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स्‍कूल दाखिले में बच्‍चों से ये कैसे सवाल पूछ रही हरियाणा सरकार, छिड़ा विवाद

हरियाणा में स्‍कूलों में दाखिले के लिए जारी फार्म पर विवाद पैदा हो गया है। इसमेें व्‍यक्तिगत और विवादित सवाल पूछे जाने का विरोध हो रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 12 Apr 2018 03:09 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 09:08 PM (IST)
स्‍कूल दाखिले में बच्‍चों से ये कैसे सवाल पूछ रही हरियाणा सरकार, छिड़ा विवाद
स्‍कूल दाखिले में बच्‍चों से ये कैसे सवाल पूछ रही हरियाणा सरकार, छिड़ा विवाद

जेएनएन, चंडीगढ़ : हरियाणा में नियम 134-ए के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिलों से निजी स्कूलों की ना-नुकर के बीच एक नया विवाद छिड़ गया है। शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को जो दाखिला फार्म थमाए हैं, उनमें कई ऐसे सवाल पूछे गए हैं, जिससे अभिभावक खुद को असहज महसूस कर रहे हैं। फार्म में विद्यार्थियों से उनके परिवार, जाति, धर्म, आधार कार्ड, बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी मांगने के साथ ही पूछा गया है कि क्या उनके मां-बाप कोई अस्वच्छ या मलिन काम तो नहीं करते हैं?

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134-ए के तहत दाखिला फार्म में अभिभावकों से पूछे जा रहे बेतुके सवाल

निजी स्कूलों ने बच्चों को करीब 100 सवालों वाला जो फार्म दिया है, उसमें बच्चों से उनकी निजी जानकारी मांगी गई है। कई ऐसे सवाल पूछे गए हैं जो अमूमन स्कूल फार्म में नहीं पूछे जाते। विद्यार्थियों से प्रवेश फार्म भर कर यह बताने को कहा गया है कि क्या वे किसी आनुवांशिक विकार से ग्रस्त तो नहीं हैं। उनके अभिभावक 'मलिनता से जुड़े पेशेÓ से तो जुड़े नहीं। विद्यार्थियों से माता-पिता का आधार नंबर, पैन नंबर, उनका पेशा और माता-पिता की शैक्षिक योग्यताओं के बारे में भी पूछा गया है।

विवादित दाखिला फार्म।

पूछा- माता व पिता अनक्लीन प्रोफेशन में तो नहीं

फार्म के सवालों में यह भी शामिल है कि विद्यार्थियों के अभिभावक टैक्स देते हैं या नहीं? छात्रों से धर्म, जाति और आरक्षण को लेकर भी सवाल पूछे गए हैं। कई स्थानों पर इससे गुस्साए अभिवावकों ने फार्म भरने से साफ मना कर दिया। हालांकि पूरे मामले में निजी स्कूल गेंद शिक्षा विभाग के पाले में डाल दे रहे हैं। उनके मुताबिक सरकार ने यह फार्म उन्हें दिए हैं, जिन्हें भरना हर विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है।

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दाखिला फार्म पर सियासत तेज

स्कूलों में 134ए के तहत छात्रों के दाखिला फार्म में अभिभावकों की जानकारी मांगने पर हरियाणा में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने इसके लिए मनोहर सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि केंद्र में नमो सरकार के बाद अब प्रदेश सरकार भी स्कूली छात्रों के माध्यम से लोगों की व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने में जुट गई हैं।

दाखिला फार्म में शामिल विवादित प्रश्‍न। (लाल घेरे में)

सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा छात्रों के दाखिला फार्म में 100 तरह की व्यक्तिगत जानकारी मांगी गई है। सुरजेवाला ने आपत्ति जताते हुए प्रदेश सरकार से अविलंब यह फार्म वापस लेने और प्रदेश की जनता से माफी मांगने को कहा है।

सुरजेवाला ने कहा कि मनोहर लाल सरकार ने इस फार्म पर अनक्लीन प्रोफेशन की जानकारी मांगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा है कि वह किसे अनक्लीन प्रोफेशन मानते हैं। क्या सफाई कर्मचारी के कार्य को अनक्लीन प्रोफेशन मानते हैं? क्या मेहनत मजदूरी करने वालों को अनक्लीन प्रोफेशन के दायरे में मानते हैं?

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इसके बाद शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने सुरजेवाला पर उनके बयान को लेकर कटाक्ष किया। उन्‍होंने कहा कि यह आवेदन फार्म कोई नया नहीं है। ऐसे फार्म पहले भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरजेवाला राज्य विधानसभा के सत्र में भी नहीं आते। चूंकि वह 'अंतरराष्ट्रीय नेता' हैं इसलिए उन्हें प्रदेश की वस्तुस्थिति की जानकारी नहीं है।


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