हरियाणा में बीजेपी का सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला, हर लोकसभा में एक महिला को टिकट; वैश्य-जाटों का रखा मान
हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Election 2024) के लिए बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूला अपनाया है। यानी कि काफी सूझबूझकर प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा गया है। बीजेपी ने इस बार जाटों वैश्य समाज महिलाओं और दल बदलकर आए वरिष्ठ नेताओं पर दांव लगाया है। हालांकि ये तो नतीजों के बाद ही समझ आएगा कि बीजेपी को इससे कितने फायदा मिलता है।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकटों के आवंटन को लेकर भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला अपनाया है। पार्टी ने टिकट आवंटन में पिछड़ों को रिझाने के लिए 16 पिछड़े वर्ग के नेताओं को टिकट देकर इस वर्ग को खुश कर दिया है।
भाजपा ब्राह्मण वोट बैंक को भी साधने में सफल रह सकती है। पहली लिस्ट में भाजपा ने नौ ब्राह्मणों को टिकट दिए, जबकि चार वैश्यों के टिकट काटकर पांच नये वैश्य नेताओं को टिकट दिए हैं।
भाजपा ने आठ पंजाबियों, पांच यादव और पांच ही गुर्जर नेताओं को टिकट देकर जातीय संतुलन साधने की पूरी कोशिश की है। इसके अलावा 13 जाट उम्मीदवारों और आठ महिला उम्मीदवारों को भाजपा ने चुनावी रण में उतारा है।
67 में 54 उम्मीदवार गैर जाट
हरियाणा के चुनावी रण में भाजपा को इस बार फिर गैर जाट मतदाताओं का सहारा है। पिछले 10 साल से गैर जाट राजनीति करती आ रही भाजपा ने तीसरी बार सत्ता में आने के लिए गैर जाट उम्मीदवारों पर दिल खोलकर दांव खेला है।
भाजपा ने 90 विधानसभा सीटों में से जिन 67 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें 54 उम्मीदवार गैर जाट तथा 13 उम्मीदवार जाट हैं।
हालांकि, भाजपा ने जाति आधारित राजनीति करने से इन्कार किया है, लेकिन उम्मीदवारों के टिकट घोषित करते समय जातीय समीकरण तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास पहुंचे सर्वे में जीत के आधार का पूरा ध्यान रखा है। हरियाणा विधानसभा में 17 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इनमें से 13 हलकों के उम्मीदवार पार्टी ने घोषित कर दिए हैं।
पुराने साथियों पर जताया भरोसा
भाजपा ने अपने पुराने साथियों पर भरोसा जताया है, जबकि दूसरे दल छोड़कर आए नेताओं को भी टिकट के सम्मान से अभिभूत किया है। भाजपा ने जीत हासिल करने के लिए कुछ समझौते भी किए हैं।
आरएसएस की अनुमति प्राप्त करने के बाद पार्टी ने कुछ टिकट नेताओं के परिवार वालों को दिए तो कई टिकटों का दाव दल बदलुओं पर खेला है। विधानसभा में अक्सर पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को निशाने पर रखने वाले रामकुमार गौतम को भाजपा ने सफीदो से टिकट दिया है।
हालांकि रामकुमार गौतम फिलहाल नारनौंद से जजपा के विधायक थे, लेकिन पार्टी ने यह सीट अपने मजबूत नेता पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के लिए खाली करवा ली है। पिछले चुनाव में रामकुमार गौतम ने कैप्टन अभिमन्यु को हराकर ही जजपा के टिकट पर जीत हासिल की थी।
इसी तरह, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के बेहद करीबी पूर्व पंचायत मंत्री एवं जजपा के पूर्व विधायक देवेंद्र बबली अपनी टोहाना विधानसभा सीट से टिकट हासिल करने में कामयाब हो गए हैं। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुभाष बराला टोहाना में देवेंद्र बबली की राह में सबसे बड़ा कांटा थे, लेकिन केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बराला को राज्यसभा में भेजकर पहले ही देवेंद्र बबली की राह आसान कर दी थी।
किरण चौधरी की बेटी पर फूलों की बरसात!
