'भगवान' से यूं गुनाहगार बना गुरमीत राम रहीम, रहस्यलोक के राज का खुला तो कांप उठे लोग
गुरमीत राम रहीम पर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में कोर्ट के फैसले की घडी सामने आने के साथ ही उसके काले कारनामों के बारे में लोगों को याद आ गए हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ऐसे रहस्य लोक में रहता था, जिसको भेद पाना नामुकिन सा था। लेकिन, एक पत्रकार की हिम्मत ने उसके इस वैभव का अंंत ही नहीं किया उसे सलाखों को पीछे पहुंचा दिया। एक चिट्ठी ने उसके आतंक और छद्म को खत्म कर दिया। इसके बाद गुरमीत के राज एक के बाद एक राज खुले तो सभी दंग रह गए और भक्तों के लिए 'भगवान' बने राम रहीम की असलियत सबके सामने आ गई। डेरा सच्चा सौदा में उसकी गुफा के रहस्य ने ताे सबके होश उड़ा दिए।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के दुष्कर्म की शिकार बनी एक साध्वी ने 2002 में अपनी एक चिट्ठी से गुरमीत राम रहीम के गुनाहों को उजागर किया था। इसे सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने उस समय प्रकाशित अपने सांध्य अखबार 'पूरा सच' में प्रकाशित कर गुरमीत के काले कारनामों को सबके सामने ला दिया। प्रइस चिट्ठी के आधार पर हुई जांच ने आज गुरमीत राम रहीम को जेल की सलाखों के पीछे है। यह थी वह चिट्ठी जो साध्वी ने लिखी थी....
'सेवा में,
माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी
श्री अटल बिहारी वाजपेयी, भारत सरकार
विषय : डेरे के महाराज द्वारा सैकड़ों लड़कियों से दुष्कर्म की जांच करें।
श्रीमान जी,
यह है कि मैं पंजाब की रहने वाली हूं और अब पांच साल से डेरा सच्चा सौदा सिरसा, हरियाणा (धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा) में साधु लड़की के रूप में सेवा कर रही हूं। मेरे साथ यहां सैकड़ों लड़कियां भी डेरे में १८-१८ घंटे सेवा करती हैं। हमारा यहां शारीरिक शोषण किया जा रहा है। साथ में डेरे के महाराज गुरमीत सिंह द्वारा योनिक शोषण (दुष्कर्म) किया जा रहा है।
मैं बीए पास लड़की हूं। मेरे परिवार के सदस्य महाराज के अंध श्रद्धालु हैं जिनकी प्रेरणा से मैं डेरे में साधु बनी थी। साधु बनने के दो साल बाद एक दिन महाराज गुरमीत की परम शिष्या साधु गुरुजोत ने रात के १० बजे मुझे बताया कि आपको पिता जी ने गुफा (महाराज के रहने का स्थान) में बुलाया है। मैं क्योंकि पहली बार वहां जा रही थी, मैं बहुत खुश थी। यह जानकर कि आज खुद परमात्मा ने मुझे बुलाया है। गुफा में ऊपर जाकर जब मैंने देखा महाराज बेड पर बैठे हैं। हाथ में रिमोट है, सामने टीवी पर ब्लू फिल्म चल रही है। बेड पर सिरहाने की ओर रिवॉल्वर रखा हुआ है।
