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हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर बोले- सावरकर व गांधी की विचारधारा में अंतर, देश की आजादी के लिए दिया बलिदान

हरियाणा में इतिहास की पुस्तकों के पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर कांग्रेस भाजपा पर हमलाकर है। शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर का कहना है कि कांग्रेस कटु सत्य से भाग रही है। सावरकर ने भी देश की आजादी के लिए बलिदान दिया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 13 May 2022 04:37 PM (IST)Updated: Fri, 13 May 2022 04:37 PM (IST)
हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर बोले- सावरकर व गांधी की विचारधारा में अंतर, देश की आजादी के लिए दिया बलिदान
शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर छिड़ा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। पाठ्यक्रम में सावरकर की जीवनी को शामिल करने का विरोध कर रहे कांग्रेसियों पर पलटवार करते हुए शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कांग्रेस पर देश के विभाजन का आरोप जड़ा।

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पाठ्यक्रम में सावरकर की जीवनी को शामिल करने की पैरवी करते हुए कहा कि भले ही उनकी विचारधारा महात्मा गांधी से मेल नहीं खाती थी, लेकिन उनके बलिदान का मकसद भी देश की आजादी था।

यमुनानगर में होने वाली प्रगति रैली की तैयारियों की जानकारी पत्रकारों से साझा करने शुक्रवार को विधायक घनश्याम दास के साथ हरियाणा निवास पहुंचे गुर्जर ने कहा कि इतिहास को शुगर कोटेड (चाश्नी में लपेटना) नहीं बनाया जा सकता है। कांग्रेस कटु सत्य से भाग रही है। इतिहास में जो हुआ है, वही पढ़ाया जा रहा है। पहले भी वीर सावरकर के बारे में पढ़ाया जाता था और अब भी पढ़ाया जा रहा है। वीर सावरकर ने देश के लिए बलिदान दिया।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस की गलतियों के चलते देश के टुकड़े हुए। कांग्रेस ने अच्छे काम का श्रेय लिया है, लेकिन जो गलतियां की हैं, उनके बारे में भी तो जनता को जानकारी होनी चाहिए। हम आजादी के बाद 562 रियासतों के एकीकरण में तत्कालीन उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान के बारे में पढ़ाते हैं जो कांग्रेस के थे। फिर सावरकर को पढ़ाने में क्या दिक्कत है।

शिक्षा मंत्री ने महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि भीष्म पितामह ने भी युधिष्ठिर को ज्ञान दिया था कि देश का विभाजन नहीं होना चाहिए, चाहे महाभारत क्यों न हो जाए। साथ ही चीन में राजदूत रहे रतन नेहरू की पत्नी राजन नेहरू की किताब का हवाला दिया जिसमें चीन के राष्ट्रपति माओ से-तुंग ने देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद से कहा था कि अगर भारत की संस्कृति इतनी महान है तो देश का विभाजन क्यों स्वीकार किया।

स्कूलों में पहुंची पहली से तीसरी कक्षा तक किताबें

शिक्षा मंत्री ने बताया कि पहली से तीसरी कक्षा तक की किताबें स्कूलों में पहुंच गई हैं। चौथी से आठवीं तक किताबें जुलाई तक पहुंच जाएंगी। इसके अलावा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को तीन लाख से अधिक टेबलेट बांटे जा चुके हैं। मई के अंत तक पांच लाख टेबलेट वितरित कर दिए जाएंगे। गर्मियों की छुटि्टयों में 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों की आनलाइन कक्षाएं लगाई जाएंगी जिससे उन्हें टैब के संचालन में आसानी होगी।

शिक्षकाें की कमी जल्द होगी दूर

शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी स्कूलों को जल्द राहत मिलेगी। जिला शिक्षा अधिकारियों और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को अपने स्तर पर स्कूलों में जरूरत के अनुसार शिक्षकों की अदला-बदली करने के अधिकार दिए गए हैं। शिक्षा मंत्री ने दावा किया कि एक साल में शिक्षकों की कमी दूर कर दी जाएगी। टीजीटी के तीन हजार पदों की भर्ती को हाई कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। स्कूलों में फिलहाल 34 हजार शिक्षकों के पद खाली हैं।


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