हरियाणा सरकार की आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश, खुलेंगी रजिस्ट्रियां, कर्ज भी लेगी
हरियाणा सरकार कोरोना के कारण पैदा आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश में जुट गई है। राज्य में जमीन रजिस्ट्री फिर खुलेगी। इसके साथ ही सरकार कर्ज लेने की तैयारी कर रही है।
चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। कोरोना संक्रमण की वजह से हरियाणा में गहराए आर्थिक संकट से निजात पाने को सरकार वैकल्पिक उपायों की तरफ बढ़ रही है। कोरोना की वजह से राज्य सरकार के खजाने में हर तरह के टैक्स आने बंद हो गए तथा आमदनी घट चुकी है। प्रदेश सरकार ने आय बढ़ाने के लिए मंत्रियों और भाजपा विधायकों से सुझाव लिए हैं, जिसके बाद इस बात पर सहमति बनी कि सबसे पहले राज्य में जमीन, प्लाट और मकानों की रजिस्ट्रियां खोली जाएं।
मनोहरलाल सरकार धन का बंदोबस्त करने में जुटी, मंत्रियों और भाजपा विधायक दल के साथ की बैठक
हरियाणा सरकार विधायकों के इस सुझाव पर सहमत हो गई है और रजिस्ट्रियां खोलने का निर्णय किसी भी समय लिया जा सकता है। रजिस्ट्रियों से सरकार के खजाने में मोटी रकम आने का अनुमान है। रजिस्ट्रियों में किसी तरह का भ्रष्टाचार न फैले, इसे रोकने के लिए सरकार ने वित्त एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को एक मैकेनिज्म तैयार करने को कहा है। विपक्षी राजनीतिक दल भी संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार को हर तरह का सहयोग देने को तैयार हैं।
अगले छह माह तक अर्थव्यवस्था पटरी पर आने की संभावना नहीं
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सर्वदलीय बैठक लेने के बाद अब भाजपा विधायक दल के साथ बैठक की है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई इस बैठक में भाजपा प्रभारी डा. अनिल जैन, प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला और प्रांतीय संगठन महामंत्री सुरेश भट्ठ भी जुड़़े। सभी मंत्री और भाजपा विधायकों को सर्वदलीय मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री ने लाकडाउन की वजह से उपजे हालात पर विधायकों से उनके जिलों के बारे में फीडबैक लिया।
गेहूं खरीद केंद्रों पर भाजपा विधायक संभालेंगे मोर्चा, अफसरों से रखेंगे तालमेल
मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से कहा कि यह संकट का समय है और वह शारीरिक दूरी के नियम का अनुपालन करते हुए जनता की हर दुख तकलीफ को दूर करने के लिए काम करें। प्रशासन और समाजसेवी संगठनों के साथ खासतौर से अच्छा तालमेल बनाकर काम किया जाए। सभी विधायकों को गेहूं खरीद केंद्रों पर आने वाली दिक्कतों की जानकारी दी गई और उन्हें मोर्चा संभालने के लिए प्रेरित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दौर ऐसा है, जब विपरीत परिस्थितियों से निकलने के लिए राज्य को कर्ज भी लेनाड़ पड़ सकता है। इस पर विपक्ष भी सहमत है।
हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक लाख 42 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया था, जबकि राज्य पर एक लाख 98 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। मार्च के माह में सरकार को 2500 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। अप्रैल में यह राशि छह हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अनुसार आने वाले महीनों में ऐसी ही स्थिति रहेगी। राज्य के किसानों की फसल खरीद, इंडस्ट्री को फिर से खड़ा करने की चुनौती तथा अगली फसल की बिजाई बड़े ऐसे पहलू हैं, जिसमें सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे।
कोरोना रिलीफ फंड में सहयोग कराएं विधायक
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधायकों से कहा कि वे समाजसेवी संगठनों और अन्य साधन संपन्न लोगों से संपर्क करें, ताकि कोरोना रिलीफ फंड में आर्थिक सहयोग दिया जा सके। मुख्यमंत्री ने जब घरौंडा के विधायक हरविंद्र कल्याण और कुरुक्षेत्र के विधायक सुभाष सुधा की स्वयं की पेशकश का जिक्र करते हुए विधायकों का 30 फीसदी वेतन एक साल तक काटने की बात कही तो सभी ने इसका समर्थन किया। पूर्व विधायकों की पेंशन पर फैसला संबंधित पार्टियां लेंगी।
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