैं। पिछली बैठक दिल्ली में हुई। इसमें 15 राज्यों के सचिवों ने हिस्सा लिया। काफी अहम सुझाव आए हैं। अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाना है, इसलिए एमएसएमई सेक्टर इसमें सबसे ज्यादा सहायक साबित होगा। हरियाणा ने इसमें पहले काफी बेहतर काम किया है, इसलिए संभवतया प्रधानमंत्री ने यह कार्य हरियाणा को दिया है।


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