CID पर विवाद के बीच विज की कमेटी को राज्यपाल की मंजूरी, मामले में उठे बड़े सवाल
हरियाणा की मनोहरलाल सरकार में सीआइडी को गृह विभाग से अलग करने के विवाद के बीच नया सवाल उठ गया है। राज्यपाल ने गृहमंत्री अनिल विज द्वारा गठित सीआइडी की कमेटी को मंजूरी दे दी है।
चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में सीआइडी (क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) किसके पास? यह गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की वेबसाइट पर यह महकमा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दिख रहा है तो गृह मंत्री अनिल विज सीआइडी को गृह विभाग के अधीन होने का दावा कर रहे। इस विवाद के बीच हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने गृह मंत्री अनिल विज द्वारा गठित उस तीन सदस्यीय कमेटी पर अपनी मुहर लगा दी है। इससे बडा सवाल उठ गया है।
सीआइडी के कामकाज में सुधार पर रिपोर्ट देगी विजयवर्धन की कमेटी, केपी सिंह व पीआर देव सदस्य
इस कमेटी का गठन सीआइडी की ओवरहालिंग के लिए किया गया था। गृह सचिव विजयवर्धन के नेतृत्व में विज ने यह कमेटी बनाई थी, जिसमें पूर्व डीडीपी केपी सिंह और पीआर देव को शामिल किया गया है। हरियाणा के राज्यपाल ने इस कमेटी के गठन के आदेश बुधवार शाम जारी कर नए विवादों को हवा दे दी है।
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डा. केपी सिंह स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के महानिदेशक हैै, जबकि पीआर देव सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड के कमांडेंट जनरल हैैं। विज ने इस कमेटी को सीआइडी की कार्यप्रणाली में सुधार पर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी सौंप रखी है। ऐसे में सवाल खड़े हो गए हैं कि जब सीआइडी सीएम के पास है तो इस कमेटी के गठन का क्या औचित्य है। कमेटी गठित होने के बाद विज के उस दावे को भी बल मिला है जिसमें उन्होंने कहा है कि सीआइडी गृह विभाग के अधीन है और यह महकमा उनके पास है।
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