हरियाणा बजट सत्र का तीसरा दिन: जाट आंदोलन पर लाए गए काम रोको प्रस्ताव पर चर्चा
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन जाट आरक्षण आंदोलन पर चर्चा होगी। इसमें विपक्षी दल खूब हंगामा कर सकते हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र के तीसरे दिन भी हंगामा होने के आसार हैं। आज सदन में होगी जाट आरक्षण आंदोलन पर चर्चा हो रही है। विपक्ष के नेता अभय चौटाला, कांग्रेस विधायक डा. रघुबीर कादियान और आजाद विधायक जयप्रकाश जेपी जाट मामले में काम रोको प्रस्ताव लेकर आए थे।
जाट आरक्षण आंदोलन पर चर्चा करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं आजाद विधायक जयप्रकाश जेपी ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय और केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखे। इसके अलावा मृतक आंदोलनकारियों के परिजनों को बोर्ड एवं निगमों में सरकारी नौकरी दी जाए। जयप्रकाश ने कहा कि सरकार आंदोलनकारियों से बातचीत के लिए अफसरों के बजाय मंत्रियों या विधायकों की एक कमेटी का गठन करें।
बता दें, जेलों में बंद जाट आंदोलनकारियों की रिहाई और मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर एक महीने से धरने पर बैठे जाटों के मसले पर गत दिवस विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु आमने-सामने हो गए। हुड्डा ने प्रदेश सरकार से मांग की कि वह हठधर्मिता छोड़कर धरनों को समाप्त कराने के लिए तुरंत कदम उठाए। वहीं, कैप्टन ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता धरनों पर जाकर युवाओं को बरगलाकर अपनी खोई राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा कि आंदोलनकारियों की एक ही मांग है कि पिछले साल आंदोलन के बाद सरकार से हुए समझौते को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के प्रति सरकार का नजरिया देखकर लगता है कि उसकी नीयत साफ नहीं है। अगर सरकार ने प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट पर गंभीरता से कार्रवाई की होती तो आज ये दिन न देखने पड़ते। सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए निर्दोष लोगों पर दोष लगा रही है और झूठे मुकदमे दर्ज किए गए।
उधर, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि सरकार पहले भी जाट आंदोलनकारियों के साथ संविधान के दायरे में रह कर सकारात्मक सोच के साथ खुले मन से बातचीत कर चुकी है और आज भी तैयार है। बजट सत्र के दूसरे दिन विधानसभा में पत्रकारों से रू-ब-रू कैप्टन ने कहा कि विपक्षी पार्टियों को कोई मुद्दा नहीं मिल रहा। इसलिए वे जाट आरक्षण के नाम पर राजनीति कर रहे हंै। भाईचारे व सामाजिक ताने-बाने को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने आंदोलनकारियों से आह्वान किया कि वे बातचीत के लिए आगे आएं। यह समिति को स्पष्टï करना है कि वे किस स्तर पर बातचीत करना चाहते हैं।
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