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद राज्यसभा सदस्य बनी किरण चौधरी पर तो भाजपा ने दरियादिली दिखाई ही, उनकी पूर्व सांसद बेटी श्रुति चौधरी पर भी कमल के फूल की बरसात हुई है। भाजपा ने श्रुति चौधरी को उनकी माता की परंपरागत विधानसभा सीट तोशाम से टिकट दिया है। इस सीट पर भाजपा सांसद धर्मबीर अपने परिवार के लिए टिकट मांग रहे थे।
दल-बदल करने वालों पर खेला दांव
1. देवेंद्र बबली (जेजेपी) - टोहाना
2. निखिल मदान (कांग्रेस) - सोनीपत
3. भव्य बिश्नोई (कांग्रेस) - आदमपुर
4. श्रुति चौधरी (कांग्रेस) - तोशाम
5. रामकुमार गौतम (जेजेपी) - सफीदो
6. पवन कुमार (जेजेपी) - खरखौदा
7. शक्तिरानी शर्मा (हरियाणा जनचेतना पार्टी) - कालका
8. श्याम सिंह राणा (इनेलो) - रादौर
9. संजय काबलाना (जेजेपी) - बेरी
हर लोकसभा में एक महिला को टिकट
भाजपा ने अपनी सूची में एक सिख, दो बिश्नोई और आठ महिलाओं को टिकट दिए हैं। बाकी के 23 हलकों की सूची में और भी महिलाओं के नाम शामिल हो सकते हैं। भाजपा इस कोशिश में है कि हर संसदीय क्षेत्र में कम से कम एक महिला को टिकट दिया जाए।
जाट नेताओं को मिले भाजपा के टिकट
भाजपा ने जिन 13 जाट नेताओं को टिकट दिया है, उनमें ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु, जयप्रकाश दलाल, देवेंद्र सिंह बबली, महीपाल सिंह ढांडा, सुनील सांगवान, कमलेश ढांडा, श्रुति चौधरी, दीपक हुड्डा, मंजू हुड्डा, रणधीर सिंह पनिहार, उमेद पातूपास व संजय कबलाना शामिल हैं।
वैश्य और जाट नेताओं को भी रखा मन
वैश्य कोटे से डॉ. ज्ञानंचद गुप्ता, डॉ. कमल गुप्ता, विपुल गोयल, घनश्याम सर्राफ और असीम गोयल को टिकट मिला है। इनमें से विपुल गोयल को छोड़कर चारों मौजूदा विधायक भी हैं।
ब्राह्मण कोटे से पार्टी ने शक्ति रानी शर्मा, रामकुमार गौतम, देवेंद्र अत्री, दिनेश कौशिक, मुकेश शर्मा, गौरव गौतम, मूलचंद शर्मा व टेकचंद शर्मा पर भरोसा जताया है। टेकचंद शर्मा 2014 में पृथला से बसपा विधायक बने थे।
राव इंद्रजीत के कोटे के चार टिकट
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का पूरा मान-सम्मान इस बार भाजपा ने किया है। उनके कोटे से कई नेताओं को टिकट मिला है। अहीरवाल में पेंडिंग रह गई सीट भी राव इंद्रजीत सिंह की पसंद-नापसंद के चलते ही लटकी हैं।
1. आरती सिंह राव- अटेली
2. अनिल डहीना- कौसली
3. लक्ष्मण सिंह यादव- रेवाड़ी
4. राव नरबीर- बादशाहपुर
इन महिलाओं को मिला टिकट
भाजपा की पहली सूची में आठ महिला उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें शक्ति रानी शर्मा, संतोष चौहान सारवान, कमलेश ढांडा, सुनीता दुग्गल, श्रुति चौधरी, मंजू हुड्डा, रेणु डाबला व कुमारी आरती सिंह राव शामिल हैं।
पार्टी की बड़खल से मौजूदा विधायक सीमा त्रिखा व गन्नौर विधायक निर्मल रानी की टिकट पर फैसला नहीं हुआ है। निर्मल रानी की टिकट कटनी लगभग तय है। सीमा त्रिखा की टिकट स्थानीय समीकरणों व कारणों के चलते लटकी है।
इन विधानसभा सीटों पर टिकटों की घोषणा अभी बाकी
- नारायणगढ़ (Narayangarh)
- पूंडरी (Pundri)
- असंध (Assandh)
- गन्नौर (Ganaur)
- राई (Rai)
- बरौदा (Baroda)
- जुलाना (Julana)
- नरवाना (Narwana)
- डबवाली (Dabwali)
- सिरसा (Sirsa)
- ऐलनाबाद (Ellenabad)
- रोहतक (Rohtak)
- महेंद्रगढ़ (Mahendragarh)
- नारनौल (Narnaul)
- बावल (Bawal)
- पटौदी (Pataudi)
- नूंह (Nuh)
- फिरोजपुर झिरका (Ferozpur Jhirka)
- पुन्हाना (Punhana)
- हथीन (Hathin)
- होडल (Hodal)
- फरीदाबाद एनआइटी (Faridabad NIT)
- बड़खल (Badkhal)