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किसान आंदोलन में दिल्ली बार्डर पर मरे लोगों के परिजनों को हरियाणा सरकार नहीं देगी आर्थिक सहायता

कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ दिल्ली बार्डर पर चल रहे धरने-प्रदर्शनों में 18 फरवरी तक 68 लोगों की मौत हुई है। इनमें 21 लोग हरियाणा के हैं। हरियाणा सरकार ने विधानसभा में स्पष्ट किया कि मरने वालों के परिवार वालों को आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 06:28 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 06:58 PM (IST)
किसान आंदोलन में दिल्ली बार्डर पर मरे लोगों के परिजनों को हरियाणा सरकार नहीं देगी आर्थिक सहायता
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ 26 नवंबर से दिल्ली बार्डर पर चल रहे धरने-प्रदर्शनों में 18 फरवरी तक 68 लोगों की मौत हुई है। इनमें 21 लोग हरियाणा और 47 पंजाब के हैं। मृतकों में 51 लोगों की मौत स्वास्थ्य संबंधी कारणों और 15 की मौत सड़क हादसों में हुई। इसके अलावा दो प्रदर्शनकारियों ने खुदकशी कर ली। प्रदेश सरकार ने साफ कर दिया है कि दिल्ली बार्डर पर धरने-प्रदर्शनों के दौरान मृतकों के आश्रितों को आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी।

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कांग्रेस विधायक आफताब अहमद और इंदू राज नरवाल ने बजट सत्र में यह मुद्दा उठाते हुए इस संबंध में सवाल लगाया था। हालांकि सवाल पर चर्चा से ठीक पहले प्रश्नकाल खत्म हो गया, जिससे कांग्रेस विधायकों को गृह मंत्री के लिखित जवाब से ही काम चलाना पड़ा। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक और पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने आरोप जड़ा कि अन्नदाता सड़कों पर है, लेकिन उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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इस पर संसदीय कार्य मंत्री कंवरपाल गुर्जर, कृषि मंत्री जेपी दलाल और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने मोर्चा संभाल लिया। सदीय कार्यमंत्री ने कहा कि किसानों को मौत के लिए उकसाने के लिए कांग्रेस के नेता जिम्मेदार हैं। कांग्रेस विधायकों पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि किसी की भी मौत दुखदायी होती है, लेकिन बार्डर पर किसानों की मौत के लिए कांग्रेसी और वह तथाकथित नेता सीधे-सीधे जिम्मेदार हैं जिन्होंने बुजुर्ग किसानों को भी धरने पर बैठने के लिए उकसाया। देश की जनता भोले-भाले किसानों को उकसाने वाले नेताओं को कतई माफ नहीं करेगी।

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कंवरपाल गुर्जर ने गीता भुक्कल से पूछा कि आप बताएं कि कृषि कानून में क्या काला है? सदन को गुमराह करने की कोशिश न करें। तथ्यों पर आधारित बात करने की चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि हम सदन में हर तथ्य प्रस्तुत करने और यह जानकारी देने को तैयार हैं कि कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में कौन सी फसल कितनी खरीदी गई और कितना भुगतान किया गया।

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कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि प्रदेश व केंद्र सरकार का प्रयास है कि किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो तथा किसान आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत बने। परंतु विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर इसमें रोड़े अटका रहे हैं। किसान अब सारी चीजें समझ रहा है। उसे लंबे समय तक गुमराह नहीं किया जा सकता। 


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