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हरियाणा विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का केंद्र बिदु : शर्मा

जागरण संवाददाता पंचकूला हरियाणा के शिक्षा पर्यटन एवं पुरातत्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने रखे विचार।

By JagranEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 10:10 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 06:38 AM (IST)
हरियाणा विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का केंद्र बिदु : शर्मा
हरियाणा विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का केंद्र बिदु : शर्मा

जागरण संवाददाता, पंचकूला : हरियाणा के शिक्षा, पर्यटन एवं पुरातत्व मंत्री रामबिलास शर्मा ने कहा कि हरियाणा विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता का केंद्र बिदु है। अब हड़प्पा-मोहनजोदड़ो की सभ्यता को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता माना जाता रहा है, लेकिन हिसार की राखीगढ़ी में की गई खुदाई से ऐसे अवशेष मिले हैं, जो सिधु सभ्यता से भी 900 वर्ष पुराने हैं। शर्मा वीरवार को पुरातत्व विभाग हरियाणा द्वारा लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह पंचकूला में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। आज इस कार्यशाला का चौथा दिन और कल सभी प्रतिभागियों से पंचकूला से जुड़े मोनुमेंट्स का भ्रमण करवाया जाएगा। पुरातत्व मंत्री ने कहा कि यह विभाग छोटा होने के बावजूद इसका कार्य क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। उन्होंने कहा कि खंडहर कहे जाने वाले भवनों और स्थानों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता की अमूल्य धरोहर छिपी है और इस पर शोध करके इसे सार्वजनिक किया जाना जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि द्वारा सरस्वती नामक ऐतिहासिक और पवित्र नदी की खोज के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास किए जा रहे है और इसरो द्वारा इन तथ्यों को प्रामाणित किया जा चुका है कि यमुनानगर के आदबद्री से लेकर सिरसा तक, हनुमानगढ़ से लेकर जेसलमेर, गुजरात में कच्छ से लेकर प्रयाग संगम तक इस नदी के बहने का भौगोलिक इतिहास मौजूद है। सरस्वती नदी का भू तल में होना प्रमाणित हो चुका है

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हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में 20 नलकूपों के माध्यम से और राजस्थान में भाजपा सरकार के कार्यकाल में 40 नलकूलों के माध्यम से निकाले गए जल से सरस्वती नदी का भू तल में होना प्रमाणित हो चुका है। पुरातत्व, कला एवं सांस्कृतिक विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खंडेलवाल ने इस अवसर पर बताया कि इस पांच दिवसीय कार्यशाला में हरियाणा के साथ-साथ आसाम, तमिलनाडू, उतर प्रदेश, उतराखंड, महाराष्ट्र, दिल्ली, चंडीगढ़ सहित देश के अन्य राज्यों के विद्यार्थी और प्रतिनिधि भाग ले रहे है। इस कार्यशाला में देश के विख्यात संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञों ने पुरात्तव से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।


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