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Lockdown 4.0: फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा देगी हरियाणा सरकार, होंगे नए उद्योग स्‍थापित

हरियाणा सरकार चीन से विस्‍थापित उद्योगों का राज्‍य में लाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर चुकी है। सरकार राज्‍य में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा देगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 17 May 2020 01:18 PM (IST)Updated: Sun, 17 May 2020 01:19 PM (IST)
Lockdown 4.0: फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा देगी हरियाणा सरकार, होंगे नए उद्योग स्‍थापित
Lockdown 4.0: फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को बढ़ावा देगी हरियाणा सरकार, होंगे नए उद्योग स्‍थापित

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में Lockdown 4.0 में हरियाणा सरकार का जोर अब नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने पर रहेगा। चीन से आने वाली संभावित करीब 60 कंपनियों से संवाद के बाद सरकार ने प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग इकाइयों को प्रोत्साहित करने की कार्य योजना बनाई है। इससे हरियाणा के किसानों को लाभ होगा और राज्‍य में रोजगार के भारी अवसर पैदा होंगे।

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क्षेत्रीय उत्पादों के उत्पादन व बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार हर जिले में कलस्टर पहले ही बना चुकी है। इसके अलावा अब दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे, कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस वे तथा दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे दोनों तरफ खाली जमीनों पर नए उद्योग लगाने के लिए सरकार उद्यमियों को आमंत्रित करेगी। इसके लिए सरकार ने ड्राफ्ट प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है।

तीन बड़े एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ खाली जमीनों पर लगेंगे नए उद्योग

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का करीब 80 किलोमीटर का हिस्सा हरियाणा से होकर गुजरता है। केएमपी के दोनों तरफ सरकार पांच नए शहर बसाने की योजना पर पिछली टर्न से ही काम कर रही है। दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस वे झज्जर व जींद से होकर जाएगा। इन तीनों बड़े राजमार्गों के दोनों तरफ जमीनें गैर उपजाऊ हैं तथा उनकी कीमत काफी कम हैं। दिल्ली से सटा होने के कारण हरियाणा में जिस जमीन की कीमत दो से ढ़ाई करोड़ रुपये प्रति एकड़ है, वही जमीन हाईवे के दोनों तरफ 15 से 20 लाख रुपये प्रति एकड़ में मिल सकती है, जिससे औद्योगिक इकाइयों की सस्ती जमीन की जरूरत पूरी हो सकेगी।

चीन से आने वाली कंपनियों को भी मिलेगी यहां सस्ती और बढिय़ा जमीन

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। चीन से आने वाली कंपनियों को भी तमाम सुविधाएं देने की कार्य योजना तैयार की गई है। प्रदेश सरकार ने अब लॉकडाउन के दौरान खुलने वाली औद्योगिक इकाइयों व श्रमिकों के हित साधने की भी योजना तैयार की गई है। हरियाणा सरकार चाहती है कि हर मजदूर को उसकी पूरी सेलरी मिले। इसके लिए प्रदेश सरकार ने उद्यमियों से कहा है कि संकट के इस दौर में वह उद्यमियों को कम से कम दो माह की सेलरी दें।

श्रमिकों को दो माह की सेलरी देकर अधिक काम ले सकेंगे उद्योगपति

केंद्र व प्रदेश सरकार से तमाम सुविधाओं की मांग करने वाली यह कंपनियां और औद्योगिक इकाइयां मजदूरों को दो माह की सेलरी कैसे दे पाएंगी? इसका जवाब खुद सरकार के पास है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुझाव दिया है कि उद्योगपति व कंपनी संचालक यदि चाहें तो वह श्रमिकों से शिफ्ट में अधिक काम ले सकते हैं। इसमें न तो श्रमिकों को कोई दिक्कत होनी चाहिए और न ही उद्यमियों पर किसी तरह का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। इसके लिए सरकार ने श्रम कानूनों में भी मामूली संशोधन किया है, ताकि उद्यमियों व श्रमिकों के हित सुरक्षित बने रह सकें।

मनरेगा के तहत बढ़ाया जाएगा काम का आवंटन

हरियाणा सरकार मनरेगा के तहत मजदूरों के काम का दायरा बढ़ाने पर भी गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार हरियाणा में मनरेगा के तहत कम मजदूर पंजीकृत हैं। अब सरकार नए मजदूरों के पंजीकरण के लिए रजिस्ट्रेशन खोलने जा रही है, ताकि लेबर व मनरेगा श्रमिकों के माध्यम से ज्यादा से काम काम कराए जा सकें और उन्हेंं रोजगार मिल पाए।


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