हरियाणा कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल ने जी-23 के नेताओं के वजूद को नकारा, उठाया बड़ा सवाल
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी -23 के वजूद को नकारा दिया है। उनका कहना है कि अब इस ग्रुप में कुछ ही नेता रह गए हैं। उन्हाेंने इन नेताओं को लेकर बड़े सवाल उठाए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी विवेक बंसल ने दावा किया कि पार्टी का ग्रुप जी-23 अब लगभग खत्म हो गया है। मात्र दो-तीन लोग ही इसमें बचे हैं। कांग्रेस को लेकर यदि किसी भी पार्टी नेता ने तथ्यपूर्ण आपत्ति दर्ज कराई है तो उसका समाधान हुआ है। कांग्रेस का जी-23 ग्रुप अब अतीत की बात बन गया है। विवेक बंसल के इस बयान से इतर जी-23 ग्रुप पूरी तरह से सक्रिय है और हाईकमान को किसी न किसी रूप में बार-बार सीधे चुनौती दे रहा है।
हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी रह चुके गुलाम नबी आजाद, हुड्डा और कुलदीप हैं जी-23 में शामिल
जी-23 की पहचान कांग्रेस के उन वरिष्ठ असंतुष्ट नेताओं के रूप में होती है, जो पार्टी में स्वस्थ लोकतंत्र के नाम पर चुनाव के जरिये पार्टी नेतृत्व तय करना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। तब से कांग्रेस की राजनीति में जी-23 अलग लाइन खींचकर चल रहा है।
जी-23 के इन नेताओं में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुलदीप शर्मा, राजबब्बर, शशि थरूर, मनीष तिवारी और विवेक तन्खा की गिनती होती है। बिहार चुनाव में कांग्रेस की बुरी पराजय के बाद जी-23 के इन नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर हमले तेज कर दिए थे। गुलाम नबी आजाद की राज्यसभा से विदाई के बाद जी-23 के कई नेता जम्मू में जुटे और केसरिया रंग की पगड़ी पहनकर उन्होंने कांग्रेस हाईकमान को सीधे तौर पर चुनौती दे डाली थी।
चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विवेक बंसल ने कहा कि सभी लोग पार्टी की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं। सबका अपना-अपना तरीका है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन पर बंसल ने कहा कि लोकतंत्र में जन भावना का सम्मान सबसे अहम होता है। यदि लंबे समय से गतिरोध बना हुआ है तो सरकार का नैतिक धर्म बनता है कि वह गतिरोध को खत्म कराए।
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के गिरने पर बंसल बोले कि संख्या बल के आधार पर भाजपा-जजपा वाले भले ही जीत गए, लेकिन सदन में उनकी पोल खुल गई है। जो लोग किसान हितैषी होने का दावा करते थे, अब वह किस मुंह से किसानों के बीच जाएंगे। अविश्वास प्रस्ताव पर जजपा विधायक बोलना चाहते थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
संगठन के पनर्गठन में हो रही देरी पर उन्होंने कहा कि सभी के साथ बातचीत जारी है। आपसी सहमति और समन्वय से जल्द हरियाणा कांग्रेस के संगठन की घोषणा कर दी जाएगी। कालका के विधायक प्रदीप चौधरी की विधानसभा से सदस्यता रद करने और समालखा के विधायक धर्मपाल छोकर के ठिकानों पर छापों को प्रभारी ने गलत ठहराते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ जो भी आवाज उठाता है, उसे दबा दिया जाता है।
उन्होंने राज्य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों में तालमेल नहीं होने का आरोप लगाया और अनिल विज व डीजीपी के बीच चल रहे मतभेद पर कहा कि इससे जनता में गलत संदेश जाता है। इससे पहले विधायक शमशेर ङ्क्षसह गोगी, विधायक शैली चौधरी, पूर्व संसदीय सचिव रामकिशन गुर्जर, कोषाध्यक्ष रोहित जैन और मीडिया समन्वयक निलय सैनी समेत कई नेताओं ने विवेक बंसल की अगुवानी की।
कांग्रेस जी-23 के असंतुष्ट नेता-
1. गुलाम नबी आजाद
2. कपिल सिब्बल
3. शशि थरूर
4. मनीष तिवारी
5. आनंद शर्मा
6. पीजे कुरियन
7. रेणुका चौधरी
8. मिलिंद देवड़ा
9. मुकुल वासनिक
10. जितिन प्रसाद
11. भूपेंद्र सिंह हुड्डा
12. राजिंदर कौर भट्टल
13. एम वीरप्पा मोइली
14. पृथ्वीराज चव्हाण
15. अजय सिंह
16. राज बब्बर
17. अरविंदर सिंह लवली
18. कौल सिंह ठाकुर
19. अखिलेश प्रसाद सिंह
20. कुलदीप शर्मा
21. योगानंद शास्त्री
22. संदीप दीक्षित
23. विवेक तन्खा।
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