राजस्थान, पंजाब व हिमाचल के खनन माफिया पर हरियाणा ने कसी नकेल, 329 करोड़ का बढ़ा राजस्व
हरियाणा सरकार ने दूसरे राज्यों खासकर राजस्थान के खनन माफिया के जरिये हरियाणा में प्रवेश करने वाले इन ओवरलोड ट्रकों की धरपकड़ के लिए अंतर विभागीय टीमों का गठन किया है। इससे खनन माफियाओं पर नकेल कस गई है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। राजस्थान, पंजाब और हिमाचल से ट्रकों में ओवरलोड कर लाए जा रहे रेत और बजरी से हरियाणा में खनन का काम प्रभावित हो रहा है। सबसे अधिक ओवरलोडिंग राजस्थान से आने वाले ट्रकों में है, जिनमें निर्धारित क्षमता से दो गुणा अधिक तक खनन सामग्री लाई जा रही है। हरियाणा सरकार ने दूसरे राज्यों खासकर राजस्थान के खनन माफिया के जरिये हरियाणा में प्रवेश करने वाले इन ओवरलोड ट्रकों की धरपकड़ के लिए अंतर विभागीय टीमों का गठन किया है। इन टीमों को राजस्थान, पंजाब और हिमाचल की सीमा से हटे हरियाणा के जिलों में बार्डर पर नाकेबंदी बढ़ाकर चेकिंग अभियान तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।
हरियाणा सरकार को सूचना मिली है कि कच्चे रास्तों के जरिये भी राजस्थान से खनन सामग्री से भरे ओवरलोड ट्रक प्रदेश में प्रवेश कराए जा रहे हैं। परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा ने खनन, पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों को मिलकर संयुक्त आपरेशन चलाने चलाते हुए ऐसे ट्रकों के चालान काटने के आदेश जारी किए हैं। राजस्थान, हिमाचल और पंजाब से ओवरलोड ट्रकों के आने से हरियाणा का खनन काम तो प्रभावित है ही, साथ ही राज्य सरकार के राजस्व पर भी विपरीत असर पड़ रहा है।
हरियाणा में 49 खनन प्वाइंट हैं। प्रदेश सरकार धीरे-धीरे इन सभी प्वाइंट में खनन कार्य की अनुमति प्रदान कर रही है। अभी तक चार प्वाइंट पर खनन कार्य के लिए खुली बोली हो चुकी है, जिससे राज्य सरकार को करीब 50 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हुआ है। महेंद्रगढ़ के दो प्वाइंट पर खनन की अनुमति दो अगस्त से पहले प्रदान कर दी जाएगी।
यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत और करनाल में करीब एक दर्जन प्वाइंट पर खनन की अनुमति की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की सख्ती के चलते राज्य सरकार के राजस्व में हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार काफी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन भ्रष्टाचार के तमाम छिद्र बंद हो जाने के बाद राजस्व में और बढ़ोतरी के आसार हैं।
पिछले साल खनन एवं भूगर्भ विभाग को जहां खनन कार्य से 703 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, वहीं इस साल यह बढ़कर 1032 करोड़ रुपये हो गया है। राजस्थान की सीमा से सटे महेंद्रगढ़, नारनौल, रेवाड़ी, पलवल, गुरुग्राम, नूंह, हिसार और भिवानी बार्डर पर परिवहन, पुलिस तथा खनन विभाग के अधिकारियों को मुस्तैदी से चेकिंग अभियान चलाने को कहा गया है। परिवहन एवं खनन मंत्री मूलचंद शर्मा का मानना है कि ओवरलोडिंग वाहनों के जरिये प्रदेश में जब रेत व बजरी आनी बंद होगी तो हरियाणा के खनन ठेकेदार यहां की खदानों को बोली पर लेने में अधिक दिलचस्पी दिखाएंगे।
हरियाणा में ई-रवानगी के बिना रेत व बजरी की सप्लाई नहीं
हरियाणा के परिवहन एवं खनन मंत्री मूल चंद शर्मा का कहना है कि यह बात सही है कि राजस्थान के रास्ते सबसे अधिक ओवरलोड ट्रक हरियाणा में प्रवेश करते हैं, लेकिन उनकी धरपकड़ के लिए हमने टीमें बना दी हैं। हरियाणा में प्रवेश के तमाम रास्तों पर चेङ्क्षकग की जा रही है। इसका असर यह हुआ कि ओवरलोड वाहनों के चालान काटने से हरियाणा सरकार को करीब 300 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल हो चुका है। साथ ही अब ऐसे तमाम लोगों में हरियाणा सरकार का एक डर बैठ गया है। हमारे यहां ट्रक की क्षमता के हिसाब से ही खनन सामग्री लोड होती है, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं है। बिना ई-रवानगी के हमारे यहां कोई ट्रक खनन केंद्र से रवाना नहीं होता। ऐसे ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध कार्रवाई में और तेजी लाई जाएगी।