मैं यह सब देखकर हैरान रह गई। मुझे चक्कर आने लगे। मेरे पांव के नीचे की जमीन खिसक गई। यह क्या हो रहा है। महाराज ऐसे होंगे? ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। महाराज ने टीवी को बंद किया व मुझे साथ बिठाकर पानी पिलाया और कहा कि मैंने तुम्हें अपनी खास प्यारी समझकर बुलाया है। मेरा यह पहला दिन था। महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। तुम्हारे साथ प्यार करना चाहते हैं क्योंकि तुमने हमारे साथ साधु बनते वक्त तन-मन-धन सब सतगुरु के अर्पण करने को कहा था। तो अब ये तन-मन हमारा है। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं। जब मैंने पूछा कि क्या यह खुदा का काम है तो उन्होंने कहा -
- श्री कृष्ण भगवान थे, उनके यहां 360 गोपियां थीं जिनसे वह हर रोज प्रेम लीला करते थे। फिर भी लोग उन्हें परमात्मा मानते हैं, यह कोई नई बात नहीं है।
- यह है कि हम चाहें तो इस रिवॉल्वर से तुम्हारे प्राण पखेरू उड़ाकर दाह संस्कार कर सकते हैं। तुम्हारे घरवाले इस प्रकार से हमारे पर विश्वास करते हैं व हमारे गुलाम हैं। वह हमारे से बाहर जा नहीं सकते। यह तुमको अच्छे से पता है।
- यह कि हमारी सरकार में बहुत चलती है। हरियाणा व पंजाब के मुख्यमंत्री, पंजाब के केंद्रीय मंत्री हमारे चरण छूते हैं। राजनीतिज्ञ हमसे समर्थन लेते हैं, पैसा लेते हैं और हमारे खिलाफ कभी नहीं जाएंगे। हम तुम्हारे परिवार के नौकरी लगे सदस्यों को बर्खास्त करवा देंगे। सभी सदस्यों को अपने सेवादारों (गुडों) से मरवा देंगे। सबूत भी नहीं छोड़ेंगे। यह तुम्हें अच्छी तरह पता है कि हमने गुंडों से पहले भी डेरे के प्रबंधक फकीर चंद को खत्म करवा दिया था जिनका अता-पता तक नहीं है। ना ही कोई सबूत बकाया है। जो कि पैसे के बल पर हम राजनीतिक व पुलिस और न्याय को खरीद लेंगे।
इस तरह मेरे साथ मुंह काला किया और पिछले तीन मास में 20-30 दिन बाद किया जा रहा है। आज मुझको पता चला कि मेरे से पहले जो लड़कियां रहती थीं, उन सबके साथ मुंह काला किया गया है। डेरे में मौजूद 35-40 साधु लड़की 35-40 वर्ष की उम्र से अधिक हैं जिनकी शादी की उम्र से निकल चुकी हैं। जिन्होंने परिस्थितियों से समझौता कर लिया है। इनमें ज्यादातर लड़कियां बीए, एमए, बीएड, एमफिल पास हैं मगर घरवालों के अंधविश्वासी होने के कारण नरक का जीवन जी रही हैं।
हमें सफेद कपड़े पहनना, सिर पर चुन्नी रखना, किसी आदमी की तरफ आंख न उठाकर देखना, आदमी से 5-10 फीट की दूरी पर रहना महाराज का आदेश है लेकिन दिखाने में देवी हैं मगर हमारी हालत वेश्याओं जैसी है। मैंने एक बार अपने परिवारवालों को बताया कि डेरे में सबकुछ ठीक नहीं है तो मेरे घर वाले गुस्से में होते हुए कहने लगे कि अगर भगवान के पास रहते हुए ठीक नहीं है तो ठीक कहां है। तेरे मन में बुरे विचार आने लग गए हैं। सतगुरु का सिमरण किया कर। मैं मजबूर हूं। यहां सतगुरु का आदेश मानना पड़ता है। यहां कोई भी दो लड़कियां आपस में बात नहीं कर सकतीं।
घरवालों को टेलिफोन मिलाकर बात नहीं कर सकतीं। घरवालों का हमारे नाम फोन आए तो हमें बात करने का महाराज के आदेशानुसार हुक्म नहीं है। यदि कोई लड़की डेरे की इस सच्चाई के बारे में बात करती है तो महाराज का हुक्म है कि उसका मुंह बंद कर दो। पिछले दिनों बठिण्डा की लड़की साधु ने जब महाराज की काली करतूतों का सभी लड़कियों के सामने खुलासा किया तो कई साधु लड़कियों ने मिलकर उसे पीटा। जो आज भी घर पर इस मार के कारण बिस्तर पर पड़ी है। जिसका पिता ने सेवादारों से नाम कटवाकर चुपचाप घर बैठा दिया है। जो चाहते हुए भी बदनामी और महाराज के डर से किसी को कुछ नहीं बता रही।
