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हरियाणा सरकार का लैंड बैंक होगा मजबूत, पंचायती जमीनें होंगी शामिल

हरियाणा सरकार अपने लैंड बैंक को मजबूत बनाएगी और इसमें पंचायती जमीनों को भी शामिल किया जाएगा। इससे विकास परियोजनाओं में जमीन की समस्‍या नहीं आएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 15 Feb 2020 09:28 AM (IST)
हरियाणा सरकार का लैंड बैंक होगा मजबूत, पंचायती जमीनें होंगी शामिल
हरियाणा सरकार का लैंड बैंक होगा मजबूत, पंचायती जमीनें होंगी शामिल

चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा सरकार राज्य की विकास परियोजनाओं को गति प्रदान करने के लिए अपने लैंड बैंक को मजबूती प्रदान करेगी। दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश में हरियाणा के अधिकार वाली खाली जमीनों का पता लगाया जा रहा है, ताकि विकास परियोजनाओं के लिए उन्हें लैैंड बैैंक में शामिल किया जा सके।

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विभिन्न राज्यों में खाली पड़ी जमीनों का इस्तेमाल करने की तैयारी में सरकार

इसके साथ ही सरकार ने पंचायती व शामलाती जमीनों को भी अपने लैैंड बैैंक में शामिल करने का निर्णय लिया है, ताकि गांव स्तर की विकास परियोजनाओं के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सके। राज्य सरकार ने बोर्ड एवं निगमों के साथ-साथ शामलाती व पंचायती जमीनों का रिकार्ड तैयार कराने का भी निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्री समूह की अनौपचारिक बैठक में जमीन की कमी से रुकने वाली विकास परियोजनाओं पर चर्चा हुई। अधिकतर मंत्रियों ने जमीनों की कमी को दूर करने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद तय हुआ कि हरियाणा सरकार ने खुद का लैैंड बैैंक पहले से तैयार कर रखा है, जिसे अधिक प्रभावशाली और मजबूत बनाए जाने की जरूरत है।

जमीन की कमी की वजह से बरसों तक लटकी नहीं रहेंगी विकास परियोजनाएं

हरियाणा सरकार की शिमला, मंसूरी, मनाली व नई दिल्ली सहित कई बड़े शहरों में जमीनें हैैं। इसमें से कुछ जमीन पर सरकार के रेस्ट हाउस बने हुए हैं तो काफी जमीन खाली पड़ी है। सरकार ने निर्णय लिया है कि दूसरे राज्यों में खाली पड़ी जमीन को उसकी उपयोगिता अनुसार इस्तेमाल में लाया जाए। आमतौर पर गांवों में स्कूल-कालेज व कई अन्य संस्थानों का निर्माण पंचायती जमीन पर ही होता है। लैंड बैैंक में पंचायती जमीन होने के कारण इसे पंचायत से हासिल करने की औपचारिकता से निजात मिल सकेगी।

पंचायतों की बंजर भूमि पर लगेंगे सोलर प्लांट

हरियाणा में बंजर भूमि भी कम नहीं है। राज्य की बंजर भूमि पर सरकार सोलर पावर प्लांट लगाने का फैसला पहले ही कर चुकी है। सरकार के पास सोलर पावर प्लांट के लिए कई कंपनियों ने आवेदन किया हुआ है। इसके लिए सरकार की ओर से पंचायतों की उस भूमि की पेशकश की गई है, जो कृषि योग्य नहीं है। इससे जहां बंजर भूमि का इस्तेमाल हो सकेगा, वहीं पंचायतों की आमदन भी इस तरह के प्रोजेक्ट से बढ़ेगी।

जमीन की अदला-बदली का विकल्प रहेगा खुला

हरियाणा में लैंड बैंक की मजबूती के बाद सरकार के पास जमीन की अदला-बदली का विकल्प भी रहेगा। कई बार ऐसा हुआ है जब कैबिनेट में प्रस्ताव पास करसरकार को पंचायती व सरकारी भूमि को प्राइवेट मालिकों के नाम स्थानांतरण करना पड़ा है। ऐसा इसलिए करना पड़ता है क्योंकि कई बार सरकार जहां प्रोजेक्ट स्थापित करना चाहती है, वहां प्राइवेट जमीन होती है। आगे भी यह विकल्प खुला रहेगा।

नई इंडस्ट्री के खुलने में मिलेगी मदद

हरियाणा में लैंड बैंक की मजबूती के बाद सरकार ग्रामीण अंचल और पिछड़े हुए इलाकों में इंडस्ट्री लगा सकेगी। नया उद्योग लगाने के लिए आमतौर पर उद्योगपति भी ऐसी जमीन चाहते हैं जो सस्ती हो और उस पर किसी तरह का विवाद न हो। मार्केट में किसानों से सीधे जमीन खरीदना अब आसान नहीं रहा है। ऐसे में खाली पड़ी पंचायती भूमि पर औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने का रास्ता साफ हो सकेगा।

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