नई परिवहन नीति के ड्राफ्ट को मंत्री समूह की सहमति, 450 रुटों पर चलेंगी निजी बसें
हरियाणा की नई परिवहन नीति के ड्राफ्ट पर मंत्री समूह की बैठक में सहमति दे दी गई। यह नीति निजी बसाें को परमिट देने पर रोडवेज कर्मचारियों के विरोध के बाद लाया जा रहा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। निजी बस रूट परमिट पॉलिसी पर रोडवेज कर्मचारियों और निजी बस ऑपरेटरों की जिद के बीच फंसी सरकार ने नई परिवहन नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। मंगलवार को मंत्री समूह की बैठक में यह मुद्दा छाया रहा। बताया जाता है कि मंत्री समूह ने सहमति दे दी। अब जल्द ही इसे आमजन व रोडवेज कर्मचारियों के सुझावों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा।
479 रूट बनाए गए, साढ़े चार सौ रूटों पर दौड़ सकती हैं प्राइवेट बसें
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने विस्तार से पूरी नीति का मसौदा बयां किया। कुल 479 रूट बनाए गए हैं जिनमें करीब साढ़े चार सौ रूटों पर प्राइवेट बसें चलाई जाएंगी। इनमें पुराने रूटों के साथ कुछ नए रूट शामिल हैं।
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वादे के मुताबिक रूट निर्धारण में कर्मचारी संगठनों के सुझावों का विशेष ध्यान रखा गया है। वहीं, दूसरी ओर नए ड्राफ्ट के खिलाफ लामबंद हो रहे निजी बस संचालकों का आरोप है कि सरकार रोडवेज कर्मचारियों के दबाव में आकर उनके साथ अन्याय कर रही है। अगर उनके हितों की अनदेखी हुई तो वे हाई कोर्ट में केस दाखिल करेंगे।
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निजी बसों को विवादित रूटों पर परमिट दिए जाने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी दो बार पूरे हरियाणा में चक्का जाम कर चुके। हालिया चक्का जाम के बाद परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के साथ रोडवेज कर्मचारियों ने इसी शर्त पर समझौता किया कि सरकार अगले एक सप्ताह में नई परिवहन नीति का ड्राफ्ट जारी कर देगी। मंत्री समूह की बैठक में ड्राफ्ट को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया जिस पर सीएम ने मंजूरी दे दी है।
एसवाइएल नहर मामले पर भी हुई चर्चा
मंत्री समूह की बैठक में सतलुज-यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) के मसले पर भी चर्चा हुई। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा पंजाब विधानसभा में हरियाणा को एसवाइएल के हिस्से का पानी नहीं दिए जाने के बयान पर पलटवार करते हुए सीनियर मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा अपने हिस्से का एक बूंद पानी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा, हमें अमरिंदर सिंह से पानी नहीं लेना। हमें तो अवार्ड के माध्यम से मिलने वाला पानी चाहिए और इसे हम लेकर रहेंगे।