एक कुरुक्षेत्र जिले की एक साधु लड़की जो घर आ गई है, उसने अपने घर वालों को सब कुछ सच बता दिया है। उसका भाई बड़ा सेवादार था, जो कि सेवा छोड़कर डेरे से नाता तोड़ चुका है। संगरूर जिले की एक लड़की जिसने घर आकर पड़ोसियों को डेरे की काली करतूतों के बारे में बताया तो डेरे के सेवादार / गुंडे बंदूकों से लैस लड़की के घर आ गए। घर के अंदर से कुंडी लगाकर जान से मारने की धमकी दी व भविष्य में किसी से कुछ भी नहीं बताने को कहा। इसी प्रकार कई लड़कियां जैसे कि जिला मानसा (पंजाब), फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना की हैं। जो घर जाकर भी चुप हैं क्योंकि उन्हें जान का खतरा है। इसी प्रकार जिला सिरसा, हिसार, फतेहबाद, हनुमान गढ़, मेरठ की कई लड़कियां जो कि डेरे की गुंडागर्दी के आगे कुछ नहीं बोल रहीं।
अत: आपसे अनुरोध है कि इन सब लड़कियों के साथ-साथ मुझे भी मेरे परिवार के साथ जान से मार दिया जाएगा अगर मैं इसमें अपना नाम-पता लिखूंगी। क्योंकि मैं चुप नहीं रह सकती और ना ही मरना चाहती हूं। जनता के सामने सच्चाई लाना चाहती हूं। अगर आप प्रेस के माध्यम से किसी भी एजेंसी से जांच करवाएं तो डेरे में मौजूद ४०-४५ लड़कियां जो कि भय और डर में हैं। पूरा विश्वास दिलाने के बाद सच्चाई बताने को तैयार हैं। हमारा डॉक्टरी मुआयना किया जाए ताकि हमारे अभिभावकों व आपको पता चल जाएगा कि हम कुमारी देवी साधु हैं या नहीं। अगर नहीं तो किसी के द्वारा बर्बाद हुई हैं। ये बता देंगे कि महाराज गुरमीत राम रहीम सिंह जी, संत डेरा सच्चा सौदा के द्वारा तबाह की गई हैं।
- प्रार्थी
एक निर्दोष जलालत का जीवन जीने को मजबूर (डेरा सच्चा सौदा सिरसा)'
-----
अनुयायियों को यूं छलता था गुरमीत राम रहीम, हर तरह से करता था दोहन
गुरमीत राम रहीम अनुयायियों का हर प्रकार से दोहन करता था। आरोप लगाया गया कि वह अपने अनुयायियों को हर तरह से छलता था। वह उनका पूरा दोहन करता था। इनमें शारीरिक, आर्थिक और मानसिक दोहन शामिल था। वह उनसे डेरे की फैक्टरियों में मुफ्त कार्य लेता था। यहां तक की डेरा परिसर में भवन निर्माण में भी उसके अंधभक्त बिना दिहाड़ी के काम करते थे। गुरमीत राम रहीम डेराप्रेमियों से मोटी रकम वसूलने का कोई मौका नहीं छोड़ता था। मरने के बाद भी उनके शवों को भी वह कमाई का जरिया बना रखा था।
गुरमीत के साथ फिल्म देखने के लिए देने होते थे 50 हजार रुपये
गुरमीत फिल्मी दुनिया में कदम रखने के बाद हर तरीके से पैसा कमाता रहा। डेरा प्रमुख अपने साथ फिल्म देखने वालों से भी मोटी रकम वसूलता था। थियेटर में डेरा प्रमुख के आसपास वाली सीटों की कीमत तो 50 हजार रुपये तक होती थी। जिस दिन डेरा प्रमुख थियेटर में आता था, उस दिन उसके परिवार के अलावा उन लोगों को ही फिल्म देखने का मौका मिलता था, जो महंगे दामों में टिकट खरीद सकें। गौरतलब है कि डेरा प्रमुख ने 2015 में फिल्मी दुनिया में कदम रखा और अब तक उसकी पांच फिल्में रिलीज हुई है।
