Haryana Assembly: हरियाणा सरकार ने मकोका के तर्ज पर बनाया हरकोका बिल लिया वापस
Haryana Assembly Monsoon Session हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों विधानसभा में पारित हरकोका विधेयक को वापस ले लिया है। इसे राष्ट्रपति ने लौटा दिया था। अब यह विधेयक संशोधित रूप में पेश किया जाएगा। यह विधेयक मकोका के तर्ज पर लाया गया था।
चंडीगढ़, जेएनएन। Haryana Assembly Monsoon Session : हरियाणा सरकार ने विधानसभा में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण (हरकोका) विधेयक को वापस ले लिया है। हरियाणा सरकार ने यह विधेयक महाराष्ट्र के मकोका कानून के तर्ज पर पेश किया था। राष्ट्रपति ने इस पर कुछ टिप्पणियों के साथ वापर कर दिया था। अब यह संशोधित रूप में लाया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कुछ टिप्पणियों के साथ लौटा दिया था पिछले साल पारित विधेयक
बता दें कि हरियाणा में अपराधों पर शिकंजा कसने के लिए महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर पिछले साल 4 अगस्त को विधानसभा में हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण (हरकोका) विधेयक को पारित किया गया था। बृहस्पतिवार को विधानसभा में प्रदेश सरकार ने इसे वापस लेने की घोषणा की। सरकार ने कहा कि इसकी जगह संशोधित विधेयक लाया जाएगा।
विधानसभा में विधेयक पारित होने के बाद राष्ट्रपति की सहमति के लिए भेजा गया था। यह कुछ टिप्पणियों के साथ वापस आ गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय तथा इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गई टिप्पणियों के अनुसार मंत्रिपरिषद ने इसे संशोधित रूप में पेश करने का फैसला किया था। संशोधित हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2020 पूरे राज्य में लागू होगा।
प्रदेश में संगठित अपराध को रोकने के लिए नया कानून गैंगस्टर्स, संगठित आपराधिक गिरोहों के सरगनाओं और सदस्यों के खिलाफ प्रभावी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करता है। नए कानून में अपराधों से जुड़े मुकदमों से अíजत संपत्ति को जब्त करने और अपराधों की ट्रायल से निपटने के लिए विशेष अदालतों और विशेष प्रोसिक्यूटर के लिए भी विशेष प्रावधान होंगे।
विधानसभा में पंजाब से अपना हिस्सा लेने के लिए प्रस्ताव पारित
विधानसभा परिसर में पंजाब से अपने हिस्से के बीस कमरे लेने के लिए हरियाणा विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया है। अब चंडीगढ़ के प्रशासक से मिलकर उन्हें प्रस्ताव की प्रति सौंपी जाएगी। संकल्प पत्र में मांग की गई है कि पंजाब 13 फीसद अतिरिक्त हिस्से हरियाणा को वापस लौटाए ताकि कर्मचारियों व अन्य स्टाफ के लिए बैठने की व्यवस्था हो सके।