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हरियाणा सरकार का राजस्व बढ़ाने पर फोकस, बेकार सरकारी संपत्तियों की बेचेगी

हरियाणा सरकार राज्‍य में अपनी बेकार संपत्तियों को बेचेगी। विकास योजनाओं को लागू करने के लिए वह राजस्‍व बढ़ाना चाहती है और इसी कारण यह कदम उठाने जा रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 12:32 PM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 12:32 PM (IST)
हरियाणा सरकार का राजस्व बढ़ाने पर फोकस, बेकार सरकारी संपत्तियों की बेचेगी
हरियाणा सरकार का राजस्व बढ़ाने पर फोकस, बेकार सरकारी संपत्तियों की बेचेगी

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा सरकार का राजस्‍व बढ़ाने पर फोकस है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बजट में घोषित योजनाओं को लागू करने के लिए सक्रिय हो गए हैं और इसके लिए राजस्‍व में वृद्धि के कदम तलाशे जा रहे हैं। इसी क्रम में मनोहरलाल सरकार राज्‍य में पड़ी बेकार सरकारी संपत्तियों को बेचने की तैयारी में है।

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मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने सभी प्रशासनिक सचिवों को बुलाकर उनके विभागों की योजनाएं क्रियान्वित करने के निर्देश दिए हैैं। मुख्यमंत्री का फोकस राजस्व बढ़ोतरी पर है। राजस्व बढ़ाने के तरीके सुझाने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। साथ ही प्रशासनिक सचिवों से कहा गया है कि उनके विभागों की ऐसी तमाम परिसंपत्तियों का निपटान किया जाए, जो बेकार पड़ी है।

 हरियाणा में बजट योजनाओं को लागू करने पर आगे बढ़ी सरकार

चंडीगढ़ में प्रशासनिक सचिवों की बैठक में मुख्यमंत्री ने शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थानों को आय के स्वयं के संसाधन पैदा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बजट में जो राशि आवंटित हुई है, उसी में दोनों विभागों को विकास कार्य पूरे करने होंगे।

अधिकारियों के साथ बैठक करते मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल।

मनोहरलाल ने प्रशासनिक सचिवों से कहा कि मार्च में सभी योजनाओं की पड़ताल कर लें और 1 अप्रैल से उन्हें हर हाल में लागू किया जाए। बजट में योजनावार धन का आवंटन किया गया है। विभागों को अपनी कार्य योजना इस प्रकार तैयार करनी चाहिए, ताकि प्राथमिकता के आधार पर लोगों को शीघ्र लाभ मिल सके।

सीएम मनोहरलाल ने भरोसा दिलाया कि सरकार के पास विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। राज्य वित्त आयोग, केंद्रीय वित्त आयोग, डी प्लान और एचआरडीएफ से तिमाही किस्त का हिस्सा अप्रैल से हरियाणा सरकार को मिलना शुरू हो जाएगा। अधिकारी शहरी एवं ग्रामीण विकास कार्यों तथा उन पर खर्च होने वाली राशि की सूची तैयार करें और वर्ष भर उसी के अनुसार कार्य करें।  प्रत्येक ग्राम पंचायत अपने क्षेत्र के लिए विकास की अलग योजना तैयार करे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वर्ष 2019-20 की ऐसी घोषणाएं जो पूरी होनी संभव हैैं, उन्हें प्राथमिकता से लिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा, प्रिंसिपल ओएसडी नीरज दफ्तुआर, सीएम के अतिरिक्त प्रधान सचिव वी उमाशंकर, उप प्रधान सचिव आशिमा बराड समेत सभी प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।

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