Fight against corona: लॉकडाउन खोलने को लेकर जल्दबाजी में नहीं है हरियाणा सरकार
हरियाणा में कोरोना के खिलाफ जंग को लेकर लागू लॉकडाउन फिलहाल खत्म होने की संभावना नहीं है। हरियाणा सरकार लॉकडाउन को खोलने की जल्दबाजी में नहीं है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। हरियाणा में लॉकडाउन 14 अप्रैल के बाद भी बढ़ सकता है। इसके पीछे कारण हैं कि केंद्र सरकार के गृह और स्वास्थ्य मंत्रालय ने लॉकडाउन खोलने की जो चार श्रेणी बनाई हैं, हरियाणा उनमें चौथी यानी गंभीर श्रेणी में आता है। हरियाणा में तब्लीगी जमातियों की बढ़ती संख्या के कारण भी लाॅकडाउन जल्द खोलने की उम्मीद नहीं है।
कोरोना संक्रमित तब्लीगी जमातियों की बढ़ती संख्या से चौथी श्रेणी में हरियाणा
इसके साथ ही हरियाणा के चार प्रमुख जिला फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, सोनीपत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लगते हैं। ऐसे ही फरीदाबाद और नोएडा की सीमा भी मिलती हैं। दिल्ली और नोएडा के साथ फरीदाबाद, गुरुग्राम में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
लाॅकडाउन के बाद उद्योगों को उबारने के लिए उद्यमियों के सुझाव भी केंद्र को गए
हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से लॉकडाउन खोलने संबंधी कोई जल्दबाजी नहीं की है बल्कि सरकार की तरफ से एक रिपोर्ट भी केंद्र सरकार काे पहुंच गई है, जिसमें हरियाणा में आए जमातियों के कोरोना संक्रमण से लेकर अन्य कई अहम जानकारी दी गई हैं। बता दें, केंद्र सरकार ने जिन राज्यों में 50 से अधिक संक्रमित मरीज हैं, उन्हें चौथी श्रेणी में रखा जबकि हरियाणा में तो इस समय सौ से अधिक कोरोना वायरस पाॅजिटिव मरीज इलाज करवा रहे हैं।
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लॉकडाउन के दौरान शर्तों के साथ बढ़ेंगी छूट
हरियाणा सरकार ने उद्यमियों से लेकर कुछ अन्य पेशेवर लोगों से लॉकडाउन के दौरान छूट संबंधी सुझाव लेकर भी केंद्र सरकार को भेजे हैं। राज्य सरकार ने केवल उन गांवों को छोड़कर जिनमें जमातियों का प्रवास रहा था, बाकी सभी गांवों में कृषि कार्यों को छूट पहले ही दे दी है। इसके अलावा जरूरी सामान बनाने वाली फैक्टरियों के कर्मचारियों को एक तिहाई की संख्या में बुलाकर काम करवाने जैसे सुझाव भी दिए गए हैं।
मसलन एक फैक्टरी में 100 कर्मचारी काम करते हैं तो उनकी संख्या के 30 ही कर्मचारी एक बार में बुलाए जाएं तथा एक क्षेत्र में यदि 10 फैक्ट्री हैं तो एक समय में केवल तीन ही फैक्टरी खोलने की अनुमति दी जाए। इसके अलावा इन सभी फैक्टरियों में आने वाले कर्मियों की जांच स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की निगरानी में होगी। इसके लिए कुछ निजी क्षेत्र के डॉक्टरों की भी मदद ली जा सकती है।