सधे हुए अंदाज में चल रहे हरियाणा के सीएम मनोहर लाल, न अनिल विज को करेंगे नाराज और न टालेंगे दुष्यंत का आग्रह
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बहुत सधे हुए कदम रख रहे हैं। वह न पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं गृह मंत्री अनिल विज को नाराज करने के पक्ष में हैं और न जेजेपी नेता एवं उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को नाखुश करने के।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल बड़े ही सधे हुए अंदाज में चल रहे हैं। वह किसी भी मसले पर न तो पार्टी के सीनियर मंत्री अनिल विज को नाराज करना चाहते हैं और न ही भाजपा सरकार में साझीदार जजपा संयोजक दुष्यंत चौटाला को नाखुश करने के हक में है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मानना है कि अनिल विज और दुष्यंत चौटाला दोनों ही प्रदेश की जनता का हित चाहते हैं। लिहाजा उनके व्यक्तिगत हित नहीं हो सकते। दोनों सरकार का अभिन्न अंग हैं। इसलिए यदि वह कोई जांच कराते हैं या कोई सिफारिश करते हैं तो निसंदेह वह प्रदेश के हित में ही होगी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने एक सधे हुए राजनीतिज्ञ की तरह जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में एसआइटी की जांच रिपोर्ट अपने पास मंगवा ली है तो साध ही नए डीजीपी की नियुक्ति संबंधी अनिल विज का आग्रह भी काफी हद तक मान लिया है।
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इसके अलावा मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की ओर से एक सीनियर आइएएस अधिकारी के विरुद्ध लिखे गए पत्र को भी गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का मन बना लिया है। दुष्यंत चौटाला सरकार में साझीदार हैं। उन्होंने पिछले दिनों दो पत्र सीएम को लिखे थे, जिसमें एक अधिकारी पर उनका आदेश नहीं मानने के आरोप लगाते हुए निलंबन की सिफारिश की गई थी। बताते हैं कि मामला नागरिक उड्डयन विभाग में पायलट की नियुक्ति से जुड़ा था।
सूत्रों का कहना है कि सीएम ने दुष्यंत चौटाला के पत्र को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने को कह दिया है। सीएम ने दुष्यंत की ओर से इस अधिकारी के खिलाफ लिखे दोनों पत्र मुख्य सचिव विजय वर्धन को भेज दिए थे। उधर, आइएएस और आइपीएस लाबी में इस तरह की कार्रवाई से कुछ अलग ही तरह की सुगबुगाहट चल पड़ी है।
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