चलता था पार्टियों का दौर
डेरा प्रमुख की फिल्म रिलीज होने से लेकर उसकी कमाई के बाद पार्टियों का दौर चलता था। पहले रिलीज पार्टी होती थी, जिसमें डेरा प्रमुख व उनके परिवार के सदस्य चुनिंदा लोगों के साथ फिल्म रिलीज होने का जश्न मनाते। उसके बाद कभी 100 करोड़ तो कभी 200 करोड़ की कमाई होने का दावा करके सक्सेस पार्टी का आयोजन होता। सक्सेस पार्टी में भी खास लोगों को बुलाया जाता था। डेरा प्रमुख की फिल्म के रिलीज के दिन भी साध संगत को खर्चा करना पड़ता था। पहले तो रिलीज के नाम पर अलग-अलग शहर में कार्यक्रम होते थे और साध संगत ढोल-नगाड़ों के साथ शहर व गांवों में रैलियां निकालती।
-------
खुद ही था आर्किटेक्ट, फ्री में मजदूरी करते थे अंधभक्त
डेरा सच्चा सौदा में बनी इमारतों को किसी आर्किटेक्ट से मदद लेने की बजाय खुद गुरमीत राम रहीम ने ही डिजाइन किया था। उसने दिल के आकार में अस्पताल बनवाया तो कहीं ताजमहल की प्रतिकृति की विला भी बनवाई। इन इमारतों को बनवाने के लिए गुरमीत को अंधभक्तों के रूप में मुफ्त में कारीगर और मजदूर मिल जाते थे। वे इस काम को सेवा समझकर करते थे।
सूत्रों के अनुसार, डेरे में भवन निर्माण में निपुण लोगों का अलग से डाटा तैयार किया जाता था। जब भी डेरे में कोई बिल्डिंग बननी होती तो ऐसे लोगों को बुलाया जाता। ये लोग सारा कामकाज व परिवार छोड़कर कई-कई दिन तक डेरे में ही निर्माण कार्य में जुटे रहते और इनको कोई पैसा भी नहीं मिलता था।
31 दिन में बना दिया था अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम
सूत्रों के मुताबिक, डेरे में शाह सतनाम अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम भी फ्री के कारीगरों और मजदूरों के सहारे मात्र 31 दिनों में ही बना दिया गया था। स्टेडियम निर्माण में सैकड़ों डेरा अनुयायियों को लगाया गया था। इसी तरह सचखंड हाल, सत्संग हाल, अस्पताल निर्माण और अन्य भवनों के निर्माण में भी साध संगत से मजदूरी करवाई गई।
------
भूमिगत हो गई डेरे की ग्रीन फोर्स
गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद ग्रीन फोर्स भी भूमिगत हो गई है। ग्रीन फोर्स के जवान हर समय डेरा में जगह जगह पर तैनात रहते थे। डेरा पर इस फोर्स को हथियारों की ट्रेनिंग देने के भी आरोप लगे। डेरा द्वारा शाह सतनाम ग्रीन वेलफेयर फोर्स में 1;25 लाख अनुयायी होने का दावा किया जाता रहा है।
------
गुरमीत को साध्वी दुष्कर्म प्रकरण में सीबीआइ की विशेष अदालत ने पंचकूला में 25 अगस्त को दोषी करार दिया था। इसी दिन उसे सुनारिया जेल में भेज दिया गया था। 28 अगस्त को जेल में ही अदालत लगाकर गुरमीत को दो मामलों में 10-10 साल की सजा सुनाई थी। यह सजा अलग-अलग चलेगी यानि गुरमीत को 20 साल जेल में रहना होगा। वह 25 अगस्त से ही रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है।